House Mortgage Ideas: कमजोर क्रेडिट स्कोर से दिए जा रहे कर्ज में चूक होने की आशंका होती है। ऐसे में लोन आवेदन अस्वीकृत होने की आशंका रहती है।
By Kushagra Valuskar
Publish Date: Fri, 31 Might 2024 03:28:26 AM (IST)
Up to date Date: Fri, 31 Might 2024 06:18:12 AM (IST)
HighLights
- होम लोन देते समय कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
- कई लोग होम लोन ले लेते हैं बाद में कर्ज में फंस जाते हैं।
- डाउनपेमेंट के लिए तैयार रखें पैसे।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। House Mortgage Ideas: क्या आपने कभी उन मानदंडों के बारे में सोचा है जिनके आधार पर एक कर्जदाता होम लोन आवेदन को मंजूरी देता है। एक घर के लोन आवेदन का मूल्यांकन करने के दौरान कर्जदाता यह सुनिश्चित करता है कि क्या आवेदक गलती किए बिना लोन की अदायगी कर पाएगा। आइए हम अतुल मोंगा, सीईओ और सह संस्थापक बेसिक होम लोन से जानते हैं कि किस आधार पर कर्जदाता आपकी कर्ज चुकाने की क्षमता और भविष्य में संभावित जोखिम का मूल्यांकन करता है।
क्रेडिट स्कोर और इतिहास
कर्ज ले रहे व्यक्ति के पास कर्ज राशि के प्रबंधन का सामर्थ्य कितना है? इसका मूल्यांकन करने के लिए कर्जदाता लोन लेने वाले व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर और कर्ज लेने और अदायगी की पुरानी क्रेडिट हिस्ट्री चेक करता है। कमजोर क्रेडिट स्कोर से दिए जा रहे कर्ज में चूक होने की आशंका होती है। ऐसे में लोन आवेदन अस्वीकृत होने की आशंका रहती है। क्रेडिट हिस्ट्री आपके पुराने लिए कर्ज और उनके प्रबंधन की आपकी क्षमता बताती है। ऊंचा क्रेडिट स्कोर बताता है कि आप एक जिम्मेदार लोन ग्राहक हैं, जो अपने बकाया का प्रबंधन बेहतर तरीके से करते हैं।
इनकम और डेट टू इनकम (डीटीआई) रेशियो
आप मॉर्गेज या होम लोन की मासिक किश्त चुका सकते हैं या नहीं, यह तय करने के लिए कर्जदाता लोन आवेदक की मासिक आय को देखता है। कर्ज की राशि और मासिक आय के आधार पर वे डेट टू इनकम (डीटीआई) अनुपात तय करते हैं। कम जोखिम के लिए कर्जदाता चाहते हैं कि डीटीआई कम रहे। आप कितनी मासिक किश्त की अदायगी आराम से कर सकते हैं, यह तय करने के लिए कर्जदाता आपका वेतन देखता है। आपकी सकल मासिक आय में कमीशन, बोनस, वेतन और आय के अन्य नियमित स्रोत्र भी मासिक आय में शामिल रहते हैं।
रोजगार का इतिहास
लोन आवेदक की आय की निरंतरता और स्थायित्व का पता लगाने के लिए कर्जदाता आवेदक के रोजगार का इतिहास चेक करता है। एक ही जगह लंबे समय तक नौकरी करने वाले आवेदक का लोन मंजूर होने की संभावनाएं अधिक होती हैं।
डाउन पेमेंट
कर्ज देने की नियम और शर्तों पर इस बात का व्यापक असर पड़ता है कि लोन आवेदक कितनी राशि बतौर डाउनपेमेंट रख रहा है। इसके लिए जरूरी है कि आपकी लोन की राशि कम हो और डाउन पेमेंट की राशि ज्यादा। इससे आपका लोन टू वैल्यू रेश्यो (एलटीवी) कम हो जाता है। यह एलटीवी अनुपात लोन की राशि को प्रॉपर्टी के मूल्यांकन से भाग देकर निकाला जाता है। अगर कर्जदाता प्रॉपर्टी के मूल्यांकन के लिहाज से एक छोटा हिस्सा ही बतौर लोन दे रहा है तो इस लोन का एलटीवी अनुपात कम होगा। इसके मायने यह हैं कि इस लोन पर जोखिम भी कम होगा। अगर लोन आवेदक बड़ी राशि बतौर डाउन पेमेंट रखता है तो उसका एलटीवी अनुपात भी कम होता है। इसलिए कर्जदाता ऐसे लोन कम ब्याज पर दे देता है।