Jabalpur Information : घरेलू, कृषि और उच्च दाब के उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार और नियत प्रभार में बढ़ोतरी की गई।
By Pankaj Tiwari
Publish Date: Mon, 01 Apr 2024 08:00 AM (IST)
Up to date Date: Mon, 01 Apr 2024 11:38 AM (IST)
HighLights
- वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बिजली दर में बदलाव।
- मप्र विद्युत नियामक आयोग ने की काट छांट।
- नए ट्रैरिफ के अनुसार ही अप्रैल का मई में बिल जारी किया जाएगा।
Jabalpur Information : नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। मप्र में एक अप्रैल से बिजली का नया ट्रैरिफ लागू हो गया है। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने निम्न दाब घरेलू, गैर घरेलू, औद्योगिक और कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं की विद्युत दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी। सिर्फ स्ट्रीट लाइट के लिए उपयोग होने वाली बिजली की दर में मामूली 0.07 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है।
सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए सरकार अनुदान देगी
इस बार निर्णय लिया गया है कि उपभोक्ताओं को अब न्यूनतम प्रभार नहीं देना होगा। इससे उन्हें बड़ी राहत मिली है। इस साल उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए सरकार 25 हजार 500 करोड़ रुपये का अनुदान देगी। प्रदेश में तीन हार्सपावर, पांच हार्सपावर और 10 हार्सपावर के कृषि उपभोक्ताओं का बिजली बिल पूरे वर्ष में क्रमश: 29,533, 52,676 एवं 1,11,667 रुपये बनता है। जबकि, किसान को तीन हार्सपावर के पंप के लिए 2,250, पांच हार्सपावर पंप के लिए 3,750 और दस हार्सपावर के पंप के लिए केवल 7,500 रुपये का ही भुगतान करना होगा
प्रथम 100 यूनिट पर 100 रुपये का ही भुगतान करना होता है
घरेलू उपभोक्ताओं को 150 यूनिट प्रति माह तक मासिक खपत पर प्रथम 100 यूनिट पर 100 रुपये का ही भुगतान करना होता है। यह व्यवस्था जारी रहेगी। सरकार अनुदान के रूप में विद्युत वितरण कंपनियों को प्रति उपभोक्ता लगभग 542 रुपये का भुगतान करती है। प्रदेश में लगभग एक करोड़ आठ लाख घरेलू और लगभग 35 लाख कृषि उपभोक्ता को सरकार अनुदान का लाभ दे रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में सरकार ने लगभग 24 हजार करोड़ रुपये अनुदान दिया तो वर्ष 2024-25 में यह राशि 25 हजार 500 करोड़ रुपये होने की संभावना है। इस संबंध में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सीजीएम कमर्शियल अशोक धुर्वे ने कहा कि एक अप्रैल से नया ट्रैरिफ लागू किया जा रहा है।
2046 करोड़ का बताया था नुकसान
टैरिफ प्रस्ताव में पहले मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने 2,046 करोड़ के घाटे की भरपाई के लिए मप्र विद्युत नियामक आयोग से बिजली दरों में 3.86 फीसदी औसत वृद्धि करने की अनुमति मांगी थी। आयोग ने इसे खारिज कर दिया। आयोग ने बिजली कंपनी का घाटा 36.77 करोड़ रुपए स्वीकार किया है। इसे देखते हुए सिर्फ 0.07 प्रतिशत बिजली महंगी करने की अनुमति दी गई।