Lok Sabha Election 2024: पीएम मोदी आठ को बस्तर में करेंगे सभा, पांच को आएंगे नड्डा

सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भानपुरी और इसी क्षेत्र में आमावाल में स्थल निरीक्षण किया। सभा में एक लाख की भीड़ जुटाने का लक्ष्य तय कर आगे बढ़ रही भाजपा के नेता उपयुक्त स्थल के चयन को लेकर विचार विमर्श में लगे हैं।

By Navodit Saktawat

Publish Date: Tue, 02 Apr 2024 05:00 AM (IST)

Up to date Date: Tue, 02 Apr 2024 05:00 AM (IST)

Lok Sabha Election 2024: पीएम मोदी आठ को बस्तर में करेंगे सभा, पांच को आएंगे नड्डा
कोंडागांव और नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र में से किसी एक स्थल का चयन करने में जुटी भाजपा

HighLights

  1. कांग्रेस से राहुल-खरगे की भी बस्तर में हो सकती है सभा, तैयारी शुरू

जगदलपुर, (नईदुनिया प्रतिनिधि)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बस्तर में चुनावी सभा की तैयारी भाजपा ने शुरू कर दी है। पार्टी के केंद्रीय संगठन ने प्रदेश भाजपा को मौखिक सूचना दी है ,जिसमें सभा की संभावित तिथित आठ अप्रैल बताई गई है। प्रधानमंत्री की चुनावी सभा के लिए कोंडागांव और नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र में से किसी एक स्थल किया जाएगा।

पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री ने तीन अक्टूबर को जगदलपुर में सभा की थी इसलिए इस बार नए स्थल पर विचार किया जा रहा है। इसके पहले पांच अप्रैल को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बस्तर पहुंच सकते हैं। वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के भी बस्तर दौरे को लेकर तैयारी है। अभी तिथि तय नहीं हुई है।

भाजपा ने की भीड़ जुटाने की तैयारी

सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भानपुरी और इसी क्षेत्र में आमावाल में स्थल निरीक्षण किया। सभा में एक लाख की भीड़ जुटाने का लक्ष्य तय कर आगे बढ़ रही भाजपा के नेता उपयुक्त स्थल के चयन को लेकर विचार विमर्श में लगे हैं।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को बस्तर और दूसरे चरण में 26 अप्रैल को कांकेर सीट के लिए चुनाव होना है। दोनों लोकसभा क्षेत्र पड़ोस में हैं। इसलिए सभा के लिए कोंडागांव के नाम पर भी चर्चा चल रही है। बस्तर में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव है और इसके पहले 17 अप्रैल रामनवमी के दिन चुनाव प्रचार थम जाएगा।

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Congress Candidate in MP: मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने नए और युवा चेहरों पर लगाया दांव, नौ पहली बार लड़ेंगे चुनाव

मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया, प्रतापभानु शर्मा भी मैदान में।

By Vaibhav Shridhar

Publish Date: Tue, 02 Apr 2024 04:02 AM (IST)

Up to date Date: Tue, 02 Apr 2024 04:02 AM (IST)

Congress Candidate in MP: मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने नए और युवा चेहरों पर लगाया दांव, नौ पहली बार लड़ेंगे चुनाव
मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी।

HighLights

  1. पांच विधायक और पांच पूर्व विधायकों को लड़ाया जा रहा है लोकसभा का चुनाव।
  2. मुरैना, ग्वालियर और खंडवा लोकसभा सीटों के प्रत्याशी घोषित होना अभी बाकी हैं।
  3. विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से कांग्रेस पीढ़ी परिवर्तन पर तेजी से काम कर रही है।

Congress Candidate in MP: वैभव श्रीधर, भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस हर स्तर पर नए नेतृत्व को आगे बढ़ा रही है। संगठन की बागडोर युवा नेता जीतू पटवारी को सौंपने के बाद के लोकसभा चुनाव में भी परंपरागत चेहरों के स्थान पर नए और युवा चेहरों पर दांव लगाया है। 29 लोकसभा सीटों में से पार्टी इस बार 28 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। एक सीट खजुराहो समझौते के तहत समाजवादी पार्टी को दी गई है।

