Delhi Liquor Rip-off: दिल्ली हाईकोर्ट से मनीष सिसोदिया को नहीं मिली राहत, AAP नेता की जमानत याचिका खारिज

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शराब नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया द्वारा दायर जमानत याचिका खारिज कर दी। सिसौदिया ने सीबीआई और ईडी द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में जमानत मांगी थी।

By Anurag Mishra

Publish Date: Tue, 21 Could 2024 06:55:51 PM (IST)

Up to date Date: Tue, 21 Could 2024 07:07:47 PM (IST)

Delhi Liquor Scam: दिल्ली हाईकोर्ट से मनीष सिसोदिया को नहीं मिली राहत, AAP नेता की जमानत याचिका खारिज
मनीष सिसोदिया को लगा झटका।

एएनआई, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट से दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री व आप नेता मनीष सिसौदिया को झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। वह 26 फरवरी 2023 से जेल में बंद हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया ने सीबीआई और ईडी द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में जमानत मांगी थी। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को तो खारिज कर दिया, लेकिन सिसोदिया को सप्ताह में एक बार अपनी बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति दी है।

यह आप नेता मनीष सिसौदिया द्वारा दायर की गई दूसरी जमानत याचिका थी। सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद 26 फरवरी, 2023 से सिसोदिया हिरासत में हैं। इसके बाद उन्हें 9 मार्च 2023 को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था।

— ANI (@ANI) Could 21, 2024

सिसोदिया ने की नीति बनाने में हेरफेर

अदालत ने जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सिसोदिया ने शराब नीति को बनाते हुए उसमें हेरफेर करने की कोशिश की। उनके मंत्री रहते हुए इस नीति को बनाने के लिए बनाई गई विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को उन्होंने नजरअंदाज किया। अदालत ने यह भी देखा कि सीबीआई मामले में सिसोदिया ने जमानत को पाने के लिए ट्रिपल टेस्ट को पास नहीं किया। उन्होंने दो फोन पेश नहीं किए, जिनका वह उपयोग किया करते थे।

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    अनुराग मिश्रा नईदुनिया डिजिटल में सब एडिटर के पद पर हैं। वह कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में माहिर और पत्रकारिता में लगभग 3 साल का अनुभव है। अनुराग मिश्रा नईदुनिया में आने से पहले भास्कर हिंदी और दैन

Rajgarh Bus Accident: राजगढ़ में बड़े पुल के पास बस पलटी, कुछ लोग दबे

Rajgarh Bus Accident पुलिसकर्मी बस के अंदर जाने का प्रयास कर रहे हैं। बस को सीधी करने के लिए मौके पर जेसीबी बुलाई है।

By Sandeep Chourey

Publish Date: Tue, 04 Jun 2024 10:29:56 PM (IST)

Up to date Date: Tue, 04 Jun 2024 10:35:59 PM (IST)

घटना की जानकारी लगने पर मंत्री नारायणसिंह पंवार, सांसद रोडमल नागर, कलेक्टर हर्ष दीक्षित व एसपी आदित्य मिश्रा मौक़े पर पहुंचे हैं।

HighLights

  1. भोपाल से एक निजी ट्रेवल्स की बस शाम 7 बजे भोपाल से जयपुर के लिए निकली थी।
  2. बस में करीब 40 यात्री सवार थे। बस जैसे ही बड़े पुल के नजदीक पहुंची तो पलट गई।
  3. बस पलटने के कारण उसके नीचे कुछ बच्चों व कुछ लोगों के दबने की आशंका जताई हैं।

नईदुनिया न्यूज, राजगढ़ Rajgarh Bus Accident । राजगढ़ जिला मुख्यालय के पास बड़े पुल के नजदीक एक बस पलट गई। इस हादसे में कुछ लोगों के दबने की आशंका है। घटना की जानकारी लगने पर पुलिस व जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंच गए हैं और बस के नीचे दबे हुए यात्रियों को निकाला जा रहा है।

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बस में 40 यात्री थे सवार

जानकारी के मुताबिक, भोपाल से एक निजी ट्रेवल्स की बस शाम 7 बजे भोपाल से जयपुर के लिए निकली थी। बस में करीब 40 यात्री सवार थे। बस जैसे ही बड़े पुल के नजदीक पहुंची तो पलट गई। बस पलटने के कारण उसके नीचे कुछ बच्चों व कुछ लोगों के दबने की आशंका जताई हैं।

