New Prison Legal guidelines: भोपाल में नए कानून BNS में पहली एफआईआर दर्ज, जानिए क्या हुआ बदलाव, अब कैसे एक्शन लेगी पुलिस
जांच अधिकारी एसआइ विवेक शर्मा ने बताया कि इस घटना में पहले आइपीसी 294 में एफआइआर होती और अब नई 296 में एफआइआर दर्ज की गई है। इसमें एफआइआर जब्ती कुछ नहीं करती थी तो आडिया और वीडियो अपलोड नहीं किए गए थे। इस धारा में सजा का प्रावधान पहली की तरह ही है, ज्यादा कुछ बदलाव नहीं है। हालांकि हमने घटना के फुटेज जब्त कर ली थी।
By Brijendra Rishishwar
Publish Date: Mon, 01 Jul 2024 12:33:24 PM (IST)
Up to date Date: Mon, 01 Jul 2024 01:12:05 PM (IST)
HighLights
- हनुमानगंज थाने में नए कानून की धारा 296 बीएनएस में पहली एफआईआर।
- पहले की तरह नए कानून में तीन महीने का कारावास और जुर्माने का सजा।
- एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपित की तलाश शुरू कर दी है।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हनुमानगंज थाने में नए कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की तहत पहली एफआईआर गाली गलौज की धारा 296 में दर्ज की गई। इस प्रकार की घटना होने पर पहले आईपीसी की धारा 294 के तहत मामला दर्ज होता था।
नए कानून में इस धारा में तीन महीने का कारावास या जुर्माना भी लगा सकता है। इसके साथ दोनों के तहत सजा दे सकती है। इस प्रकार के प्रकरण में सिर्फ धारा बदली है, सजा करीब-करीब बराबर ही है।
रात 12.05 मिनट की है घटना
हनुमानगंज गंज पुलिस के मुताबिक ईसरानी मार्केट थाना हनुमानगंज निवासी 40 वर्षीय प्रफुल्ल पिता जय नारायण चौहान ने शिकायत की थी वह सामातंर कट प्वाइंट से गुजर रहे थे। उस समय राजा उर्फ हरभजन ने उसके साथ गाली गलौच कर मारपीट की। घटना एक जुलाई रात 12 बजकर 5 मिनट की थी। इस पर पुलिस ने आरोपित पर भारतीय न्याय संहिता के धारा 296 में एफआईआर दर्ज कर ली है।
इस मामले की जांच अधिकारी एसआई विवेक शर्मा ने बताया कि इस घटना में पहले आइपीसी 294 में एफआईआर होती थी। अब नई धारा 296 में एफआइआर दर्ज की गई है। इसमें एफआईआर जब्ती कुछ नहीं हुई है, इसलिए ऑडिया और वीडियो अपलोड नहीं किए गए थे। इस धारा में सजा का प्रावधान पहली की तरह ही है, ज्यादा कुछ बदलाव नहीं है।
नए कानून बीएनएस में यह है सजा का प्रावधान
धारा 296 में दोषी को एक अवधि के लिए कारावास की सजा सुनाई जा सकती है। कारावास को तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है। दोषी पर इसके अलावा जुर्माने लगाया जा सकता है, जिसे एक हजार रुपए तक बढ़ाया जा सकता है। दोषी को इसमें कारावास के साथ जुर्माने की सजा से भी दंडित किया जा सकता है।

