15 दिनों में मगरमच्छ गांव में आने की यह दूसरी घटना है। यही कारण है कि ग्रामीण दहशत में हैं। खासकर अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। कर्रा रतनपुर खूंटाघाट के नजदीक है।
By Yogeshwar Sharma
Publish Date: Tue, 02 Jul 2024 01:07:51 AM (IST)
Up to date Date: Tue, 02 Jul 2024 01:07:51 AM (IST)
नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। रतनपुर के कर्रा में सोमवार की सुबह मगरमच्छ का बच्चा अचानक पहुंच गया। वह हाई स्कूल के करीब था। जिसे देखकर ग्रामीण दहशत में आ गए। आनन -फानन में 112 नंबर पर काल कर सूचना दी गई। पुलिस से वन विभाग को जानकारी गई। इसके बाद वन अमला मौके पर पहुंचा और मगरमच्छ को रेस्क्यू कर वापस खूंटाघाट जलाशय में छोड़ा गया।
15 दिनों में मगरमच्छ गांव में आने की यह दूसरी घटना है। यही कारण है कि ग्रामीण दहशत में हैं। खासकर अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। कर्रा रतनपुर खूंटाघाट के नजदीक है। पिछले साल में ऐसा हो चुका है। विडंबना की बात है कि लगातार इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।
इसके बाद भी वन विभाग के पास कोई ठोस प्लान नहीं है। हर बार सूचना मिलने के बाद मगरमच्छ को पकड़कर डेम में छोड़ दिया जाता है। सोमवार को भी यही हुआ। वन विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर मगरमच्छ के बच्चे को पकड़कर खूंटाघाट डेम में छोड़ दिया और चले गए। अब ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि वन विभाग इसे लेकर ठोस उपाय करें। अभी तो केवल गांव में नजर आ रहे हैं।
यदि घर में घुसते हैं तो उस स्थिति में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जितना खतरा ग्रामीणों को हैं, उतना ही मगरमच्छ को भी है। बचाव के लिए कभी भी ग्रामीणों की भीड़ मगरमच्छ को नुकसान पहुंचा सकती है। कम से कम सुरक्षा के लिहाज से उपाय किया जाए। मगरमच्छ को रेस्क्यू करने वाली टीम में वन विभाग के माल्स जोशी, उदय श्रीवास्तव , मानस दुबे लखेराम धुर्वे एवं धीरज दुबे शामिल रहे।