पाक में शहबाज सरकार के सामने बढ़ती महंगाई और बेपटरी हो चुकी अर्थव्यवस्था पर काबू पाना सबसे बड़ी चुनौती है।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Tue, 30 Apr 2024 09:54 AM (IST)
Up to date Date: Tue, 30 Apr 2024 09:56 AM (IST)
HighLights
- रहमान ने कहा कि पाकिस्तान में सरकार महलों में बनती हैं और नौकरशाह तय करते हैं कि प्रधानमंत्री कौन होगा।
- मौलाना रहमान ने कहा कि पाकिस्तान की दुर्दशा के लिए कुछ ही लोग जिम्मेदार है।
- कुछ लोगों ने निर्वाचित अधिकारियों को महज कठपुतली बना दिया है।
एएनआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विपक्षी नेता और जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने भारत की तारीफ करते हुए अपने ही देश की शहबाज सरकार पर निशाना साधा है। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में भाषण के दौरान मौलाना रहमान ने कहा कि एक तरफ भारत महाशक्ति बनने का सपना देख रहा है, वहीं दूसरी ओर हम हम दिवालियापन से बचने के लिए दुनिया में भीख मांग रहे हैं। उन्होंने शहबाज सरकार से सवाल किया कि आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
पाकिस्तान में आसमान छू रही महंगाई
गौरतलब है कि पाक में शहबाज सरकार के सामने बढ़ती महंगाई और बेपटरी हो चुकी अर्थव्यवस्था पर काबू पाना सबसे बड़ी चुनौती है। कई गंभीर चुनौतियों से जूझ रही शहबाज सरकार ऐसे समय में भी दो तरफा नीतियों में उलझी हुई है। एक तरफ जहां पाक सरकार कश्मीर राग अलापना नहीं भूल रही है, वहीं दूसरी ओर भारत के साथ अच्छे संबंधों की पैरवी भी कर रही है।
महलों में बनती है पाक की सरकार
मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि पाकिस्तान में सरकार महलों में बनती हैं और नौकरशाह तय करते हैं कि प्रधानमंत्री कौन होगा। मौलाना रहमान ने कहा कि पाकिस्तान की दुर्दशा के लिए कुछ ही लोग जिम्मेदार है। हालांकि मौलाना रहमान ने उन लोगों का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने निर्वाचित अधिकारियों को महज कठपुतली बना दिया है। पाक में दीवारों के पीछे कुछ ताकतें काम कर रही है, जो हमें नियंत्रित कर रही हैं। वे निर्णय लेती हैं जबकि हम सिर्फ कठपुतली हैं। उन्होंने कहा कि आखिर पाकिस्तान की आवाम कब तक समझौता करते रहेगी। कब तक देश सांसदों को चुने जाने के लिए बाहरी ताकतों से मदद मांगते रहेंगे।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को सभा करने दें
जेयूआई-एफ प्रमुख ने कहा कि साल 2018 और 2024 दोनों चुनावों में धांधली हुई, जिसकी निंदा करता हूं। उन्होंने संसद में पूछा कि इस सभा में बैठते समय हमारी अंतरात्मा कैसे साफ हो सकती है क्योंकि हारने वाले और जीतने वाले दोनों ही पक्ष के लोग बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं। रहमान ने लोकतांत्रिक अधिकारों को रेखांकित करते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को सार्वजनिक सभा आयोजित करने की अनुमति देने का भी समर्थन किया।