संगम वाटिका और रंगमहल गार्डन में भीषण अग्निकांड के बाद अब जिम्मेदार अफसरों की आंखें खुलीं और जांच में कमियां उजागर कर रहे हैं। हकीकत में इस अग्निकांड के लिए गार्डन संचालक से लेकर सभी अफसर बराबर के जिम्मेदार हैं।
By Ajay Upadhyay
Publish Date: Mon, 22 Apr 2024 09:12 AM (IST)
Up to date Date: Mon, 22 Apr 2024 09:12 AM (IST)
HighLights
- छह नोटिस के बाद भी सोते रहे अफसर, नहीं की कार्रवाई
- भीषण अग्निकांड के बाद अब जिम्मेदार अफसरों की आंखें खुलीं और जांच में कमियां उजागर कर रहे हैं
Gwalior Information: अजय उपाध्याय. नईदुनिया ग्वालियर: संगम वाटिका और रंगमहल गार्डन में भीषण अग्निकांड के बाद अब जिम्मेदार अफसरों की आंखें खुलीं और जांच में कमियां उजागर कर रहे हैं। हकीकत में इस अग्निकांड के लिए गार्डन संचालक से लेकर सभी अफसर बराबर के जिम्मेदार हैं। अग्निकांड के बाद अफसरों को कमियां पता चलीं, क्योंकि वाटिका संचालक को एक नहीं छह बार नोटिस जारी किए थे, अफसर नोटिस देते रहे और गार्डन संचालक दबाता चला गया। यह बड़ी साठगांठ नहीं तो और क्या है। एक और खास बात यह कि संचालक ने एक भी नोटिस का जवाब नहीं दिया और अफसर अग्निकांड का इंतजार करते रहे। पहले ही कार्रवाई हो जाती तो सैकड़ों लोग खतरे में न पड़ते। अफसर इतने बेहोश हो सकते हैं कि इन्हीं दोनों वाटिकाओं में पिछले साल अग्निकांड हो चुके हैं, तब यह हालात हैं। मानीटरिंग से लेकर कार्रवाई तक का पूरा सिस्टम ही राख हो चुका है। रविवार को जांच दल ने मौके पर पड़ताल की तो पता चला यहां आग से बचाव के इंतजाम शून्य थे, न वाटर टैंक था न उपकरण थे। अब वैध दस्तावेजों को सोमवार को मांगा है।
जांच दल: पड़ताल में अब यह खामियां गिना रहे
- एसडीएम विनोद सिंह के नेतृत्व में जांच दल के सदस्य विश्वविद्यालय सर्किल की सीएसपी हिना खान, कनिष्ठ आपूर्ति नियंत्रक महावीर राठौर, फायर आफिसर अतिबल सिंह यादव, असिस्टेंट इंजीनियर इलेक्ट्रिकल सेफ्टी आरएस वैश्य ने जांच की। फायर आफिसर अतिबल सिंह ने जांच के दौरान यह खामियां बताईं।
- संगम वाटिका व रंग महल में फायर हाइड्रेंट सिस्टम लगा नहीं मिला।
- संगम वाटिका में आग पर काबू पाने के लिए फायर सेफ्टी के छोटे सिलेंडर भी नहीं मिले।
- विद्युत सुरक्षा प्रमाण पत्र भी नहीं दिखा सके।
- गार्डन संचालन की वैद्य अनुमति भी संचालक नहीं दिखा सके।
- जांच दल को रसोई गैस के उपयोग होने के प्रमाण मिले हैं।
- विद्युत सुरक्षा हेतु पुख्ता इंतजाम नहीं मिले।
- आगजनी का कारण जांच दल एसी का कंप्रेशर पटना बता रहा है।
- फायर फाइटिंग सिस्टम को आपरेट करने वाला प्रशिक्षित स्टाफ नहीं मिला।
“आग” इन्होंने भी लगाई: पिछले वर्ष भी लगी थी आग, फिर भी सिर्फ नोटिस ही देते रहे
फयर अफसर डा. अतिबल सिंह
नगर निगम के फायर आफिसर डा. अतिबल सिंह यादव जिन्होंने गार्डन में आगजनी से बचाव के उपाय न होने पर कोई कार्रवाई नहीं की। कार्रवाई के नाम पर वह नोटिस पर नोटिस देकर खानापूर्ति करते रहे। जबकि उन्हें गार्डन में फायर सेफ्टी के इंतजाम न होने पर पहले ही सील कर देना था। उनकी आंखों के सामने गार्डन संचालित होता रहा और हादसा हो गया। जबकि संगम वाटिका में व रंग महल में पिछले वर्ष लगी आग की उन्हें जानकारी भी थी।
गार्डन संचालक नरेश खंडेलवाल
संगम वाटिका और रंग महल गार्डन के संचालक नरेश खंडेलवाल ने गार्डन में फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं कर रखे थे। गार्डन में होने वाले आयोजन में हजारों की संख्या में भीड़ पहुंचती है। शनिवार को भी संगम वाटिका में सगाई का आयोजन था जिसमें 300 लोग शामिल हुए थे जिन्हें खतरे में डाला।
विद्युत सुरक्षा आयोग के असिस्टेंट इंजीनियर
मध्य प्रदेश विद्युत सुरक्षा आयोग द्वारा गार्डन में विद्युत सुरक्षा प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। मध्य प्रदेश विद्युत सुरक्षा आयोग ग्वालियर संभाग के असिस्टेंट इंजीनियर आरएस वैश्य ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। न ही कभी गार्डन का निरीक्षण कर वहां पर विद्युत सुरक्षा के मापदंडों की जांच की । यदि जांच की होती तो शार्ट सर्किट या एसी के कंप्रेशर फटने की बात जो सामने आ रही है उस पर लगाम लगाई जा सकती थी।