CG Excessive Court docket Information: विशेष अपराधों में पागलपन के आधार पर आरोपित को नहीं दी जा सकती छूट

CG High Court News: विशेष अपराधों में पागलपन के आधार पर आरोपित को नहीं दी जा सकती छूट

एनडीपीएस एक्ट के मामले में सख्त कार्रवाई की हिदायत देते हुए डिवीजन बेंच ने कहा कि नशे के सामान की तस्करी के अलावा बिक्री जैसे अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया का सख्ती के साथ पालन करना होगा। विवेचना पुख्ता होनी चाहिए जिससे आरोपितों को लाभ ना मिल सके।

By Yogeshwar Sharma

Publish Date: Wed, 03 Jul 2024 12:50:30 AM (IST)

Up to date Date: Wed, 03 Jul 2024 12:50:30 AM (IST)

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट

HighLights

  1. हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने पाक्सो अधिनियम 2012 का दिया हवाला
  2. कानूनी प्रक्रिया को पूरी करने दी हिदायत
  3. सुरक्षा के लिए नशे के अपराधों से निपटना जरूरी है।

नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने एनडीपीएस एक्ट के मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि पाक्सो अधिनियम 2012 के तहत विशेष अपराधों में केवल पागलपन के आधार पर आरोपित को छूट नहीं दी जा सकती। संदेह से परे अपवादों को साबित करने का सिद्धांत कायम रहना चाहिए। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने राज्य शासन के अफसरों से कहा कि सुरक्षा के लिए नशे के अपराधों से निपटना जरूरी है।

एनडीपीएस एक्ट के मामले में सख्त कार्रवाई की हिदायत देते हुए डिवीजन बेंच ने कहा कि नशे के सामान की तस्करी के अलावा बिक्री जैसे अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया का सख्ती के साथ पालन करना होगा। विवेचना पुख्ता होनी चाहिए जिससे आरोपितों को लाभ ना मिल सके। कोर्ट ने कहा कि नशा समाज के बुनियादी ढांचा को कमजोर करता है। देश के भविष्य की सुरक्षा के लिए ऐसे अपराधों से कानून में दिए गए प्रविधान के अनुसार सख्ती से निपटा जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने जांच में कमजोरी व लापरवाही की वजह से विचारण न्यायालय के फैसले को निरस्त कर दिया है। डीआरआइ (डायरेक्टोरेट आफ रेवन्यू इंटेलीजेंस) के अधिकारी को 19 सितंबर 2018 को मुखबिर से सूचना मिली कि ट्रक क्रमांक- सीजी 04 7703 का उपयोग गांजा तस्करी के लिए किया जा रहा है। उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। ट्रक में आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी से गांजा लेकर उत्तर प्रदेश ले जाया जा रहा है। विभाग ने अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें बनाईं और छत्तीसगढ़ जीएसटी के कुछ अधिकारियों के साथ घेराबंदी की। ट्रक कोंडगांव के केशकाल घाटी के पास एक ढाबा में खड़ा था। पास ही एक कार क्रमांक यूपी 90 एन 5172 भी खड़ी थी। कार में सवार लोगों से पूछताछ की गई। ग्रामीणों की उपस्थिति में ट्रक की जांच की गई। ट्रक 482 बोरी नमक मिला। इसके अलावा 36 बैग मिले, जिसमें 1840 ग्राम गांजा था। सभी की जब्ती की। ट्रक को अरोरा धर्म कांटा, एनएच 43, फल मंडी के पास, देवपुरी, रायपुर में तौलने के लिए भेजा गया। कुल वजन 1840 ग्राम निकला। इस मामले में यूपी के बांदा निवासी चंद्रशेखर शिवहरे, शिवशंकर गुप्ता के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के विभिन्न प्रविधानों के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। यूपी के बांदा निवासी बलदेव प्रसाद गुप्ता और ओडिशा के बुद्ध कृशानी के खिलाफ भी एक मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।

डीआरआइ की जांच को लेकर तल्ख टिप्पणी

हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि डीआरआइ ने एनडीपीएस एक्ट के तहत कानून के अनिवार्य प्रविधानों पर विचार करते हुए जांच नहीं की और अपने कर्तव्य में विफल रही है। इस कारण भारी मन से हमें अपील को स्वीकार करना पड़ रहा है। डिवीजन बेंच ने फैसले की कापी डीआरआइ नागपुर के क्षेत्रीय कार्यालय भेजन के निर्देश दिए हैं।

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