कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया है कि नर्सिंग काउंसिल के चुनाव न कराकर मंत्री और अधिकारियों ने मनमर्जी से मान्यता बांट दी। कांग्रेस ने मंत्री विश्वास सारंग से इस्तीफे की मांग की तो उन्होंने कहा मैं मंत्री पद से इस्तीफा बिल्कुल भी नहीं दूंगा।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Tue, 02 Jul 2024 10:00:04 PM (IST)
Up to date Date: Tue, 02 Jul 2024 10:00:04 PM (IST)
HighLights
- विधानसभा में दिनभर ध्यानाकर्षण सूचना पर बहस
- सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के बीच हुई तीखी नोकझोंक
- सरकार ने कहा- कमल नाथ सरकार में दी मान्यता
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। नर्सिंग कॉलेज की मान्यता को लेकर विधानसभा में मंगलवार को सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के बीच दिनभर बहस चली। कांग्रेस के सदस्यों द्वारा प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से इस्तीफा लेकर सर्वदलीय कमेटी से जांच की मांग पर सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
सरकार द्वारा मांग नहीं मानने और आसंदी द्वारा कोई निर्देश नहीं देने पर कांग्रेस के सदस्यों ने आसंदी के समक्ष आकर नारेबाजी भी की। मंत्री विश्वास सारंग ने भी साफ कह दिया कि मैं त्यागपत्र कतई नहीं दूंगा। सदन में नर्सिंग कॉलेज घोटाले पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने आरोप लगाया कि नर्सिंग काउंसिल के चुनाव न कराकर मंत्री और अधिकारियों ने मनमर्जी से मान्यता दी। बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई। जिन्हें पात्रता नहीं थीं, उन्हें पदस्थ किया गया।
लाखों विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़
लाखों विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ। इसमें तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की भूमिका रही है, उनका त्यागपत्र लेकर सर्वदलीय कमेटी से जांच कराई जाए।
उप मुख्यमंत्री स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राजेंद्र शुक्ल ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया और तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को क्लीनचिट देते हुए कहा कि सारंग इस मामले में पूरी तरह से खरे हैं। उन्होंने ईमानदारी के साथ व्यवस्था को सुधारने का काम किया है। जिन कालेजों को अनुपयुक्त पाया गया उनमें 39 को मान्यता कमल नाथ सरकार में दी गई थी। वहीं, सारंग ने कहा कि मैं त्यागपत्र कतई नहीं दूंगा।
मंत्री की बिना सहमति अधिकारी घोटाला नहीं कर सकते, सरकार कार्रवाई करे
सिंघार नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, उप नेता हेमंत कटारे, जयवर्धन सिंह, भंवर सिंह शेखावत समेत प्रतिपक्ष के कई सदस्यों ने आरोप लगाया कि नर्सिंग कॉलेज को मान्यता देने में सुनियोजित तरीके से घोटाला किया गया।
काउंसिल के चुनाव नहीं कराए गए। आउटसोर्स वाले रखे गए। पेपर लीक मामले में सुनीता शिजू के विरुद्ध ईओडब्ल्यू में प्रकरण है, फिर भी उन्हें रजिस्ट्रार बनाया गया। स्टाफ नर्स को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई। योगेश शर्मा को प्रशासक बनाया, जो नियमानुसार बनाया ही नहीं जा सकता है।
तत्कालीन मंत्री विश्वास सारंग ने डीन को पत्र लिखा। जिन कालेजों को अपात्र घोषित किया गया था, उन्हें मंत्री के निर्देश पर मान्यता दी गई। एक वर्ष में 219 कॉलेजों को मान्यता दी।
हाईकोर्ट के निर्देश पर जांच में धांधली उजागर हो चुकी है। कोई भी इससे बच नहीं सकता है। मंत्री, अधिकारी और निरीक्षणकर्ता सब दोषी हैं। इन्होंने लाखों विद्यार्थियों का भविष्य और उनके माता-पिता के सपने का दांव पर लगाने का अपराध किया है। सिंघार के आरोपों पर संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रश्न उठाए और गलत कहा तो सिंघार ने कहा कि उनके आरोप गलत साबित हुए तो नेता प्रतिपक्ष पद से त्यागपत्र दे दूंगा।
कांग्रेस के सारे आरोप आधारहीन और तथ्यों से परे
राजेंद्र शुक्ल प्रतिपक्ष के सदस्यों के आरोपों को उप मुख्यमंत्री स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राजेंद्र शुक्ल ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि 2018 के पहले मान्यता इंडियन नर्सिंग काउंसिल देती थी लेकिन फिर राज्यों की काउंसिल बनी। सीबीआइ जांच में जो 66 अनुपयुक्त कालेज पाए गए, उनमें से 39 को मान्यता कांग्रेस सरकार में दी गई थी।
आधारहीन और तथ्यों से परे आरोप लगाए गए हैं। दो वर्ष में 480 मान्यता के आवेदन निरस्त किए गए। तीन वर्षों में 502 अस्पतालों का पंजीयन निरस्त किया। मान्यता देने में गड़बड़ी करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। दो रजिस्ट्रार बर्खास्त किए जा चुके हैं तो सात का पदावनत किया है।
हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति बनी है। जो भी दोषी होगा कार्रवाई होगी। विद्यार्थियों का राज्य सरकार अहित नहीं होने देगी। दिसंबर 2025 तक एक लाख विद्यार्थियों की परीक्षा कराएंगे। मंत्री विश्वास सारंग को क्लीन चिट देते हुए कहा कि वह इस मामले में पूरी तरह खरे हैं। ईमानदारी के साथ व्यवस्था को सुधारने का काम किया है। मंत्री का मान्यता और संबद्धता के मामले में कोई हस्ताक्षर नहीं होता है।
कमल नाथ सरकार के गिरने वाले दिन 353 मान्यता जारी की
सारंग पूरे मामले में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि मुझे इस तरह चौराहे पर खड़ा करने का प्रयास किया, जैसे मैं दोषी हूं। नर्सिंग काउंसिल एक स्वशासी संस्था है। कोई फाइल मंत्री तक आती ही नहीं है।
कमल नाथ सरकार ने जाते-जाते 20 मार्च 2020 को 353 मान्यता दी। बिना निरीक्षण के मान्यता दी जाती थी। हमारी सरकार ने व्यवस्था बदली। भौतिक सत्यापन कर 150 कालेज बंद किए।
फैकल्टी के दोहराव को रोकने आनलाइन व्यवस्था बनाई। कांग्रेस सरकार ने नर्सिंग काउंसिल के चुनाव क्यों नहीं कराए। गड़बड़ी मिलने पर अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित किया। हमारी सरकार ने तीन वर्ष में 509 ऐसे कालेजों को आगे बढ़ने रोका, जो गलत थे। विद्यार्थियों को दूसरे कालेजों में स्थानांतरित करवाया ताकि उनका नुकसान न हो।