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पुलिसकर्मी बस के अंदर जाने का प्रयास कर रहे हैं। बस को सीधी करने के लिए मौके पर जेसीबी बुलाई है। घटना की जानकारी लगने पर मंत्री नारायणसिंह पंवार, सांसद रोडमल नागर, कलेक्टर हर्ष दीक्षित व एसपी आदित्य मिश्रा मौक़े पर पहुंचे हैं।

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मध्यप्रदेश में भाजपा ने बनाया क्लीन स्वीप और वोट शेयर का रिकार्ड, कांग्रेस साफ, बंपर जीत में ‘बूथ प्रबंधन’ का कमाल

कांग्रेस ने आइएनडीआइ गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी को खजुराहो सीट दी लेकिन वहां नाटकीय घटनाक्रम के बाद सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन पत्र निरस्त हो गया था।

By Dhananajay Pratap Singh

Publish Date: Wed, 05 Jun 2024 02:00:00 AM (IST)

Up to date Date: Wed, 05 Jun 2024 02:00:00 AM (IST)

मध्यप्रदेश में भाजपा ने बनाया क्लीन स्वीप और वोट शेयर का रिकार्ड, कांग्रेस साफ, बंपर जीत में 'बूथ प्रबंधन' का कमाल
भाजपा ने मध्यप्रदेश में बनाया वोट शेयर का रिकार्ड।

HighLights

  1. हर बूथ पर 370 वोट बढ़ाने का लक्ष्य भाजपा ने प्राप्त किया।
  2. भाजपा का वोट शेयर बढ़कर 58 से बढ़कर 59.27 प्रतिशत हो गया।
  3. कांग्रेस का 34.50 से घटकर 32.44 प्रतिशत पर आ गया।

धनंजय प्रताप सिंह, नईदुनिया, भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के झाबुआ में हर बूथ पर 370 वोट शेयर बढ़ाने का जो मंत्र दिया था, वही यहां भाजपा की जीत का मजबूत आधार बना। पीएम मोदी ने कहा था कि हर बूथ पर पिछले तीन चुनाव में मिले परिणाम निकालिए, जब भी सबसे ज्यादा वोट मिले हों, उसमें 370 वोट और जोड़ लीजिए। इसी मंत्र पर भाजपा संगठन ने बूथ प्रबंधन का माडल खड़ा किया और सभी 29 सीटों पर जीत का लक्ष्य पा लिया। बेहतर बूथ प्रबंधन के कारण ही भाजपा के आठ नवनिर्वाचित सांसद ऐसे हैं, जिन्होंने चार लाख से लेकर पौने 12 लाख वोटों के अंतर से जीत प्राप्त की। भाजपा के आक्रामक चुनाव प्रचार और रणनीति का ही परिणाम है कि 44 वर्ष बाद आम चुनाव में छिंदवाड़ा सीट को भी उसने कांग्रेस से छीन लिया। पिछले लोकसभा चुनाव (वर्ष 2019) में भाजपा ने 58 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 28 सीटें जीती थी, इस बार यही वोट शेयर बढ़कर 59.27 प्रतिशत हो गया और कांग्रेस का वोट शेयर 34.5 से घटकर 32.44 प्रतिशत पर आ गया। इधर, मध्य प्रदेश में भाजपा के क्लीन स्वीप के कारण कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कमल नाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया की चुनावी राजनीति का सूर्य भी अस्त हो गया।

29 में दो सीटों से पहले ही बाहर हो गई थी कांग्रेस

प्रदेश में कांग्रेस 29 में से 27 सीटों पर ही चुनाव लड़ी थी। दरअसल, कांग्रेस का चुनाव प्रबंधन शुरू से ही गड़बड़ा गया था। कांग्रेस ने आइएनडीआइ गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी को खजुराहो सीट दी लेकिन वहां नाटकीय घटनाक्रम के बाद सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन पत्र निरस्त हो गया था। मीरा यादव ने जानबूझकर नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर ही नहीं किए थे। फिर इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम भी आखिरी दिन नामांकन वापस लेकर भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस के कमजोर संगठन का ही नतीजा रहा कि मतदान से पहले ही कांग्रेस दो सीटों से बाहर हो गई थी। यह भी भाजपा का आक्रामक रणनीति का ही नतीजा था कि वह कांग्रेस को मनोवैज्ञानिक दबाव में ले आई।

