Balaghat Crime Information: मौत के बाद भी अस्पताल वाले करते रहे उसका इलाज, परिवार वालों से पैसा जो लेना था

Balaghat Crime Information: मौत के बाद भी अस्पताल वाले करते रहे उसका इलाज, परिवार वालों से पैसा जो लेना था

ताजा मामला इसी से जुड़ा है, बालाघाट के भटेरा स्थित पुराने बालाघाट अस्पताल को गोंदिया के बजाज अस्पताल ने टेकओवर कर लिया है, और अब इसका संचालन उनके द्धारा ही किया जा रहा है। जिस पर आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने श्वान के काटने के बाद बीमार हालत में भर्ती की गई महिला का मृत हालत में भी उपचार किया।

By Paras Pandey

Publish Date: Sat, 06 Apr 2024 07:02 PM (IST)

Up to date Date: Sat, 06 Apr 2024 07:02 PM (IST)

स्वास्थ्य सेवा से मानवता हुई खत्म! चंद पैसों के लिए किया मृत होने के बाद भी चलता रहा उपचार

HighLights

  1. परिजनों ने ऐसा लगाया आरोप, मृत्यु प्रमाण पत्र देने से भी कर रहे मना
  2. परिजनों ने कोतवाली थाना में पहुंचकर दर्ज कराई शिकायत, विवेचना में जुटी पुलिस
  3. अस्पताल प्रबंधन ने कहा ब्लैकमेलिंग कर रहे परिजन

बालाघाट, नईदुनिया प्रतिनिधि। आदिवासी बाहुल्य बालाघाट जिले में पैसे के अभाव में स्वास्थ्य सेवा को लेकर मानवता खत्म हो गई है, बस चिकित्सक और अस्पताल, मरीजों को लुटने का कार्य कर रहे हैं। अड्डा बन गए है। यहां भर्ती मरीजों को उपचार के नाम पर मनमाने बिल थमाकर उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है, हालत यह है कि मरीज की मौत के बाद भी उसके उपचार करने की बात कही जा रही है।

ताजा मामला इसी से जुड़ा है, बालाघाट के भटेरा स्थित पुराने बालाघाट अस्पताल को गोंदिया के बजाज अस्पताल ने टेकओवर कर लिया है, और अब इसका संचालन उनके द्धारा ही किया जा रहा है। जिस पर आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने श्वान के काटने के बाद बीमार हालत में भर्ती की गई महिला का मृत हालत में भी उपचार किया।

naidunia_image

जब इसका पता चला तो अस्पताल और दवाओं का बिल देने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने दबाव बनाया और अब वह बिल की राशि नहीं मिलने पर मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं दे रहा है। ऐसा आरोप शनिवार को परिजनों ने कोतवाली थाना पुलिस को की गई लिखित शिकायत में लगाया गया हैं।

दो माच्र को कराया गया था भर्ती

कोतवाली में शिकायत करने के दौरान पीडि़त पक्ष के शुभम कुशराम ने बताया कि दो मार्च को मां राधन पति सूरजलाल कुशराम को श्वान के काटने से बीमार होने पर चेक कराने के लिए बजाज अस्पताल लेकर आए थे। जहां चिकित्सक ने देखकर उन्हें सीधे आईसीयु में भर्ती कर दिया।

जिसके बाद उपचार के लिए वह दवाएं लिखते रहे और हम लेकर देते रहे।उसने बताया कि इस दौरान कभी उन्होंने नहीं बताया कि क्या लग रहा है और कैसी रिपोर्ट है, केवल इतना कहा कि मरीज की हालत में सुधार हो रहा है।

naidunia_image

यही नहीं हम उनसे मिलना चाहते थे तो मिलने नहीं दिया जाता था।उसने बताया कि पापा जब मिलने गए थे तो उन्हें हाथ लगाने से मना कर दिया, लेकिन पापा, मां का शरीर सफेद नजर आने पर समझ गए कि मां की मौत हो गई,बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें नहीं बताया।

03 मार्च को अस्पताल प्रबंधन ने मां के उपचार के लिए और राशि जमा करने कहा, चूंकि गरीब होने के कारण हम राशि देने में असमर्थ थे तो हमने कहा कि हम उन्हें शासकीय अस्पताल ले जाना चाहते है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन सुधार की बात कहकर मना करता रहा और रात के समय मां की मौत होने की खबर दी।

जिसका शव हम चार मार्च को लेकर गए। जिसके बाद अब हमें अस्पताल प्रबंधन, उपचार की राशि जमा करने पर ही मृत्यु प्रमाण पत्र देने की बात कर रहा है। जिसको लेकर हम लगातार अस्पताल के चक्कर लगाने के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर इसकी थाना में की गई हैं।

बिना मर्जी के किया गया भर्ती

यहां कांग्रेस नेता महेश सहारे ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों की मर्जी के बिना महिला को आईसीयू में भर्ती कराया। जिसके उपचार के लिए गरीब परिजनों ने आर्थिक क्षमता अनुसार राशि खर्च की, लेकिन जब राशि नहीं होने पर परिजन, मरीज को लेकर शासकीय अस्पताल जाने की बात करने लगे तो अस्पताल प्रबंधन ने मरीज की मौत होने की जानकारी दी।

जिससे साफ है कि महिला की मौत के बावजूद उपचार के नाम पर आर्थिक लाभ कमाने, अस्पताल प्रबंधन, उपचार की बात करता रहा और जब मरीज के परिजन राशि जमा करने में असमर्थ दिखाई दिए तो जिस महिला में पहले सुधार की बात कही जा रही थी, उसकी मौत होने की खबर परिजनों को मिली। उन्होंने कहा कि इस मामले में पूरी जांच की जाए और गरीबों को उपचार के नाम पर लूटने वाले अस्पताल प्रबंधन पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।

ये कहता है अस्पताल प्रबंधन

इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की ओर से डा. श्याम रंगलानी ने बताया कि 2 मार्च को परिजन महिला को लेकर आए थे। जिसकी मौत होने पर परिजनों के इस आश्वासन शव मानवता के नाते सौंपा गया था, कि वह अस्पताल में उपचार के दौरान दवा और अस्पताल की राशि का भुगतान कर देंगे।

जब वह काफी दिनों बाद भी नहीं आए तो हमने संपर्क किया तो उन्होंने फिर जवाब दिया कि वह राशि दे देंगे। जिसके बाद गत दिनों मुझे मृतिका के मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर फोन आया था। जिसमें भी मैने आश्वस्त किया था कि नो-ड्यूज के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा। इसी बीच उन्होंने हमें ब्लैकमेल किया कि वह मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं देंगे तो हम शिकायत पुलिस में कर देंगे।

admin

admin

अपनी टिप्पणी दे

हमारे न्यूज़लेटर के लिए साइन