मध्‍य प्रदेश में MBBS, BDS पाठ्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया अभ्यर्थियों के लिए सरकार देगी यह बड़ी छूट

मध्‍य प्रदेश में MBBS, BDS पाठ्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया अभ्यर्थियों के लिए सरकार देगी यह बड़ी छूट

इसके नियम भी तैयार किए जा रहे हैं। सभी राज्यों से सुझाव भी मांगा गया था। अब 20 जून को आनलाइन और आफलाइन बैठक दिल्ली में होने जा रही है। इसमें काउंसलिंग के नए नियमों पर चर्चा होगी। यह नियम लागू होते हैं तो 25 जून से काउंसलिंग शुरू नहीं हो पाएगी। इसके बाद एमबीबीएस और बीडीएस के अभ्‍यर्थियों को नए नियमों का लाभ मिल पाएगा।

By Navodit Saktawat

Publish Date: Wed, 12 Jun 2024 08:07:14 PM (IST)

Up to date Date: Wed, 12 Jun 2024 08:08:24 PM (IST)

इसी सप्ताह शासन स्तर पर दोनों संशोधनों पर निर्णय होगा।

HighLights

  1. एमबीबीएस व बीडीएस काउंसलिंग के पहले दो चरणों तक जमा नहीं करनी होगी सुरक्षा निधि
  2. काउंसलिंग को लेकर केंद्र के नियम नहीं आए तो 25 से शुरू हो जाएगा प्रवेश के लिए पंजीयन
  3. एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश के लिए पंजीयन 25 जून से शुरू करने की तैयारी

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश के सरकारी व निजी मेडिकल और डेंटल कालेजों में एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने जा रहे अभ्यर्थियों के लिए सरकार बड़ी छूट देने जा रही है। अब उन्हें दूसरे चरण की काउंसलिंग में च्वाइस फिलिंग के दौरान जमा कराई जाने वाली सुरक्षा निधि अगले यानी मापअप चरण में जमा करानी होगी।

यह राशि एनआरआइ अभ्यर्थियों के लिए 10 लाख और गैर एनआरआइ के लिए दो लाख रुपये निर्धारित है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने प्रवेश नियमों में संशोधन का राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा है, जिसमें यह प्रस्ताव किया गया है। यह भी छूट देने पर विचार चल रहा है कि दूसरे चरण में प्रवेश के बाद सीट छोड़ने पर लगने वाला 30 लाख रुपये का सीट लीविंग बांड उसके बाद आने वाले मापअप चरण से लागू किया जाएगा।

इसी सप्ताह शासन स्तर पर दोनों संशोधनों पर निर्णय होगा। दरअसल, अभ्यर्थियों से च्वाइस फिलिंग के दौरान सुरक्षा निधि इसलिए जमा कराई जाती है कि वे आवंटित सीट छोड़ें नहीं।

सीट छोड़ने पर उनकी सुरक्षा निधि राजसात कर ली जाती है। ऐसे में कई अभ्यर्थी इस डर में रहते थे कि च्वाइस फिलिंग के बाद मनपसंद सीट आवंटित नहीं हुई तो क्या करेंगे। अब शुरू के दो चरणों तक उन्हें इस तरह की शर्त से छूट देने की तैयारी है।

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इसके पीछे शासन का तर्क यह है कि एमबीबीएस सीटों की मारामारी रहती है। सीटें खाली नहीं रह जाती हैं। उन्हें सरलता से मापअप चरण में भरा जा सकता है। इसके बाद भी सीटें खाली रह जाती हैं तो उन्हें कालेज स्तर काउंसलिंग (सीएलएसी) में भरा जा सकेगा।

एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश के लिए पंजीयन 25 जून से शुरू करने की तैयारी है। हालांकि, इस बार से केंद्र सरकार भी काउंसलिंग को लेकर देशभर के लिए एक तरह की व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है।

admin

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