गांव के किसानों ने जून माह से ही खेती की शुरूआत की थी। खेतों को जुताई से लेकर मेड बांधने व बीज बोने का काम पूरा कर लिया था। जुताई, बोआई के लिए खर्च के अलावा बीज का नुकसान हुआ है। पर्यावरण अधिकारी पांडेय ने बताया कि मुआवजे का आकलन राजस्व विभाग की ओर से किया जाएगा।
By Suresh kumar Dewangan
Publish Date: Wed, 03 Jul 2024 11:29:04 PM (IST)
Up to date Date: Wed, 03 Jul 2024 11:29:04 PM (IST)
HighLights
- पर्यावरण मंडल के अधिकारी पहुंचे मौके पर, की कार्रवाई
- अधिक नुकसान धनरास में, पर पर्यावरण अफसर मेहरबान
- एनटीपीसी पर जन-जीवन को खतरे में डालने का दर्ज हो अपराध
नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा: ग्राम भालूसटका में एक दर्जन किसानाें के आठ एकड़ खेत में राखड़ भरने के मामले को पर्यावरण नियंत्रण मंडल ने संज्ञान में लिया है। मामले में कृषि उपज मंडी के सचिव को नोटिस जारी करते हुए चार दिन के भीतर राख निकालने के लिए कहा है। पर्यावरण मंडल की ओर से भालूसटका के अलावा अन्य जगहों के खेतों में राख भरने की आशंका को देखते हुए निरीक्षण किया जा रहा है।
ग्राम भालूसटका में निर्मित कृषि मंडी के जमीन को समतल करने 180 ट्रक राखड़ डाला गया था। राखड़ के ऊपर मिट्टी की पतली लेयर डाल फिलिंग की औपचाकिता कर ली गई थी। इसकी पोल लगातार हुई वर्षा से खुल गई और राख बहकर किसानों की खेतों तक पहुंच गया। करीब एक दर्जन किसानों की आठ एकड़ धान की बोआई कार्य पर पानी फिर गया है। नईदुुनिया ने इस घटना को गड्ढे में पाटा गया राख वर्षा की पानी से बहकर पहुंचा खेतों तक, शीर्षक से बुधवार तीन जुलाई के अंक में प्रकाशित किया गया। खबर प्रकाशन के बाद क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी प्रमेंद्र पांडेय ने भालूसटका के प्रभावित खेतों का निरीक्षण किया। उन्होने बताया कि कृषि मंडी में राखड़ की तुलना में कम मिट्टी डालने की वजह से खेतों में राख पहुंचा है। उन्होने कृषि मंडी के सचिव को नोटिस जारी कर खेतों राख निकालने के लिए कहा है।
अधिक नुकसान धनरास में, पर पर्यावरण अफसर मेहरबान
ग्राम धनरास में भी किसानाें के खेतों में राखड़ पहुंचने से 40 एकड़ रकबा में लगे फसल को नुकसान हुआ है। पहले तो माना जा रहा था कि बांध वर्षा जल के भराव के कारण टूट गया, लेकिन एनटीपीसी प्रबंधन ने खुद स्वीकार कर लिया है कि बांध के तटबंध उसने तोड़ा है। पर्यावरण नियंत्रण मंडल के अधिकारी प्रमेंद्र पांडेय का कहना है कि इस घटना मेें किसानों का खेत प्रभावित नहीं हुआ है। वहीं एनटीपीसी प्रबंधन प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। ऐसे में सवाल उठता है कृषि मंडी पर पर्यावरण नियंत्रण मंडल के अधिकारी कार्रवाई कर रहे, वहीं दूसरी ओर एनटीपीसी प्रबंधन को बख्श दिया जा रहा। जबकि भालूसटका से कहीं ज्यादा धनरास के किसानों को नुकसान पहुंचा है।
एनटीपीसी पर जन-जीवन को खतरे में डालने का दर्ज हो अपराध
फिनिक्स यूथ आर्गेनाइजेशन ने एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। धनराख राखड़ बांध की वजह से यहां के किसानों के खेत में राख भर जाने की घटना को गंभीर बताते हुए आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने की मांग की गई है। आर्गेनाइजेशन के संयोजक अनिल द्विवेदी के अगवाई में कटघोरा पहुंचकर थाना प्रभारी को सदस्यों की उपस्थिति में ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान थाना प्रभारी से आम लोगाें के जीवन को खतरे में डालने का अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की गई।