भोपाल की छात्रा श्रद्धा अग्रवाल ने एक ऐसा एआई बेस्ट एप बनाया, जिससे सिर्फ दो मिनट के अंदर ब्रेन का ट्यूमर पता किया जा सकता है। आपको बता दें कि सामान्य तौर पर डॉक्टरों को इसके लिए दो से तीन का समय चाहिए होता है।
By Anurag Mishra
Publish Date: Solar, 30 Jun 2024 01:51:46 AM (IST)
Up to date Date: Solar, 30 Jun 2024 01:51:46 AM (IST)
HighLights
- प्रोफेसर तन्मय बसु के मार्गदर्शन में श्रद्धा ने बनाया एप।
- न्यूयार्क शहर में हेल्थ इन्फार्मेशन कांफ्रेंस में एप को किया प्रस्तुत।
- एक हजार से ज्यादा ब्रेन ट्यूमर केस का डाटा अपलोट कर तैयार किया एप।
प्रशांत व्यास, नईदुनिया, भोपाल। ब्रेन ट्यूमर जांचने के लिए अब एआइ आधारित एप तैयार किया जा रहा है, जो एमआरआइ की रिपोर्ट की स्टडी कर दो मिनट में ब्रेन ट्यूमर का हिस्सा बता पाएगा। इससे डॉक्टरों का समय बचेगा, साथ ही गंभीर मरीजों को तत्काल उपचार मिल सकेगा।
भोपाल स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशन एंड रिसर्च (आइसर) की छात्रा श्रद्धा अग्रवाल ने संस्थान के प्रोफेसर तन्मय बसु के मार्गदर्शन में इस एप के लिए कार्य कर रही हैं। फिलहाल इस मॉडल का एल्गोरिथम (कंप्यूटराइज गणना प्रणाली) तैयार हो चुका है। अब जल्द ही इसका एप लांच किया जाएगा।
श्रद्धा ने पिछले महीने अमेरिका के न्यूयार्क शहर में हेल्थ इन्फार्मेशन कांफ्रेंस में इस मॉडल को प्रस्तुत किया था, जिसे विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण माना। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक पर आधारित यह एप मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआइ) को स्कैन कर उसके पिक्सल्स की स्टडी करेगा, जिससे सिर के किस हिस्से में ट्यूमर है, इसका पता लगाया जाएगा।
श्रद्धा बताती हैं कि यह एप मात्र दो मिनट में ट्यूमर मार्क कर सकेगा, साथ ही स्टडी में गलत इमेजिंग को भी बताएगा। इस मॉडल के एल्गोरिथम को हमने एक हजार से ज्यादा पुराने ब्रेन ट्यूमर केस का डाटा अपलोड कर तैयार किया है। इनमें एमआरआइ रिपोर्ट और उन रिपोर्ट्स पर डॉक्टरों की स्टडी का डाटा अपलोड है, इसी के आधार एल्गोरिथम बनाया है और आगे एप भी इसी के आधार पर एमआरआइ की स्टडी करेगा।
कुछ केसों में डॉक्टरों को लग जाता है दो-तीन दिन का समय
मेडिकल साइंस में अभी तक एमआरआइ की मैनुअल स्टडी की ही व्यवस्था है। ब्रेन ट्यूमर की शिकायत पर कोई पीड़ित जब एमआरआइ जांच करवाता है तो डॉक्टर उसे मैनुअल स्टडी कर सिर में ब्रेन ट्यूमर के हिस्से की पुष्टि करता है। कई बार जब ब्रेन ट्यूमर क्रिटिकल होता है तो उसकी स्टडी में दो से तीन दिन का भी समय लग जाता है। ऐसे में मरीज को तत्काल इलाज नहीं मिल पाता है, क्योंकि सिर में हिस्से की मार्किंग के बाद ही मरीज का इलाज रेडियोथेरेपी से शुरू होता है।