Fiscal Deficit of MP: 55,709 करोड़ रुपये रहा मप्र का राजकोषीय घाटा, कुल जीएसडीपी का 4.02 प्रतिशत

Fiscal Deficit of MP: 55,709 करोड़ रुपये रहा मप्र का राजकोषीय घाटा, कुल जीएसडीपी का 4.02 प्रतिशत

मप्र में मसालों का उत्पादन भी बढ़ा है। सब्जियों और फलों का उत्पादन भी बढ़ चुका है। प्रदेश में 3.56 करोड़ लाभार्थियों को डिजिटल आयुष्मान कार्ड जारी करने वाला देश का पहला राज्य है। पारंपरिक ऊर्जा उत्पादन में 270.47 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

By Sandeep Chourey

Publish Date: Tue, 02 Jul 2024 10:57:00 PM (IST)

Up to date Date: Tue, 02 Jul 2024 10:57:00 PM (IST)

मध्यप्रदेश के अपने कर संग्रह में 12.79 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ोतरी हुई। – (सांकेतिक फोटो)

HighLights

  1. मप्र में राजस्व घाटे की स्थिति से उभरने के संकेत
  2. कुल राजस्व 2,25,710 करोड़ होने की संभावना
  3. दलहन के उत्पादन में 42.62 प्रतिशत की वृद्धि

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश का 55,709 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा रहा है। यह अनुमान सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 4.02 प्रतिशत है। वर्ष 2023-24 में राजस्व आधिक्य राशि 413 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, इसे कोरोना काल की राजस्व घाटे की स्थिति से उबरने एवं एक स्थिर और मजबूत वित्तीय स्थिति का संकेत मान सकते हैं।

वर्ष 2019-20 से वर्ष 2022-23 के दौरान राज्य करों का हिस्सा जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में 6.16 प्रतिशत से बढ़कर 6.20 प्रतिशत हो गया है इस अवधि के दौरान राज्य के अपने कर संग्रह में 12.79 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ोतरी हुई।

भूमि राजस्व 1,200 करोड़ रुपये, स्टाम्प और पंजीकरण शुल्क 10,400 करोड़ रुपये, और एसजीएसटी 32,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। कुल राजस्व प्राप्तियां 2,25,710 करोड़ रुपये होने की संभावना है, जो कुल प्राप्तियों का 80.14 प्रतिशत है।

बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के कारण जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में पूंजीगत व्यय, वर्ष 2019-2020 में 3.23 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2022-2023 में 3.48 प्रतिशत होने और वर्ष 2023-2024 में बढ़कर 3.90 प्रतिशत होने का अनुमान है। इस अवधि के दौरान ऋण और अग्रिम भी 0.11 प्रतिशत से बढ़कर 0.16 प्रतिशत होने का अनुमान है।

मप्र में 4.29 करोड़ लोग बैंकिंग सुविधाओं से लाभान्वित

प्रधानमंत्री जन धन योजना के माध्यम से प्रदेश में अब तक 4.29 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को बैंकिंग की सुविधाओं से लाभान्वित किया है। सरकार द्वारा बैंकिंग सेवाओं को सुलभ एवं कृषि, उद्योग एवं अन्य क्षेत्रों के लिए ऋण विस्तार के प्रयास किए जा रहे, फलस्वरूप 2005-06 से 2023-24 तक कृषि ऋण में 16.4 प्रतिशत सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) की वृद्धि एवं एमएसएमई क्षेत्र में 33.85 प्रतिशत सीएजीआर की वृद्धि हुई है।

प्रदेश के निजी बैंकों, लघु वित्त बैंकों एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपी.ए) में क्रमशः 47,19 एवं 6 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।

दलहन के उत्पादन में बढ़ोतरी

दलहन के उत्पादन में 42.62 प्रतिशत की वृद्धि वित्तीय वर्ष 2023-24 में मध्य प्रदेश ने प्रमुख फसलों के उत्पादन में 0.20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। हालांकि अनाज के उत्पादन में 1.91 प्रतिशत की कमी हुई, जबकि दलहन में 42.62 प्रतिशत की वृद्धि हुई, और तिलहन में 7.32 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

मसालों का उत्पादन 2022-23 में 52.62 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 53.59 लाख मीट्रिक टन हो गया। सब्जियों का उत्पादन 236.41 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 242.62 लाख मीट्रिक टन हो गया, और फलों का उत्पादन 95.10 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 95.54 लाख मीट्रिक टन हो गया।

आयुष्मान कार्ड जारी करने और पथ विक्रेताओं को ऋण देने में देश में मप्र प्रथम प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में प्रदेश में 9.50 लाख आवास स्वीकृत हुए हैं, जिसमें से 7.50 लाख आवास पूरे हो चुके हैं।

इसके अलावा 3.56 करोड़ लाभार्थियों को डिजिटल आयुष्मान कार्ड जारी करने वाला देश का पहला राज्य है। पीएम स्वनिधि योजना के प्रथम चरण में 8.30 लाख शहरी पथ विक्रेताओं को 827.85 करोड़ रुपये का ऋण वितरित कर राज्य ने देश में पहला स्थान पर है।

वर्ष 2004 से 2024 के बीच में पारंपरिक ऊर्जा उत्पादन में 270.47 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। देश के कुल सौर ऊर्जा उत्पादन में मध्य प्रदेश 8.2 प्रतिशत का योगदान देता है और इस दृष्टि से देश में चौथे स्थान पर है।

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