हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्र की शुरुआत छह जुलाई, शनिवार से होगी। उस दिन वृद्धि योग बनेगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्र नौ नहीं बल्कि 10 दिनों की होगी, ऐसा चतुर्थी तिथि की वृद्धि होने के कारण होगा। जो कि 15 जुलाई तक रहेगी। नवरात्र मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा करते हैं।
By Jogendra Sen
Publish Date: Solar, 30 Jun 2024 02:26:50 PM (IST)
Up to date Date: Solar, 30 Jun 2024 02:26:50 PM (IST)
HighLights
- आषाढ़ गुप्त नवरात्र वृद्धि योग में छह जुलाई से
- इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी माता
- देवी की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्र की शुरुआत छह जुलाई, शनिवार से होगी। उस दिन वृद्धि योग बनेगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्र नौ नहीं बल्कि 10 दिनों की होगी, ऐसा चतुर्थी तिथि की वृद्धि होने के कारण होगा। जो कि 15 जुलाई तक रहेगी। नवरात्र मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि देवी की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही यह दिन तंत्र विद्या के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। साथ ही यह साधना गुप्त रूप से की जाती है। मान्यता है कि अगर कोई साधक अपनी साधना को किसी दूसरे व्यक्ति को बता देता है, तो पूजा का फल नष्ट हो जाता है।
इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी माता
जिस वार से नवरात्र शुरू होती है, उसके अनुसार देवी का वाहन निश्चित होता है। चूंकि इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्र का पर्व छह जुलाई, शनिवार से शुरू हो रहा है, इसलिए देवी का वाहन घोड़ा है। देवी का ये वाहन शुभ नहीं माना जाता। ऐसा होने से पड़ोसी देशों से विवाद की स्थिति बनने का खतरा रहता है।
आषाढ़ गुप्त नवरात्र तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्र की शुरुआत छह जुलाई, दिन शनिवार को होगी। वहीं, इसका समापन 15 जुलाई, दिन सोमवार को होगा। वैदिक पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के प्रतिपदा तिथि की शुरुआत छह जुलाई सुबह चार बजकर 25 मिनट पर आरंभ होगी और इसका अंत सात जुलाई सुबह चार बजकर 25 मिनट पर होगा।
कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त
कलश की स्थापना छह जुलाई सुबह पांच बजकर 11 मिनट से लेकर सात बजकर 26 मिनट पर करना अच्छा होगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त पर भी कलश स्थापना की जा सकती है, जो सुबह 11 बजे से लेकर 12 बजे तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना करना बेहद शुभ माना जाता है।