नगर में स्थित दुर्गा मंदिर, काली मंदिर, शीतला मंदिर और शक्ति मंदिर में नौ दिवसीय माता की आराधना आज से शुरू होगी। घट स्थापना के साथ माता की सेवा में श्रद्धालु जुट जाएंगे।
By Yogeshwar Sharma
Publish Date: Tue, 09 Apr 2024 12:27 AM (IST)
Up to date Date: Tue, 09 Apr 2024 12:27 AM (IST)
पेंड्रा (नईदुनिया न्यूज)। नगर में स्थित दुर्गा मंदिर, काली मंदिर, शीतला मंदिर और शक्ति मंदिर में नौ दिवसीय माता की आराधना आज से शुरू होगी। घट स्थापना के साथ माता की सेवा में श्रद्धालु जुट जाएंगे।
चैत्र नवरात्र आराधना कठिन तप में से एक है। इसी कारण श्रद्धालुओं की आस्था गहरी है। मंदिरों में जंवारा के साथ मनोकामना ज्योतिकलश जलेंगे। नौ देवी की अलग-अलग रूप में पूजा अर्चना की जाएगी। नगर में स्थित प्राचीन देवी मंदिरों में मां दुर्गा मंदिर ,मां काली मंदिर ,मां शीतला मंदिर और मां शक्ति की मंदिरों में ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाएंगे। इस बार मां दुर्गा मंदिर में 300 से अधिक ज्योति कलश होंगे। साथ ही साथ यहां के पुजारी स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज ने बताया नौ दिन तक माता की नौ रूपों की पूजा की जाएगी। प्रतिदिन सुबह सात बजे से आठ बजे माता की अभिषेक किया जाएगा। वहीं पुरानी बस्ती में मां काली की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा। इसी प्रकार नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र की देवी मंदिरों में चैत्र नवरात्र में आस्था की जंवारा बहेगी। दुर्गा मंदिर के पुजारी स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज ने बताया की नवरात्र के प्रथम दिन शुभ मुहूर्त में ज्योति कलश प्रज्वलित होंगे।
त्रिपुर महासुन्दरी महायज्ञ आज से
बिल्हा। वृंदावन के यज्ञाचार्य सालिकराम महराज एवं आचार्यों द्वारा त्रिपुर महासुन्दरी महायज्ञ का आयोजन चैत्र नवरात्र के दिन प्रथम दिन से किया गया है। इसमें 108 यजमान ललिता सहस्त्रार्चन एवं पार्थिव शिवलिंग निर्माण कर पूजा आराधना करेंगे। 17 अप्रेल को पूर्णाहुति भंडारा प्रसाद के साथ समापन होगा। महायज्ञ में आसपास क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं आने की संभावना है। दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन, पानी की व्यवस्था आयोजनकर्ता श्री जन कल्याण ट्रस्ट द्वारा की गई है। ट्रस्ट की अध्यक्ष मनीषा चौहान ने बताया की कार्यक्रम की तैयारी पूरी कर ली गई है।
श्री सिद्ध तंत्र भैरव बाबा में जलेंगे मनोकामना ज्योतिकलश
रतनपुर। नगर के कोतवाल श्रीसिद्ध तंत्र भैरव बाबा मंदिर में चैत्र नवरात्र में तांत्रिक अनुष्ठान होंगे। मंदिर के पुजारी सुबह पांच बजे में पूजन के लिए प्रवेश करेंगे और श्रद्धालु सुबह छह बजे से दर्शन कर सकेंगे। सुबह सात बजे बाबा की आरती होगी। दोपहर साढ़े बारह बजे भोग लगेंगे। मंदिर में लगभग 15 दिनों पूर्व से तैयारी की जा रही थी। प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर में मंदिर प्रबंधन के द्वारा भंडारे की व्यवस्था की गई है। इसमें प्रतिदिन भगवान भैरवनाथ के भोग लगाकर भंडारे में प्रसादी के रूप में दिया जाएगा। वहीं भैरव बाबा मंदिर के महंत एवं मुख्य पुजारी प़ं जागेश्वर अवस्थी ने मनोकामना ज्योति कलश अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजकर चार मिनट से साढ़े बारह बजे घट स्थापना कर मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किया जाएगा। इस बार घृत ज्योतिकलश, तेल ज्योति कलश और आजीवन ज्योति कलश को, मिलाकर कुल लगभग 1100 ज्योतिकलश प्रज्वलित किए जाएंगे। इसके अलावा मंदिर में जनकल्याण एवं विश्व कल्याण के लिए वैदिक आचार्य दुर्गा सप्तशती, भैरव सहस्त्रनाम की पाठ करेंगे।