25 सीटों के प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं। इनमें नौ तो ऐसे हैं, जो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, पांच विधायक और पांच पूर्व विधायकों पर दांव लगाया है। गुना से राव यादवेंद्र सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतारा है, जो भाजपा से कांग्रेस में आए थे और मुंगावली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए थे। इस प्रकार देखा जाए तो 18 प्रत्याशी ऐसे हैं, जो पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उधर, मुरैना, ग्वालियर और खंडवा लोकसभा सीटों के प्रत्याशी घोषित होना अभी बाकी हैं।

विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से कांग्रेस पीढ़ी परिवर्तन पर तेजी से काम कर रही है। कमल नाथ ने प्रदेश अध्यक्ष रहते जो कार्यकारिणी बनाई थी, उसे भंग किया जा चुका है। 67 नए चेहरों के नाम कार्यसमिति के लिए प्रस्तावित किए हैं तो प्रत्याशी चयन में भी जोर इस बात पर रहा है कि अब नए नेतृत्व को आगे बढ़ाया जाए। परंपरागत चेहरों के स्थान पर जबलपुर से दिनेश यादव, भोपाल से अरुण श्रीवास्तव और इंदौर से अक्षय कांति बम को प्रत्याशी बनाया है।

वहीं, बालाघाट से सम्राट सिंह सरस्वार, सागर से चंद्रभूषण सिंह बुंदेला, टीकमगढ़ से पंकज अहिरवार, देवास से राजेंद्र मालवीय, धार से राधेश्याम मुवेल और खरगोन से पोरलाल परते को मौका दिया गया है। ये सभी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। बुंदेला ने विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस की सदस्यता ली थी और खुरई विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी भी की थी पर पार्टी ने उनके स्थान पर रक्षा राजपूत को मौका दिया था।

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विधायक-पूर्व विधायकों पर दांव

वहीं, पार्टी ने चार माह पहले विधानसभा चुनाव लड़कर आए अपने नौ नेताओं को फिर चुनावी समर में उतारा है। इसमें विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को को शहडोल, ओमकार सिंह मरकाम को मंडला, सिद्धार्थ कुशवाहा को सतना, महेश परमार को उज्जैन और भिंड से फूलसिंह बरैया को चुनाव लड़ाया है।

जबकि, पूर्व विधायकों में सीधी से कमलेश्वर पटेल, दमोह से तरवर सिंह लोधी, होशंगाबाद से संजय शर्मा और मंदसौर से दिलीप सिंह गुर्जर पर दांव लगाया है। रीवा से पूर्व विधायक नीलम अभय मिश्रा को चुनाव लड़ाया जा रहा है। नीलम 2013 में भाजपा से विधायक रह चुकी हैं और अभी उनके पति अभय मिश्रा रीवा लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सेमरिया विधानसभा सीट से विधायक हैं।

टेकाम-भूरिया पर फिर भरोसा

पार्टी ने आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम पर फिर भरोसा जताया है। उन्हें बैतूल से प्रत्याशी बनाया है। वे विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे पर तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने उन्हें लोकसभा चुनाव लड़वाने का आश्वासन देकर मना लिया था।

इसी तरह रतलाम लोकसभा सीट से एक बार फिर पार्टी ने अपने अनुभवी आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया को मैदान में उतारा है। भूरिया यहां से पांच बार सांसद रह चुके हैं। उनका मुकाबला मोहन सरकार के वन मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनीता चौहान से होगा।

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    नईदुनिया डॉट कॉम इंदौर में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ डेस्क पर वरिष्ठ उप-संपादक। पत्रकारिता और जनसंचार में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से बैचलर और विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से मास्टर्स डिग्री। इंदौर में 2014

Gwalior Chambal Area: ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने वापसी तो कांग्रेस के सामने भाजपा के गढ़ भेदने की चुनौती

गुना संसदीय क्षेत्र में भाजपा आगे, आठ में से केवल दो विधानसभा सीट ही जीत सकी थी कांग्रेस, राव यादवेंद्र सिंह यादव भी हार गए थे चुनाव।

