2019 के लोकसभा चुनाव में आदिवासी वर्ग के लिए सुरक्षित 47 में से 14 विधानसभा सीटों पर भाजपा को कम वोट मिले थे।
By Sourabh Soni
Publish Date: Fri, 12 Apr 2024 04:00 AM (IST)
Up to date Date: Fri, 12 Apr 2024 04:00 AM (IST)
HighLights
- 2023 के विधानसभा चुनाव में 47 में से 24 सीटों पर ही मिली जीत।
- लोकसभा चुनाव में आदिवासी सीटों पर भाजपा को मिलते हैं कम वोट।
- कुछ गांव में संघ की शाखा से दिनचर्या की शुरुआत होती है।
Madhya Pradesh Lok Sabha Election 2024: सौरभ सोनी, भोपाल। मध्य प्रदेश की आदिवासी सीटों पर वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए भाजपा की ओर से अनुषांगिक संगठनों की तैनाती की गई है। इन गैर राजनीतिक संगठनों के जरिए मध्य प्रदेश के 89 ब्लाकों में पहुंच बढ़़ाई जा रही है। उधर, विधानसभा चुनाव से पहले ही संघ ने लोकसभा चुनाव की दृष्टि से राष्ट्र हित के मुद्दों के साथ गांव तक पहुंच बढ़ाना शुरू कर दिया था।
अब इस कार्य में मध्य प्रदेश से सटे अन्य राज्यों के संघ प्रचारकों की भी जिम्मेदारी तय की गई है। राम मंदिर और विकसित भारत के संकल्प सहित हिंदू राष्ट्र की विचारधारा को लेकर अनुषांगिक संगठन और संघ दोनों ही भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल बनाकर कार्य कर रहे हैं। मध्य प्रदेश की लोकसभावार 47 अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जनजाति की 35 विधानसभा क्षेत्र के भी प्रभारी बनाए गए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा की ओर से संघ ने संभाला मोर्चा
विधानसभा चुनाव में भाजपा आदिवासी वर्ग के लिए सुरक्षित 47 में से 24 सीटें ही जीत पाई थी। 23 सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। इसलिए लोकसभा चुनाव में इन आदिवासी सीटों पर भाजपा का अधिक फोकस है। भाजपा की ओर से संघ प्रचारकों ने आदिवासी सीटों और इनमें खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में मोर्चा संभाल लिया है।
छिंदवाड़ा जिले में तो महाराष्ट्र के संघ प्रचारक प्रभारी बनाए गए हैं। संघ प्रचारकों ने गांव में ही डेरा डाला हुआ है। वे आदिवासियों के बीच ही समय बिता रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा से उन्हें अवगत करा रहे हैं। कुछ गांव में संघ की शाखा से दिनचर्या की शुरुआत होती है।
जिन सीटों पर कम वोट मिले, वहां संघ प्रचारक बनाए गए प्रभारी
2019 के लोकसभा चुनाव में आदिवासी वर्ग के लिए सुरक्षित 47 में से 14 विधानसभा सीटों पर भाजपा को कम वोट मिले थे। यहां 2023 के विधानसभा चुनाव में 22 सीटों पर कम वोट मिले। भाजपा ने इन आदिवासी सीटों पर विधानसभा प्रभारी भी बनाए हैं। इनमें पार्टी स्तर पर प्रभारी, सह प्रभारी और संयोजक नियुक्त किए गए हैं। वहीं संघ ने भी प्रचारकों को इन विधानसभा सीटों पर प्रभारी बनाया है और संघ प्रचारकों की निगरानी में ही चुनाव कार्य संपन्न कराए जा रहे हैं।
छह एसटी संसदीय क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर 2023 के चुनाव में दल वार सीटें
शहडोल : आठ में से सात विस एसटी सीट।
भाजपा – 6, कांग्रेस -1
मंडला : आठ में से छह विस एसटी सीट।
भाजपा – 2, कांग्रेस -4
रतलाम : आठ में से सात विस एसटी सीट
भाजपा – 3, कांग्रेस- 3, बाप (भारत आदिवासी पार्टी) -1
धार : आठ में से पांच विस एसटी सीट
भाजपा -1, कांग्रेस – 4
खरगोन : आठ में से पांच विस एसटी सीट
भाजपा – 1, कांग्रेस – 4
बैतूल : आठ में से चार विस एसटी सीट।
भाजपा – 3, कांग्रेस – 1