भोग लगाने के बाद प्रसाद को यथासंभव लोगों में बांट देना चाहिए और स्वयं भी ग्रहण करना चाहिए। इस प्रकार व्यक्ति को सभी लाभ प्राप्त होते हैं।
By Ekta Sharma
Publish Date: Tue, 16 Apr 2024 12:36 PM (IST)
Up to date Date: Tue, 16 Apr 2024 12:36 PM (IST)
HighLights
- भोग भी पूजा-पाठ का एक अहम हिस्सा माना जाता है।
- भोग लगाते समय कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
- प्रसाद को न तो तुरंत हटाएं और न ही इसे लंबे समय तक मंदिर में रहने दें।
धर्म डेस्क, इंदौर। Bhog Ke Niyam: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को भगवान के प्रति आभार व्यक्त करने का एक माध्यम होता है। सनातन धर्म में माना जाता है कि नियमित रूप से भगवान की आराधना की जाए, तो घर में सकारात्मकता बनी रहती है। साथ ही भोग भी पूजा-पाठ का एक अहम हिस्सा माना जाता है। ऐसे में भोग लगाते समय कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है।
भोग लगाते समय ध्यान रखें ये बातें
प्रसाद को न तो तुरंत हटाएं और न ही इसे लंबे समय तक मंदिर में रहने दें। पूजा के बाद प्रसाद को 5 मिनट तक भगवान के पास रखें और फिर हटा दें। ऐसा माना जाता है कि अगर आप कुछ समय बाद मंदिर से प्रसाद नहीं हटाते हैं, तो इससे नकारात्मकता फैल सकती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यदि भोग को लंबे समय तक रखा रहने दिया जाए, तो विश्वक्सेन, चंदेश्वर, चंडांशु और चांडाली नामक बुरी शक्तियां आ जाती हैं।
भोग लगाने के बाद प्रसाद को यथासंभव लोगों में बांट देना चाहिए और स्वयं भी ग्रहण करना चाहिए। इस प्रकार व्यक्ति को सभी लाभ प्राप्त होते हैं। ध्यान रखें कि भोग हमेशा शुद्ध और साफ-सुथरा ही बनाना चाहिए। साथ ही अगर आप देवी-देवताओं को उनका पसंदीदा भोग अर्पित करेंगे, तो सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
ऐसे बर्तन में लगाएं भोग
नैवेद्य या भोग हमेशा सोना, चांदी, तांबा, लकड़ी या मिट्टी के पात्र में चढ़ाना चाहिए। एल्युमीनियम, लोहा, स्टील या प्लास्टिक के बर्तनों में भोग लगाना शुभ नहीं माना जाता है।
इस मंत्र का करें जाप
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान भोग को जल्द स्वीकार करते हैं।
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