By vaibhav shridhar

Publish Date: Tue, 02 Apr 2024 04:00 AM (IST)

Up to date Date: Tue, 02 Apr 2024 04:00 AM (IST)

Gwalior Chambal Region: ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने वापसी तो कांग्रेस के सामने भाजपा के गढ़ भेदने की चुनौती
गुना सीट पर भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बनाया है प्रत्याशी।

HighLights

  1. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मुरैना लोकसभा क्षेत्र में बनाई बढ़त।
  2. भिंड और ग्वालियर में दोनों दलों में बराबरी की स्थिति।
  3. कांग्रेस अभी मुरैना और ग्वालियर के प्रत्याशी ही तय नहीं कर पाई है।

Gwalior Chambal Area: वैभव श्रीधर, भोपाल। मध्य प्रदेश के लोकसभा चुनाव में सबकी नजर ग्वालियर-चंबल अंचल पर रहेगी। इसकी वजह है केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के फिर गुना सीट से चुनाव लड़ना। पिछला चुनाव वे कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे और अपनों की दगाबाजी के कारण कांग्रेस से भाजपा में गए केपी सिंह यादव से हार गए थे। कांग्रेस के नेताओं से उनके मतभेद इतने बढ़े कि वे पार्टी छोड़कर समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में चले गए और कमल नाथ सरकार के पतन का कारण भी बने।

भाजपा के गढ़ों को भेदने की चुनौती

भाजपा ने मध्य प्रदेश से राज्य सभा भेजा, जहां उनका कार्यकाल नौ अप्रैल 2026 तक है पर अब उन्हें पार्टी ने लोकसभा चुनाव लड़ाया है। यहां से कांग्रेस ने सिंधिया के परंपरागत प्रतिद्वंद्वी रहे मुंगावली के यादव परिवार के राव यादवेंद्र सिंह यादव पर दांव लगाया है। वैसे देखा जाए तो गुना सिंधिया परिवार, भिंड, मुरैना और ग्वालियर सीट भाजपा के गढ़ हैं। गुना में सिंधिया के सामने वापसी तो कांग्रेस के सामने भाजपा के इन गढ़ों को भेदने की चुनौती है। हालांकि, पार्टी अभी मुरैना और ग्वालियर के प्रत्याशी ही तय नहीं कर पाई है।

मध्य प्रदेश की राजनीति वैसे तो भाजपा और कांग्रेस के ईद-गिर्द ही घूमती है पर ग्वालियर-चंबल अंचल ऐसा है, जहां कुछ स्थानों पर बसपा का भी प्रभाव रहा है। भले ही इसके प्रत्याशी चुनाव न जीत पाते हों पर परिणामों को प्रभावित करने का माद्दा अवश्य रखते हैं। मुरैना लोकसभा सीट की बात करें तो यहां से भाजपा 1996 से लगातार चुनाव जीतती आ रही है। नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा चुनाव लड़ाने के बाद पार्टी ने यहां से उनके भरोसेमंद शिवमंगल सिंह तोमर को प्रत्याशी बनाया है।

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जाहिर है कि उन्हें जिताने की जिम्मेदारी भी नरेंद्र सिंह तोमर की ही रहेगी। यहां बसपा प्रभावी भूमिका में रही है। 2009 में यहां पार्टी को एक लाख 42 हजार और 2014 में एक लाख 29 हजार मत मिले। 2019 में तो बसपा दो लाख 42 हजार मत प्राप्त कर यहां दूसरे स्थान पर रही और कांग्रेस तीसरे।

विधानसभा चुनाव परिणामों की रोशनी में देखें तो मुरैना सीट कांग्रेस के लिए आस जगाने वाली है। यहां की आठ विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने पांच श्योपुर, विजयपुर, जौरा, मुरैना और अंबाह में जीत प्राप्त की। यही कारण है कि प्रत्याशी चयन में सामाजिक समीकरणों को साधने का प्रयास किया जा रहा है।

