MLA Kanchan Tanve: मप्र हाई कोर्ट ने खंडवा की भाजपा विधायक कंचन तनवे पर लगाया 50 हजार का जुर्माना

MLA Kanchan Tanve: मप्र हाई कोर्ट ने खंडवा की भाजपा विधायक कंचन तनवे पर लगाया 50 हजार का जुर्माना

मप्र हाई कोर्ट की सुनवाई को लंबित रखने टालमटोली करने और कोर्ट को गुमराह करते हुए समय पर नोटिस न मिलने की गलतबयानी करने पर मप्र हाई कोर्ट ने खंडवा विधायक कंचन तनवे पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। भाजपा विधायक तनवे के जाति प्रमाण पत्र में गलत जानकारी देने का मामला कोर्ट में चल रहा है।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Tue, 02 Jul 2024 10:56:42 PM (IST)

Up to date Date: Tue, 02 Jul 2024 10:56:42 PM (IST)

खंडवा विधायक कंचन तनवे पर कोर्ट सख्त

HighLights

  1. खंडवा विधायक कंचन तनवे पर 50 हजार रुपये का जुर्माना
  2. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान हाजिर नहीं होने पर विधायक पर सख्ती
  3. जाति प्रमाण पत्र में गलत जानकारी देने का मामला

नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर : हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ ने भारतीय जनता पार्टी की खंडवा विधायक कंचन तनवे पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना राशि एक सप्ताह के भीतर हाई कोर्ट रजिस्ट्री में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।

जाति प्रमाण पत्र में गलत जानकारी

यह मामला विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पराजित प्रत्याशी कुंदल मालवीय की चुनाव याचिका से संबंधित है। इसके जरिये भाजपा विधायक तनवे के जाति प्रमाण पत्र में गलत जानकारी को आधार बनाया गया है। साथ ही निर्वाचन निरस्त कर नए सिरे से चुनाव कराए जाने पर बल दिया गया है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान विधायक तनवे को हाजिर होना था, लेकिन वे हाजिर नहीं हुईं। लिहाजा, हाई कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए जुर्माना लगा दिया।

इन दो आधारों पर लगाया गया जुर्माना

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि भाजपा विधायक तनवे पर दो आधारों पर जुर्माना अधिरोपित किया गया है। पहला यह कि उन्होंने कोर्ट की सुनवाई को लंबित रखने टालमटोली का रवैया अपनाया। दूसरा और सबसे गंभीर यह कि उन्होंने कोर्ट को गुमराह करते हुए समय पर नोटिस न मिलने की गलतबयानी की। यही नहीं कोर्ट पर एकपक्षीय आदेश पारित करने का मिथ्या दोषारोपण तक कर दिया।

उनका कुतर्क यह रहा कि 23 अप्रैल, 2024 को हाई कोर्ट द्वारा जारी नोटिस उन्हें आठ मई को प्राप्त हुआ। जबकि इससे पूर्व ही छह मई को हाई कोर्ट ने 13 मई को हाजिर होने का एकपक्षीय आदेश पारित कर दिया। वास्तविकता यह है कि भाजपा विधायक को हाई कोर्ट से भेजा गया नोटिस 27 अप्रैल को ही प्राप्त होे गया था, जो उनके नजदीकी से हस्तगत किया था।

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