मां से मिलने की चाह में तीनों बेटियां गांव के बस स्टैंड पहुंची, लेकिन बसें बंद होने के कारण पैदन ही नानी के घर जाने का निर्णय लिया।इधर बच्चियों की जानकारी पुलिस को दी गई।घटना में टीआइ दिनेश सिंह सोलंकी ने बताया कि रंगपंचमी पर बसे नहीं चलने से तीन बच्चियां ग्राम सेहजला (मछलगांव) से पैदल पैदल चलकर घुघरियाखेड़ी तक आ गई थी।
By Paras Pandey
Publish Date: Mon, 01 Apr 2024 04:05 PM (IST)
Up to date Date: Mon, 01 Apr 2024 04:24 PM (IST)
HighLights
- ग्राम रक्षा समिति के सदस्यों ने स्वजनों की जानकारी ले, पहुंचाया घर
गोगावां, नईदुनिया प्रतिनिधि। ग्राम सहेजला की तीन बालिका आपनी मां शारदा बाई से मिलने की चाह लिए 35 किमी दूर ग्राम रूपखेड़ा के लिए पैदल ही निकल पड़ी। घटना शनिवार रंग पंचमी की है। जानकारी अनुसार सहैजला निवासी राध्या की तीनों बटियां छह वर्षीय ऋतु पुत्री राध्या, सात वर्षीय राशि पुत्र राध्या और पांच वर्षीय कविता पुत्री राध्या रंगपंचमी के दिन बसें बंद होने के कारण पैदल ही अपनी मां शारदा बाई से मिलने के लिए रुपखेड़ा के लिए निकल पड़ी।
जब वे घुघ्रीयाखेड़ी फाटे पर पहुंची तो तीनों बच्चियों को फाटे पर बैठा देख ग्राम रक्षा समिति के मधु तिवारी, भारत सिंह निवासी नागझिरी ने उनके स्वजनों की जानकारी प्राप्त की। जिसमें बच्चियों ने मां का माईका, नानी का घर रुपखेड़ा में होना बताया। उन्हेंने बताया कि मां पंचमी के एक दिन पहले उनकी मां नानी के घर चली गई थी।

उससे मिलने की चाह में तीनों बेटियां गांव के बस स्टैंड पहुंची, लेकिन बसें बंद होने के कारण पैदन ही नानी के घर जाने का निर्णय लिया।इधर बच्चियों की जानकारी पुलिस को दी गई।घटना में टीआइ दिनेश सिंह सोलंकी ने बताया कि रंगपंचमी पर बसे नहीं चलने से तीन बच्चियां ग्राम सेहजला (मछलगांव) से पैदल पैदल चलकर घुघरियाखेड़ी तक आ गई थी।
गांव वालों से सूचना मिलने पर प्रधान आरक्षक दिनेश मंडलोई, महिला आरक्षक शिवि बघेल को लेकर तत्काल ग्राम घुघ्रीयाखेडी पहुंचाया गया। महिला आरक्षक ने बच्चों से पूछताछ कर बच्चियों से उनके स्वजनों की जानकारी ली। बच्चियों उनकी मां शारदाबाई एवं नानी के सुपुर्द किया गया। ग्राम रक्षा समिति के सदस्यों और सरपंच बालम बाल्के एवं अन्य लोगों के समक्ष बच्चियों को स्वजनों को सौंपा गया।





