Lok Sabha Chunav: चुनावी नारों में हावी रहा चेहरा, इंदिरा-अटल के बाद अब मोदी-मोदी

Lok Sabha Chunav: चुनावी नारों में हावी रहा चेहरा, इंदिरा-अटल के बाद अब मोदी-मोदी

ये नारे मतदाताओं को लामबंद करने में मददगार बनेंगे या टांय-टांय फिस्स साबित होंगे, यह चुनाव परिणाम से स्पष्ट होगा।

By Arvind Dubey

Publish Date: Mon, 01 Apr 2024 12:43 PM (IST)

Up to date Date: Mon, 01 Apr 2024 12:43 PM (IST)

लोकसभा चुनाव के चर्चित नारे

HighLights

  1. इस बार भी नारों में मोदी का नाम भारी
  2. विपक्ष का जोर मुद्दों आधारित नारों पर
  3. यहां पढ़िए लोकसभा चुनाव इतिहास के चर्चित नारे

दीनानाथ साहनी, पटना (Election Slogans)। चुनाव प्रचार में नारों का अपना महत्व है। एक जोरदार नारा, चुनाव परिणाम बदलने का दमखम रखता है। लोकसभा चुनाव में 1952 से अब तक नारों की बहार रही है। इस बार भाजपा ने 2014 और 2019 की तरह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर नारे तैयार किए हैं। वैसे देखा जाए तो इन नारों में हमेशा से चेहरा हावी रहा है।

नेता जिनके इर्द-गिर्द बुने गए नारे

  • 1952 के आम चुनाव का नारा था – खरो रुपयो चांदी को, राज महात्मा गांधी को।
  • अटल, आडवाणी, कमल निशान, मांग रहा है हिंदुस्तान।
  • फिर अटल बिहारी बोल रहा है, इंदिरा शासन डोल रहा है।
  • आपातकाल में इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा।
  • 1980 में इंदिरा जी की बात पर, मुहर लगेगी हाथ पर।
  • 1984 में जब तक सूरज चांद रहेगा, इंदिरा तेरा नाम रहेगा।
  • उठे करोड़ों हाथ हैं, राजीव जी के साथ हैं।
  • 1991 में राजीव तेरा ये बलिदान, याद करेगा हिंदुस्तान।
  • 1996 में सबको देखा बारी-बारी, अबकी बार अटल बिहारी
  • मोदी की गारंटी
  • तीसरी बार मोदी सरकार
  • मोदी है तो मुमकिन है
  • हर-हर मोदी, घर-घर मोदी
  • नारों से लड़ी गई लड़ाई

    1960 के दौर में विपक्ष का नारा था – ‘जली झोपड़ी भागे बैल, यह देखो दीपक का खेल।’ तब जनसंघ का चुनाव निशान ‘दीपक’ था और कांग्रेस का चुनाव निशान ‘दो बैलों की जोड़ी’। कांग्रेस का पलटवार था, ‘इस दीपक में तेल नहीं, सरकार बनाना खेल नहीं।’

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    लोकसभा चुनाव 2024 के नारे

    • तीसरी बार मोदी सरकार
    • मोदी मेरा परिवार
    • भाजपा हटाओ, देश बचाओ और लोकतंत्र बचाओ, संविधान बचाओ।
    • मोदी हटाओ, देश बचाओ
    • अब होगा न्याय
    • हर हाथ शक्ति, हर हाथ तरक्की
    • जनता कहेगी दिल से, कांग्रेस फिर से।
    • ABOUT THE AUTHOR

      करियर की शुरुआत 2006 में मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के हिंदी सांध्य दैनिक ‘प्रभात किरण’ से की। इसके बाद न्यूज टुडे और हिंदी डेली पत्रिका (राजस्थान पत्रिका समूह) में सेवाएं दीं। 2014 में naidunia.com से डिजिटल की

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