नई दिल्ली. टेस्ट क्रिकेट में महान सुनील गावस्कर के साथ कई मैचों में ओपनिंग कर चुके चेतन चौहान (Chetan Chauhan) को एक खास कारण से याद किया जाता है. भारत की ओर से 40 टेस्ट की 68 पारियों में दो बार नाबाद रहते हुए चेतन ने 16 अर्धशतकों की मदद से 2084 रन बनाए लेकिन इनमें से किसी अर्धशतक को शतक में तब्दील नहीं कर सके. इस दौरान दो बार वे नर्वस नाइंटीज (90+ का स्कोर) के शिकार बने जबकि छह बार 80 रन से अधिक के स्कोर पर आउट हुए. उन्हें ऐसा बैटर माना जाता था जो शतक के करीब पहुंचकर नर्वस हो जाता था और हड़बड़ी में विकेट गंवा बैठता था. मॉडर्न क्रिकेट में एक बैटर इस मामले में चेतन चौहान के ‘रिकॉर्ड’ को भी पीछे छोड़ चुका है. श्रीलंका के निरोशन डिकवेला (Niroshan Dickwella) ने चेतन से ज्यादा 22 अर्धशतक लगाए हैं लेकिन टेस्ट में शतक अब तक उनके लिए सपना ही रहा है.
डिकवेला 54 टेस्ट खेल चुके हैं और 96 पारियों में 7 बार नाबाद रहते हुए 22 अर्धशतक बनाए हैं लेकिन शतक एक भी नहीं बना सके है. डिकवेला भी चेतन की तरह दो बार ‘नर्वस नाइंटीज’ पर आउट हुए हैं. टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाए बिना रन बनाने के मामले में वे दुनिया के दूसरे नंबर के बैटर हैं. बिना शतक के डिकवेला से ज्यादा रन ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज लेग स्पिनर (स्वर्गीय) शेन वॉर्न ने ही बनाए हैं. खालिस बॉलर के तौर पर खेले वॉर्न के नाम पर 145 टेस्ट में 17.32 के औसत से 3154 रन (सर्वोच्च 99) दर्ज हैं जिसमें 12 अर्धशतक शामिल हैं. दूसरे स्थान पर डिकवेला का स्थान आता है जबकि न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज टिम साउदी 100 टेस्ट में छह अर्धशतकों की मदद से 2098 रन बनाकर तीसरे और ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टॉर्क 89 टेस्ट में 10 अर्धशतकों की मदद से 2093 रन बनाकर चौथे स्थान पर हैं. इन प्लेयर्स में डिकवेला को छोड़कर अन्य सभी मूलत: बॉलर हैं.
टेस्ट क्रिकेट में बना चुके 2500 से ज्यादा रन
31 साल के डिकवेला ने अब तक 54 टेस्ट में 30.97 के औसत से 2757 रन बनाए हैं. बाएं हाथ के इस क्रिकेटर की छवि आक्रामक बल्लेबाज की है. आम धारणा है कि जरूरत से अधिक आक्रामक तेवर अपनाने के कारण ही डिकवेला टेस्ट में अब तक शतक नहीं बना सके हैं, इसके जवाब में इस श्रीलंकाई बैटर ने एक बार कहा था, ‘मैं जो शॉट खेलकर आउट होता हूं, वही मुझे रन बनाने में मदद करते हैं. कभी-कभी समस्या यह होती है कि मैं इस शॉट को अच्छी तरह क्रियान्वित नहीं कर पाता. मैं इस पहलू पर फोकस कर रहा हूं कि पारी में गियर कैसे बदला जाए और स्थिति के अनुसार कब रन बनाने की गति को तेज किया जाए और कब धीमा.’
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तीन ‘जीवनदान’ मिले लेकिन 96 पर हुए थे आउट
अब तक के टेस्ट सफर में डिकवेला एक बार 96 और एक बार 92 के स्कोर पर आउट हुए हैं. मार्च 2021 में वेस्टइंडीज के खिलाफ नॉर्थ साउंड टेस्ट के चौथे दिन 96 के स्कोर पर केमार रोच की गेंद पर बोल्ड होने के पहले डिकवेला को किस्मत का भरपूर साथ मिल रहा था. पारी के दौरान उनका गली पर कैच छूटा था जबकि एक बार अल्जारी जोसेफ की लेग साइड की ओर जाती गेंद पर बैट का किनारा लगने के बावजूद अंपायर ने उन्हें नॉट आउट करार दिया था. डिकवेला उस समय 74 के स्कोर पर थे. यही नहीं, जब वे 95 के स्कोर पर थे तो रोच की एक गेंद हेलमेट प्रोटेक्टर से टकराकर विकेट पर लग गई थी लेकिन बेल्स नहीं गिरने के कारण डिकवेला बच गए थे. बहरहाल, इन तीन ‘जीवनदान’ का भी वे फायदा नहीं उठा सके और रोच की गेंद पर आउट होकर बिना शतक बनाए पवेलियन लौटे.
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इंग्लैंड के खिलाफ 92 पर गंवाया था विकेट
वेस्टइंडीज के खिलाफ 96 पर आउट होने से दो माह पहले इंग्लैंड के खिलाफ गॉल टेस्ट में भी डिकवेला शतक चूके थे और 92 रन पर आउट हो गए थे. इसके अलावा डिकवेला टेस्ट में दो बार 80 से अधिक का स्कोर पर भी आउट हो चुके हैं.
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वनडे में दो शतक बना चुके हैं डिकवेला
टेस्ट में भले ही शतक अब तक डिकवेला की पहुंच से दूर हैं लेकिन वनडे में दो सैकड़े उनके नाम पर दर्ज हैं. 2014 में इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले डिकवेला ने अब तक 55 वनडे में 31.45 के औसत से 1604 रन बनाए हं जिसमें दो शतक और 9 अर्धशतक हैं. 28 टी20I में 480 रन भी वे बना चुके हैं. डिकवेला मार्च 2023 के बाद से श्रीलंका की टीम से बाहर हैं. ऐसे में टेस्ट क्रिकेट में शतक बनाने का सपना पूरा करने के लिए उनका इंतजार बढ़ता जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 07:59 IST