पहली बार आम चुनाव में छिंदवाड़ा सीट जीती भाजपा

स्वतंत्रता के बाद से अब तक का यह पहला आम चुनाव है, जब कांग्रेस छिंदवाड़ा सीट भी हार गई। इससे पहले वर्ष 1977 में आपातकाल के दौरान जनता पार्टी की लहर में भी कांग्रेस यहां से चुनाव जीती थी। वर्ष 1980 के बाद से कमल नाथ यहां नौ बार सांसद रहे और पिछला चुनाव उनके बेटे नकुल नाथ ने जीता था। वर्ष 1997 के उपचुनाव में यहां से कांग्रेस प्रत्याशी कमल नाथ चुनाव हारे थे। इसके बाद यह दूसरा अवसर है, जब यहां से भाजपा जीती है। भाजपा को आदिवासियों का भी मिला साथ छह महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में जिस आदिवासी वर्ग ने पूरे मनोयोग से भाजपा का साथ नहीं दिया था, वह इस लोकसभा चुनाव में पूरी तरह भाजपा के साथ लौट आया। प्रदेश में भाजपा को मिले क्लीन स्वीप में आदिवासी वर्ग के साथ का बड़ा योगदान है। सभी छह आदिवासी सीटों पर भाजपा ने विजय पाई। जबकि 2023 के विधानसभा चुनाव में कुल 47 सीटों में भाजपा को 22, कांग्रेस को 24 और एक पर अन्य को जीत मिली थी।

सत्ता- संगठन में तालमेल की भूमिका महत्वपूर्ण रही

लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा ने मध्य प्रदेश में नेतृत्व की कमान नई पीढ़ी को सौंपते हुए डा. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया था। इससे पहले पार्टी ने संगठन में भी पीढ़ी परिवर्तन करते हुए विष्णु दत्त शर्मा को अध्यक्ष और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद को बनाया था। इसी सत्ता-संगठन के तालमेल ने भाजपा का रिकार्ड बनाने में अहम भूमिका निभाई। इन तीनों पर ही बूथ प्रबंधन से लेकर मतदान बढ़ाने की जिम्मेदारी थी।

कांग्रेस का मनोबल टूट गया था

कांग्रेस की पराजय के पीछे संगठनात्मक कमजोरी तो थी ही, उसका मनोबल भी टूट गया था। कांग्रेस नेता कमल नाथ और सांसद नकुल नाथ के भाजपा में जाने की अटकलों ने कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ दिया था। कांग्रेस ने जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया लेकिन पीढ़ी परिवर्तन का यह प्रयास भी बेकार रहा। जिन सीटों पर कांग्रेस मजबूत दिखाई पड़ रही थी, वहां भी हार गई। कांग्रेस के सुरेश पचौरी सहित तीन लाख कांग्रेस कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने की घटना ने आग में घी का काम किया। पीएम मोदी ने किया आक्रामक प्रचार वैसे तो मध्य प्रदेश जनसंघ के जमाने से ही भाजपा का गढ़ रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आक्रामक प्रचार ने इस चुनाव में नया रिकार्ड बनवा दिया। उन्होंने आठ जनसभाएं और दो रोड-शो किए। पीएम चार चरणों में जबलपुर (रोड-शो), बालाघाट, पिपरिया (होशंगाबाद), दमोह, सागर, हरदा, भोपाल (रोड-शो), मुरैना, धार और खरगोन आए। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मंडला, खजुराहो (कटनी), छिंदवाड़ा, इंदौर, गुना (अशोकनगर) और राजगढ़ में सभाएं कीं। इधर, राहुल गांधी ने मंडला, शहडोल, भिंड, खरगोन और रतलाम में जनसभा की। प्रियंका गांधी वाड्रा मुरैना और मल्लिकार्जुन खरगे ने सतना में चुनाव प्रचार किया लेकिन सभी जगह कांग्रेस हार गई।