Sitapur Lok Sabha Constituency: लगातार पंचर हो रही ‘साइकिल’ तो सपा ने मैदान छोड़ा, पहले बसपा तो अब कांग्रेस को थमाई

Sitapur Lok Sabha Constituency: लगातार पंचर हो रही ‘साइकिल’ तो सपा ने मैदान छोड़ा, पहले बसपा तो अब कांग्रेस को थमाई

अब I.N.D.I.A. गठबंधन के तहत कांग्रेस और सपा के बीच सीटों का बंटवारा हुआ है तो सीतापुर सीट कांग्रेस के हिस्से आ गई है।

By Sandeep Chourey

Publish Date: Wed, 03 Apr 2024 09:05 AM (IST)

Up to date Date: Wed, 03 Apr 2024 09:06 AM (IST)

साल 2019 के चुनावों में बसपा से गठबंधन किया था तो सपा ने सीतापुर सीट अपने पास नहीं रखी।

HighLights

  1. समाजवादी पार्टी के गठन के बाद से अभी तक 6 आम चुनावों में ‘साइकिल’ ने रेस लगाई है।
  2. 2004 और 2009 में ही मुख्य मुकाबले में आ सकी।
  3. साल 1998, 1999 और 2014 में लोकसभा चुनावों में सपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा।

जगदीप शुक्ल, सीतापुर। उत्तर प्रदेश की सीतापुर सीट के मतदाताओं ने समाजवादी पार्टी का स्वागत ऐसे किया था, जैसी किसी नई नवेली दुल्हन का स्वागत किया था। दरअसल 1992 में समाजवादी पार्टी के गठन के बाद 1996 में आम चुनाव हुए थे तो सीतापुर संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं ने सपा को शानदार जीत दिलाई थी। साल 1996 में हुए आम चुनाव में समाजवादी प्रत्याशी के प्रत्याशी मुख्तार अनीस सीतापुर से सांसद चुने गए थे, लेकिन उसके बाद सीतापुर के मतदाताओं को मन ऐसा बदला कि उन्होंने सपा पर कभी भरोसा नहीं जताया।

सीतापुर में अब तक 6 चुनाव लड़ी सपा

समाजवादी पार्टी के गठन के बाद से अभी तक 6 आम चुनावों में ‘साइकिल’ ने रेस लगाई है, लेकिन 2004 और 2009 में ही मुख्य मुकाबले में आ सकी। साल 1998, 1999 और 2014 में लोकसभा चुनावों में सपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा। अपनी स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद शायद यही कारण था कि साल 2019 के चुनावों में बसपा से गठबंधन किया था तो सपा ने सीतापुर सीट अपने पास नहीं रखी। इन चुनावों में भी बसपा प्रत्याशी से भाजपा से करारी शिकस्त खानी पड़ी थी।

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अब कांग्रेस के हिस्से आई सीतापुर सीट

अब I.N.D.I.A. गठबंधन के तहत कांग्रेस और सपा के बीच सीटों का बंटवारा हुआ है तो सीतापुर सीट कांग्रेस के हिस्से आ गई है। लगातार हार के कारण सपा ने यह सीट अपने पास रखना मुनासिब नहीं समझा। 1996 में हुए चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी को इस सीट पर कभी जीत नहीं मिली।

ऐसा है सीतापुर सीट का सियासी इतिहास

साल 1996 में हुए चुनाव में सपा प्रत्याशी मुख्तार अनीस ने भाजपा के जनार्दन मिश्र को मात दी थी। इन चुनावों में मुख्तार को 1,48,252 और जनार्दन मिश्र को 1,38,206 मत मिले। हालांकि अगली बार 1998 में जब चुनाव हुए तो जनार्दन मिश्र सांसद चुने गए। चुनाव नतीजों में सपा को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। जनार्दन मिश्र को 2,16,876, बसपा के प्रेमनाथ वर्मा को 1,88,954 और सपा के मुख्तार अनीस को 1,68,055 मत मिले। इसके बाद 1999 में बहुजन समाज पार्टी के राजेश वर्मा ने भाजपा के जनार्दन मिश्र को हराया। राजेश को 2,11,120 व जनार्दन को 1,74,759 मत मिले। 1,31,650 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। वर्ष 2014 में भाजपा के राजेश वर्मा सीतापुर सीट से शानदार जीत मिली। इन चुनावों में राजेश वर्मा को 4,17,546 और बसपा की कैसर जहां को 3,66,519 मत मिले। सपा के भरत त्रिपाठी सिर्फ 1,56,170 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे।

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    कई मीडिया संस्थानों में कार्य करने का करीब दो दशक का अनुभव। करियर की शुरुआत आकाशवाणी केंद्र खंडवा से हुई। महाराष्ट्र में फील्ड रिपोर्टिंग, भोपाल दूरदर्शन, ETV न्यूज़ सहित कुछ रीजनल न्यूज चैनल में काम करके इलेक्

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