मंगलवार 2 जुलाई को भगवान शिवरीनारायण मठ मंदिर में एकादशी के अवसर पर भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को महास्नान कराया गया। महास्नान के बाद भगवान अब अस्वस्थ हो गए हैं। वे विश्राम करेंगे। इस दौरान उन्हें काढ़ा और औषधि ही खिलाई जाएगी। महानदी के त्रिवेणी संगम के जल व गंगाजल से श्री जगन्नाथ स्वामी, बलभद्र व माता सुभद्रा को महास्नान कराया गया।
By komal Shukla
Publish Date: Tue, 02 Jul 2024 11:50:14 PM (IST)
Up to date Date: Tue, 02 Jul 2024 11:50:14 PM (IST)
नईदुनिया न्यूज,शिवरीनारायण: मंगलवार 2 जुलाई को भगवान शिवरीनारायण मठ मंदिर में एकादशी के अवसर पर भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को महास्नान कराया गया। महास्नान के बाद भगवान अब अस्वस्थ हो गए हैं। वे विश्राम करेंगे। इस दौरान उन्हें काढ़ा और औषधि ही खिलाई जाएगी। त्यागी जी महराज ने बताया पौराणिक मान्यता व परंपरा का निर्वहन करते हुए एकादशी को मठ मंदिर में महानदी के त्रिवेणी संगम के जल व गंगाजल से श्री जगन्नाथ स्वामी, बलभद्र व माता सुभद्रा को महास्नान कराया गया। महास्नान के पश्चात वे अब अस्वस्थ हो गए हैं। उनका औषधि से इलाज शुरू हो चुका है। अभी 5 दिनों तक विशेष सेवा और स्वास्थ्य लाभ के बाद भगवान रथयात्रा के दिन भक्तों को दर्शन देंगे। मान्यता है एकादशी को महास्नान के बाद ही भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ व माता सुभद्रा बीमार हो जाते हैं। उनका इलाज आयुर्वेदिक औषधियों से किया जाता है। भगवान की विशेष पूजा अर्चना त्यागी महाराज, प्रतीक शुक्ला व अन्य भक्तों ने की।
भगवान जगन्नाथ को लगता है काढ़े का भोग
मठ मंदिर के मुख्तियार सुखराम दास ने बताया आमतौर पर सभी दिन भगवान जगन्नाथ को दाल, रोटी, महाप्रसाद, सब्जी व दूध का भोग लगाया जाता है। लेकिन आगामी 5 दिनों तक बीमार होने पर भगवान को परहेज का पालन करना होगा। इसलिए बीमार होने पर एकांतवास में भगवान को सोंठ, पीपर, अंजवाइन, दालचीनी, जावित्री, काली मिर्च, लौंग, इलायची गुड़ को उबालकर बनाया गया दशमूल काढ़ा, हल्दी युक्त दूध, फलों का जूस, औषधियुक्त लड्डू का भोग लगाया जाएगा। जिससे उनकी तबियत जल्दी ठीक हो जाए। त्यागी महाराज ने बताया भगवान जगन्नाथ की सारी सेवाएं स्कंद पुराण में बताए गए नियमों के अनुसार ही की जाती है।
ठीक होने तक भगवान करेंगे विश्राम
बीमार होने के कारण भगवान अब 5 दिनों तक परहेज में रहेंगे और भक्तों को इस दौरान दर्शन नहीं देंगे। भगवान को मंगलवार को उनके मंदिर से दूसरे स्थान एकांतवास पर ले जाया गया। जिससे अब भक्तों को सीधे 5 दिनों बाद 7 जुलाई को रथयात्रा के दिन ही भगवान के दर्शन हो पाएंगे। भगवान का महंत रामसुन्दर दास महाराज, त्यागी महाराज और सुखराम दास द्वारा पूजा अर्चना कर काढ़ा व औषधि का भोग लगाया जाएगा।