Mandsaur Information: चीतों के नए रहवास गांधी सागर अभयारण्य का बढ़ेगा दायरा, बनेगा नौ सौ वर्ग किमी का बफर जोन
गांधीसागर अभयारण्य 368.62 वर्ग किमी में फैला हुआ है। केंद्र सरकार ईको सेंसेटिव जोन बनाने का गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया है। वन विभाग का मानना है कि भविष्य में चीतों, चीतल के स्वच्छंद विचरण के लिए गांधीसागर अभयारण्य का बड़ा होना जरूरी है।
By Alok Sharma
Publish Date: Tue, 18 Jun 2024 01:11:51 AM (IST)
Up to date Date: Tue, 18 Jun 2024 01:12:16 AM (IST)

HighLights
- गांधी सागर अभयारण्य का दायरा बढ़कर हो जाएगा 1300 वर्ग किमी
- क्षेत्र को ईको सेंसेटिव जोन बनाने का गजट नोटिफिकेशन
- छह चीतों के रखने के हिसाब तैयार किया गया अभयारण्य
आलोक शर्मा, नईदुनिया. मंदसौर : चीतों के नए रहवास मप्र के गांधी सागर अभयारण्य का दायरा बढ़ाने का निर्णय वन विभाग ने लिया है। इस संदर्भ में शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। केंद्र सरकार ने गांधीसागर अभयारण्य की सीमा के बाहर तीन किमी के क्षेत्र को ईको सेंसेटिव जोन बनाने का गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया है।
प्रदेश के वन महकमे ने अभयारण्य के आसपास मंदसौर-नीमच जिलों के रिजर्व फारेस्ट के 900 वर्ग किमी को शामिल कर बफर जोन बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। अगर यह हुआ तो वर्तमान में चीतों के रहवास श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क के क्षेत्रफल 748.76 वर्ग किमी से भी बड़ा हो जाएगा। वन विभाग का मानना है कि भविष्य में चीतों, चीतल के स्वच्छंद विचरण के लिए गांधीसागर अभयारण्य का बड़ा होना जरूरी है।
गांधीसागर अभयारण्य का रेंज
गांधीसागर अभयारण्य 368.62 वर्ग किमी में फैला हुआ है। यह पूर्व दिशा में राजस्थान के कोटा जिले से व रावतभाटा व भैसरोड़ गढ़ सेंचुरी से मिलता है। उत्तर में नीमच जिले के साथ ही राजस्थान का चित्तौड़गढ़ जिला है। अभयारण्य में आ रहे चीतों व अन्य वन्य प्राणियों के लिए जगह कम होने से अब नीमच जिले के मनासा और रामपुरा रेंज के 750 वर्ग किमी और मंदसौर जिले की भानपुरा रेंज के 150 वर्ग किमी से अधिक के रिजर्व फारेस्ट को बफर जोन बनाने की सिफारिश की गई है। इससे वन्य प्राणियों के भ्रमण के लिए 1300 वर्ग किमी का क्षेत्र हो जाएगा। मालूम हो कि बफर जोन वह क्षेत्र होता है, जहां वन्य जीवों के लिए वातावरण तैयार किया जाता है। उन्हें ऐसा नहीं लगे कि वे जंगल के बाहर हैं। इन क्षेत्रों से गांव भी नहीं हटाए जाते हैं।
अभी छह चीतों को रखेंगे
सूत्रों के मुताबिक अफ्रीकी चीतों की तीसरी खेप अक्टूबर के बाद कभी भी आ सकती है। गांधीसागर को अभी छह चीतों के रखने के हिसाब तैयार किया गया है। यहां 64 वर्ग किमी में आठ क्वारंटाइन बाड़े बनाए गए हैं। दो बाड़े रिजर्व में रहेंगे। कुछ माह पहले अफ्रीकी दल और पिछले माह केन्या का दल भी निरीक्षण कर चुका है।
गांधीसागर अभयारण्य के आसपास 900 वर्ग किमी का बफर जोन बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें मंदसौर जिले के भानपुरा व नीमच जिले के मनासा रामपुरा का रिजर्व फारेस्ट शामिल हैं।
संजय रायखेरे, डीएफओ, मंदसौर।

