Film Evaluation – Sharmaji Ki Beti | मूवी रिव्यू- शर्माजी की बेटी: वुमेन एम्पावरमेंट वाली पुरानी कहानी में ताहिरा ने डाला नया तड़का, एक्टर्स की दमदार परफार्मेंस

EntertainmentFilm Evaluation - Sharmaji Ki Beti | मूवी रिव्यू- शर्माजी की बेटी: वुमेन एम्पावरमेंट वाली पुरानी कहानी में ताहिरा ने डाला नया तड़का, एक्टर्स की दमदार परफार्मेंस

22 मिनट पहलेलेखक: तस्वीर तिवारी

  • कॉपी लिंक

ताहिरा कश्यप के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘शर्माजी की बेटी’ अमेजन प्राइम पर स्ट्रीम हो चुकी है। महिलाओं की एम्पावरमेंट और उनके सामने आने वाले चैलेंजेज पर रोशनी डालने वाली इस फिल्म की लेंथ 1 घंटे 55 मिनट है। दैनिक भास्कर ने फिल्म को 5 में से 3 स्टार रेटिंग दी है।

फिल्म की कहानी क्या है?

फिल्म की कहानी शुरू होती है स्वाति शर्मा (वंशिका टपारिया) से जो ज्योति शर्मा (साक्षी तंवर) की बेटी है। ज्योति शर्मा अपनी मिडिल क्लास लाइफ में उलझी हुई हैं। इनके लिए समय और पैसा दोनों बहुत कीमती है। क्योंकि इनका मानना है कि दोनों ही जाने के बाद वापस नहीं आते।

दूसरी ओर किरण शर्मा (दिव्या दत्ता) हैं, जो पटियाला से मुंबई अपने पति और बेटी गुरवीन शर्मा (अरिस्ता मेहता) के साथ शिफ्ट हुई हैं। जिनके सपनों की उड़ान लंदन वाली है, लेकिन किस्मत उन्हें घर से बाहर नहीं जाने देती।

तनवी शर्मा (सैयामी खेर) वड़ोदरा से मुंबई टीम के लिए खेलने आई हैं। इनकी लाइफ में केवल जीतने और खाने की भूख है। फिल्म की पूरी कहानी इन्हीं महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमती है। ज्योति का पति सुधीर (शारिब हाशमी) ज्योति के जाने के बाद घर संभालता है और नाइट शिफ्ट में काम करता है। अपनी-अपनी लड़ाईयां लड़ रही महिलाओं की कहानी आगे क्या मोड़ लेती है। ये तो आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा।

स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?

एक्टर्स की परफॉर्मेंस की बात करें, तो साक्षी तंवर और दिव्या दत्ता बॉलीवुड की मंझी हुईं एक्ट्रेस हैं। दोनों ने अपने किरदारों को बखूबी निभाया है। वंशिका टपारिया और अरिस्ता मेहता ने भी बहुत खूबसूरती से अपने किरदारों को पकड़ा है। सैयामी खेर और शारिब हाशमी समेत फिल्म के सभी आर्टिस्ट ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है।

कैसा है फिल्म का डायरेक्शन?

ताहिरा कश्यप खुराना ने इस फिल्म का डायरेक्शन किया है। फिल्म की कहानी को नए तरीके से पेश करने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है। लेकिन फिल्म में बहुत कुछ सरप्राइजिंग देखने को नहीं मिलेगा। बीच-बीच में कहानी थोड़ी स्लो लगेगी। फिल्म के बीच में मां बेटी के इमोशनल सीन आपको फिल्म से जोड़े रखेंगे। कुल मिलाकर फिल्म स्लो होने के बाद भी आपको क्लाइमेक्स देखकर खुशी होगी।

फिल्म का म्यूजिक कैसा है?

फिल्म में बैकग्राउंड साउंड कहानी को ध्यान में रखकर ही रखा गया है। लेकिन फिल्म में कोई ऐसा गाना नहीं है, जो आपको दोबारा सुनने का मन करे।

फिल्म का फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं?

‘शर्माजी की बेटी’ वुमेन एम्पावरमेंट पर बेस्ड फिल्म है। पुरानी कहानी को नए अंदाज में पेश करने की कोशिश की गई है। अगर आप घर में बैठकर अपनी फैमिली के साथ कोई फैमिली एंटरटेनिंग फिल्म देखना चाहते हैं तो ये फिल्म देख सकते हैं।

खबरें और भी हैं…

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles