Ambikapur Information : उत्तर छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर शहर राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ेगा। अंबिकापुर से रेणुकूट तथा अंबिकापुर से बरवाडीह नई रेल लाइन का फाइनल लोकेशन सर्वे (एफएलएस)तथा डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) रेलवे बोर्ड में जमा हो चुका है।
By Asim Sen Gupta
Publish Date: Solar, 30 Jun 2024 11:33:23 PM (IST)
Up to date Date: Solar, 30 Jun 2024 11:33:23 PM (IST)
नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर : उत्तर छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर शहर राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ेगा। अंबिकापुर से रेणुकूट तथा अंबिकापुर से बरवाडीह नई रेल लाइन का फाइनल लोकेशन सर्वे (एफएलएस)तथा डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) रेलवे बोर्ड में जमा हो चुका है। अंबिकापुर से विंढमगंज तक नई रेल लाइन का फाइनल लोकेशन सर्वे भी एक बार हो चुका है लेकिन अलायमेंट सीधा कर नए सिरे से सर्वे के रेलवे बोर्ड के निर्देश पर वर्तमान में अंबिकापुर से विंढमगंज के बीच नई रेल लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे का काम चल रहा है। यह काम भी इसी हफ्ते पूरा कर लिया जाएगा।।इन तीनों में से किसी एक नई रेल लाइन पर अंतिम मंजूरी मिलेगी। वर्षों से लोग अंबिकापुर से रेल लाइन विस्तार की मांग की जा रही थी।
अब यह मांग पूरी होने वाली है। इन तीन प्रस्तावित रेल लाइन में से अंबिकापुर से उत्तर प्रदेश का रेणुकूट सबसे कम दूरी और लागत का रेल लाइन है। राजस्व की दृष्टि से भी यह सर्वाधिक उपयुक्त है। अंबिकापुर से रेणुकूट तक नई रेल लाइन 144 किलोमीटर की होगी। इसमें 12 नवीन स्टेशन का प्रस्ताव है। उम्मीद की जा रही है कि एक -दो महीने के भीतर ही अंबिकापुर से रेणुकूट तक नई रेल लाइन को स्वीकृति मिल जाएगी। छत्तीसगढ़ के साथ केंद्र और उत्तर प्रदेश में भी भाजपा की सरकार होने का फायदा भी नई रेल लाइन स्वीकृति को लेकर मिलेगा।
तीन राज्य के सांसदों ने दी सहमति
अंबिकापुर से रेणुकूट रेल सेवा विस्तार के लिए छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड, मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश के लोकसभा व राज्यसभा के सदस्यों ने भी सहमति दी है। सरगुजा के वर्तमान सांसद चिंतामणि महाराज ने पिछले दिनों दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री से भी मुलाकात की थी। छत्तीसगढ़ के अधिकांश वर्तमान सांसदों के अलावा पूर्व सांसदों ने इस मांग का समर्थन किया है। रांची से सांसद व केंद्र में मंत्री संजय सेठ के अलावा उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद पकौड़ी लाल कोल, मध्यप्रदेश के राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह सहित कई पूर्व सांसदों ने भी अंबिकापुर से रेणुकूट नई रेल लाइन के लिए अपना समर्थन दिया है।
रेणुकूट की दूरी सबसे कम,राजस्व भी बेहतर
अंबिकापुर से रेणुकूट और बरवाडीह तक नई रेल लाइन और सर्वे का प्रस्ताव दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर से जुड़ा हुआ है जबकि विंढमगंज से अंबिकापुर रेल लाइन का प्रस्ताव पूर्व मध्य रेलवे का है।अंबिकापुर से रेणुकूट तक नई रेल लाइन की दूरी सिर्फ 144 किलोमीटर है जबकि बरवाडीह 199 तथा विंढमगंज 181 किलोमीटर है। कम दूरी की रेणुकूट तक रेल लाइन में खर्च भी काम आएगा। यात्री और माल परिवहन की दृष्टि से यह सर्वथा उपयुक्त है।
शिक्षा,स्वास्थ्य,पयर्टन को मिलेगा बढ़ावा
अंबिकापुर से रेणुकूट तक नई रेल लाइन से विकास के द्वार खुलेंगे। अंबिकापुर सीधे राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा बनारस, प्रयागराज, अयोध्या पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा। रेणुकूट से देश के अलग-अलग शहरों के लिए रेल गाड़ियों का परिचालन होता है। शिक्षा,स्वास्थ्य,पर्यटन,अध्यात्म और रोजगार की दृष्टि से यह रेल लाइन उत्तर छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा के रूप में काम आएगी।
तो कम लागत,कम दूरी और कम समय में पूरा होगा काम
अंबिकापुर से रेणुकूट होकर दिल्ली 1030 किमी, बिंढमगंज होकर 1111 किमी ,गढ़वा रोड होकर 1157 किमी और बरवाडीह होकर 1245 किमी दूर है।यही स्थिति प्रस्तावित चारों रेल लाइन को लेकर वाराणसी, प्रयागराज,अयोध्या और लखनऊ की दूरी का भी रहेगा। सरगुजा के हित में सबसे उपयोगी व आवश्यक रेल लाइन हमारे जिले, संसदीय क्षेत्र ,संभाग को प्रदेश की राजधानी रायपुर और देश की राजधानी दिल्ली से कम दूरी कम समय में जोड़ने वाली होनी चाहिए। इसी अनुरूप होने वाले निर्णय से ही सरगुजा का भला होगा।अंबिकापुर – रेणुकूट रेल लाइन ही अधिकतम रेट आफ़ रिटर्न के साथ ज्यादा उपयोगी और ब्यवहारिक है। यह रेल मार्ग कम लागत और दूरी के साथ सबसे कम समय में पूरी की जा सकती है।
मुकेश तिवारी
क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति सदस्य, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे