सभी कालेजों को अपनी बेवसाइट पर रेटिंग ग्रेड दर्शानी होगी ताकि छात्र अच्छे से अच्छे कालेजों में प्रवेश ले सकें। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग ने इस संबंध में तैयारी पूरी कर ली है।
By Paras Pandey
Edited By: Paras Pandey
Publish Date: Sat, 15 Jun 2024 10:11:52 PM (IST)
Up to date Date: Sat, 15 Jun 2024 10:11:52 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। देशभर के आयुर्वेद और यूनानी कॉलेजों में इसी वर्ष जुलाई से रेटिंग ग्रेड सिस्टम शुरू करने की तैयारी है। इसमें कालेजों को ए,बी, सी, डी रेटिंग ग्रेड मिलेगा। इनमें मात्र ए और बी ग्रेड के आयुष कॉलेज ही 60 से 100, 100 से 150 और 150 से 200 स्नातक (यूजी) सीटें बढ़ाने के लिए योग्य माने जाएंगे।
नए पाठ्यक्रम भी इन कॉलेजों में शुरू हो सकेंगे
सभी कालेजों को अपनी बेवसाइट पर रेटिंग ग्रेड दर्शानी होगी ताकि छात्र अच्छे से अच्छे कालेजों में प्रवेश ले सकें। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआइएसएम) ने इस संबंध में तैयारी पूरी कर ली है। इससे निजी और सरकारी, दोनों तरह के कॉलेजों की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
यह व्यवस्था लागू होने से निजी कॉलेजों की चुनौती बढ़ने वाली हैं। कारण, अधिकतर कालेजों में संसाधन मापदंड से कम होते हैं। इस कारण उनका ग्रेड कमजोर होना तय है। ऐसे में, वह सीटें नहीं बढ़ा पाएंगे। ग्रेड सिस्टम से दूसरा लाभ विद्यार्थियों को होगा।
वे ग्रेडिंग देखकर निर्णय ले सकेंगे कि कौन सा कॉलेज प्रवेश के लिए अच्छा है। हाल ही में एनसीआइएसएम की ओर से दिल्ली में आयोजित निजी और सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यों के प्रशिक्षण के दौरान भी कमीशन के अधिकारियों ने रेटिंग ग्रेड शुरू करने के संकेत दिए थे।