एक निवेशक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसने पांच माह पहले अपने मोबाइल नंबर से क्यूलाफ में ट्रेडिंग करना शुरू किया। छह हजार की राशि एक माह के अंदर ही उसने अपने खाते में वास्तविक रूप से निकासी भी कर लिया। उसके बाद उसने अपनी पत्नी व बच्चों के मोबाइल से भी छह- छह हजार रुपये निवेश किए हैं।
By Yogeshwar Sharma
Publish Date: Tue, 02 Jul 2024 12:49:31 AM (IST)
Up to date Date: Tue, 02 Jul 2024 12:49:31 AM (IST)
HighLights
- दो जुलाई से शेष निकासी का विकल्प खोले जाने का दिया झांसा
- अभी भी ठगे जा रहे निवेशक, पुलिस बैठी है हाथ पर हाथ धरे।
- अब तक ठगी के इस मामले की जांच शुरू नहीं की गई है ।
नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा : शेयर ट्रेडिंग एप क्यूलाफ में केवाईसी के नाम पर छह हजार जमा करने वाले निवेशकों को सोमवार का बेसब्री से इंतजार था। वायदा किया गया था कि एक जुलाई से सैलरी निकासी के साथ शेष राशि की भी निकासी शुरू हो जाएगी, पर ऐसा नहीं हुआ। एक बार फिर वाट्सअप पर कंपनी ने केवाईसी सत्यापन के लिए एक दिन का समय बढ़ाने की घोषणा कर दी। पुलिस एक ओर यह बात कह रही कि यह कंपनी गैर मान्यता प्राप्त है, इसमें निवेश न करें, पर अब तक इस मामले की न तो जांच शुरू की गई है और नहीं ही हो रही ठगी के सिलसिल को रोकने का प्रयास किया गया है।
शेयर मार्केट व क्रिप्टो करंसी से होने वाले मुनाफे से कई गुना रकम बढ़ाए जाने का झांसा देकर अकेले छत्तीसगढ़ के हजारों लोगों से छोटा- छोटा निवेश कराया गया। करीब 10 लाख से अधिक लोगों ने एप डाउनलोड किया है। लोगों ने तीन से छह हजार रूपये तक आनलाइन राशि जमा की है। करीब आठ माह तक बताए गए नियम कायदों के अनुसार ही राशि जमा और निकासी होते रही, पर अचानक केवाईसी प्रमाणीकरण नहीं किए जाने का हवाला देकर, 28 जून को राशि आहरण बंद कर दिया गया। इसके बाद से लगातार निवेशकों को केंद्रीय एजेंसियों के नियमों का हवाला देकर केवाइसी सत्यापन कराए जाने के लिए कहा जा रहा है। इसके लिए छह हजार रुपये अतिरिक्त शुल्क जमा करने कहा जा रहा। एक जुलाई को निकासी विकल्प खोले जाने की उम्मीद लगाए बैठे सैकड़ों लोगों ने पिछले चार दिन के अंदर छह- छह हजार रुपये जमा किए, पर एक बार फिर सत्यापन की अवधि बढ़ाए जाने की सूचना जारी कर दी गई। कहा गया है कि उपयोगकर्ता कम समय में केवाइसी सत्यापन पूरा नहीं कर सकते। कंपनी व संबंधित विभाग के शोध के बाद के केवाइसी सत्यापन का एक दिन समय बढ़ा दिया गया है। इसके बाद शेष राशि निकासी दो जुलाई से शुरू हो जाएगी। केवाइसी शुल्क जमा नहीं करने वालों का खाता स्थाई रूप से बंद कर दिया जाएगा। वहीं सबकुछ हो रहा, जिसकी आशंका व्यक्त की जा रही थी। आसानी से समझा जा सकता है कि जिन लोगों के पैसे फंसे हैं, उसके वसूली के लिए और पैसे लगाएंगें। तथाकथित क्यूलाफ कंपनी भी लोगों के इस नब्ज को पकड़ ली है। यही वजह है कि पुलिस की समझाइश के बाद भी अभी भी कई लोग इस एप में अपना धन खर्च कर रहे।
जांच की तभी तो पुलिस को पता चला संस्था गैर पंजीकृत है
पुलिस यह मान कर बैठी है कि शिकायत कर्ता उसके पास पहुंचेगा और उसके बाद ही जांच पड़ताल करेगी। बहुत ज्यादा रकम नहीं होने की वजह से कोई भी पीडित, पुलिस के पचड़े में पडना नहीं चाहता। पुलिस ने यह बात तो वीडियो जारी कर रही है कि क्यूलाफ गैर पंजीकृत संस्था है। इसका सीधा सा मतलब है कि पुलिस ने स्वयं से संज्ञान लेकर कुछ तो जांच की है, जिससे यह तथ्य सामने आया है। यह अलग बात है कि कार्रवाई करने से बचने के लिए पुलिस अब शिकायतकर्ता नहीं होने का रोना रो रही।