Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए अमित शाह ने बनाया प्लान, अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग में खत्म
मणिपुर में हिंसा फैले एक साल का समय हो गया, लेकिन अभी भी यह रुकने का नाम नहीं ले रही है। बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग से शुरु हुआ विवाद जातीय हिंसा में बदल गया। मेईती और कूकी समुदाय एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर को लेकर हाई लेवल मीटिंग कर रहे हैं।
By Anurag Mishra
Publish Date: Mon, 17 Jun 2024 04:56:44 PM (IST)
Up to date Date: Mon, 17 Jun 2024 06:00:14 PM (IST)

एएनआई, नई दिल्ली। सरकार बनने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर में फैली हिंसा को लेकर संवेदनशील है। उनके नेतृत्व में मणिपुर के मौजूदा हालत में चर्चा करने के लिए एक हाई लेवल मीटिंग की गई थी, जिसमें केंद्रीय गृहसचिव अजय भल्ला, आईबी के प्रमुख तपन डेका, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्वीवेदी सहित सभी बड़े अधिकारी पहुंच गए थे।
Union House Minister Amit Shah chairs a high-level assembly to evaluation safety state of affairs in Manipur.
Union House Secretary Ajay Bhalla, Intelligence Bureau Chief Tapan Deka, Military Chief Normal Manoj Pande, Military Chief (Designate) Lt Normal Upendra Dwivedi, GoC Three Core HS Sahi,… https://t.co/WR75ThXkz6
— ANI (@ANI) June 17, 2024
राज्य में हिंसा बहुसंख्यक मेहती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के बाद शुरु हुई। इसके बाद 3 मई 2023 को कूकी और मेहती समुदाय ने एक-दूसरे के खिलाफ हिंसात्मक प्रदर्शन शुरु कर दिया। इस हिंसा में अब तक 220 मेहती और कूकी समुदाय के साथ सुरक्षा बलों के जवान मारे जा चुके हैं।
मणिपुर को प्राथमिकता देना कर्तव्य
बीते दिनों आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि मणिपुर एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है। यहां 10 साल से शांति थी। ऐसा लग रहा था कि पुरानी बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है। यह अभी भी वहां अचानक बढ़े तनाव की आग में जल रहा है। इसका ध्यान कौन रखेगा? इसे प्राथमिकता देना और इस पर ध्यान देना कर्तव्य है।
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