Ambikapur Information : नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित को आजीवन कारावास

Ambikapur Information : सरगुजा जिले में लगभग एक वर्ष पूर्व नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (पाक्सो एक्ट)कमलेश जगदल्ला के न्यायालय ने फैसला सुनाया । न्यायालय ने आरोपित आकाश चौधरी (22) को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है।

By Asim Sen Gupta

Publish Date: Tue, 02 Jul 2024 11:48:43 PM (IST)

Up to date Date: Tue, 02 Jul 2024 11:48:43 PM (IST)

Ambikapur News : नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित को आजीवन कारावास

नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर : सरगुजा जिले में लगभग एक वर्ष पूर्व नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (पाक्सो एक्ट)कमलेश जगदल्ला के न्यायालय ने फैसला सुनाया । न्यायालय ने आरोपित आकाश चौधरी (22) को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। इस मामले में तीन अपचारी बालक भी नामजद हैं। अपचारी बालकों का प्रकरण बाल न्यायालय में विचाराधीन है। पीड़िता को पांच लाख क्षतिपूर्ति दिए जाने का आदेश भी न्यायालय ने दिया है।

अतिरिक्त लोक अभियोजक राकेश सिन्हा ने बताया कि घटना दिवस 31 मार्च 2023 की रात पीड़िता पड़ोस में चल रहे शादी समारोह में शामिल होने गई थी। रात को वह घर वापस लौट रही थी। इस दौरान एक आरोपित सहित चार लोगों ने उसका रास्ता रोक लिया। एक अपचारी बालक ने उसे धमकाया कि आरोपित के साथ वह संबंध बनाएं अन्यथा उसके स्वजन से यह शिकायत कर दी जाएगी कि पीड़िता गलत काम करते पकड़ी गई है।

पीड़िता ने इससे इंकार किया तब आरोपितों ने उसे पकड़ लिया। नजदीक के सूने घर की बाड़ी में ले जाकर चारों ने उससे बारी-बारी से दुष्कर्म किया था। इस दौरान पीड़िता को जान से मारने की धमकी दी गई थी। पुलिस ने मामले में अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म, जान से मारने की धमकी तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीकृत किया था। पुलिस ने विवेचना के बाद चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया था। व्यस्क आरोपित का प्रकरण अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट पोक्सो एक्ट कमलेश जगदल्ला के न्यायालय में विचाराधीन था।प्रकरण के सारे तथ्यों की सुनवाई और पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर शनिवार को न्यायालय ने आरोपित आकाश चौधरी को धारा 363, 376 घ, 506 तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धाराओं का दोषी पाया। सभी धाराओं में अलग-अलग सजा दी गई है। आरोपित को आजीवन कारावास की सजा भुगतनी होगी।

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