रात 12 बजे से 3 नए आपराधिक कानून पूरे देश में लागू हो गए। 51 साल पुराने सीआरपीसी का स्थान भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) ने ले लिया है। इसी तरह, इंडियन एविडेंस एक्ट के स्थान पर अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू हुआ है। यहां पढ़िए इसको लेकर चल रही राजनीतिक बयानबाजी।
By Arvind Dubey
Publish Date: Mon, 01 Jul 2024 10:35:24 AM (IST)
Up to date Date: Mon, 01 Jul 2024 10:35:24 AM (IST)
HighLights
- कांग्रेस को आपत्ति, संसद में उठेगा मुद्दा
- RS में खरगे, LS में राहुल गांधी बोलेंगे
- AAP समेत अन्य दलों ने भी किया विरोध
एजेंसी, नई दिल्ली (Lok Sabha Rajya Sabha LIVE immediately)। तीन ने क्रिमिनल लॉ 1 जुलाई से देशभर में लागू हो गए। दिल्ली, भोपाल समेत विभिन्न शहरों में नई व्यवस्था के तहत पहले केस भी दर्ज कर लिए गए।
अब कांग्रेस ने इन कानूनों का विरोध करना शुरू कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे ‘बुलडोजर न्याय’ करार दिया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को संसद में उठाने का फैसला किया है। सदन की कार्यवाही रोककर इस पर चर्चा की मांग की गई है।
चुनाव में राजनीतिक व नैतिक झटके के बाद मोदी जी और भाजपा वाले संविधान का आदर करने का खूब दिखावा कर रहें हैं, पर सच तो ये है कि आज से जो आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन कानून लागू हो रहे हैं, वो 146 सांसदों को सस्पेंड कर जबरन पारित किए गए। INDIA अब ये ‘बुलडोजर न्याय’ संसदीय प्रणाली पर नहीं चलने देगा। – मल्लिकार्जुन खरगे (एक्स पोस्ट पर)
नए आपराधिक कानूनों पर आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कानूनों में कोई खामी नहीं थी। खामियां उनके कार्यान्वयन में हैं, जांच एजेंसियों में हैं, पुलिस उन कानूनों पर कार्रवाई नहीं करती है। मुझे लगता है कि नए कानूनों से आने वाले कई वर्षों तक बहुत बड़ी उलझन रहेगी। एक सामान्य नागरिक ने कुछ कानूनों को बड़ी मुश्किल से समझा था, अब नई धाराओं के तहत उसे अपना केस दायर करने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। मुझे लगता है कि इससे पुलिस की मनमानी को बढ़ावा मिलेगा।