ग्वालियर लोकसभा सीट का हाल

ग्वालियर लोकसभा सीट की बात करें तो यहां 2007 से लगातार भाजपा जीत रही है। 2019 के चुनाव को छोड़ दें तो बाकी दो चुनावों में बसपा ने प्रभावी भूमिका निभाकर कांग्रेस को झटका देने का काम किया है। बसपा को जितने मत पिछले चुनावों में मिले, उससे कम अंतरों से कांग्रेस को हार मिली। 2009 में बसपा ने 74 हजार 481 मत प्राप्त किए और कांग्रेस के अशोक सिंह 26 हजार 591 मतों से पराजित हो गए। इसी तरह 2014 में फिर कांग्रेस के अशोक सिंह 29 हजार 699 मतों से हार गए। तब बसपा ने 68 हजार 196 मत लेकर उसका खेल बिगाड़ा था।

चार पर कांग्रेस तो चार पर भाजपा जीती

2019 में अवश्य मोदी लहर में बसपा की असरदार भूमिका में नहीं रही। भाजपा ने इस बार फिर यहां प्रत्याशी बदला है। नरेंद्र सिंह तोमर के नजदीकी भारत सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा गया है, जो चार माह पहले ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे। विधानसभा चुनाव में यहां मुकाबला बराबरी का रहा। चार सीटें कांग्रेस तो चार भाजपा ने जीतीं।

भिंड सीट पर मुकाबला रोचक

भिंड लोकसभा सीट भाजपा 1989 से जीतती आ रही है। यहां फिर संध्या राय को प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस ने क्षेत्र में दलित चेहरा भांडेर से विधायक फूलसिंह बरैया को प्रत्याशी बनाकर मुकाबला रोचक बना दिया है। यहां बसपा अपनी उपस्थिति तो दर्ज कराती है पर मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होता है।

सबकी नजर गुना सीट पर

ग्वालियर-चंबल अंचल की जिस सीट पर सबकी नजर है तो वह गुना है। यहां से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के टिकट पर पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। पिछला चुनाव उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था लेकिन भाजपा के केपी सिंह यादव से चुनाव हार गए थे। इसकी बड़ी वजह अपनों की दगाबाजी थी। चुनाव परिणाम के बाद उन्होंने एक प्रकार से कमल नाथ और दिग्विजय सिंह के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया, जिसका असर यह हुआ कि 15 वर्ष बाद बनी कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई और कमल नाथ को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा।

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    नईदुनिया डॉट कॉम इंदौर में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ डेस्क पर वरिष्ठ उप-संपादक। पत्रकारिता और जनसंचार में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से बैचलर और विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से मास्टर्स डिग्री। इंदौर में 2014

Indore Kirana Bazar Charge: नवरात्र पूर्व की लेवाली बढ़ने से नारियल में 100 रुपये की तेजी, इलायची और चारोली के दाम भी बढ़े

शकर-गुड़ के दाम – शकर 3740-3820, गुड़ करेली कटोरा 3700-3800, लड्डू 3900-4000, गिलास एक किलो 4600-4800, भैली 3500-3600 रुपये प्रति क्विंटल। नारियल – नारियल 120 भरती 1750-1800, 160 भरती 1750-1800, 200 भरती 1650-1700, 250 भरती 1700-1750 प्रति बोरी और खोपरा गोला बक्सा 110-130, कट्टे 105-107 रुपये प्रति किलो और खोपरा बूरा 2350-4400, नारियल-बूरा अल्पाहार (1 किलो) 2799 प्रति 15 किलो।

फलाहारी के दाम – साबूदाना सच्चासाबू एगमार्क (500 ग्राम) 7670, सच्चासाबू खीरदाना 7,540, सच्चासाबू चीनीदाना 7830, सच्चासाबू फूलदाना 8190, साबूदाना चक्र एगमार्क 7380, शिवज्योति (1 किलो) 7280, गोपाल लूज (25 किलो) 6870, कुकरीजाकी मोरधन (500 ग्राम) 9790 प्रति क्विंटल। रायल रतन साबूदाना (1 किलो) 7300, रायलरतन (500 ग्राम) 7360 व रायलरतन लूज 6800, रायल सच्चामोती पोहा एक किलो 5450 व 35 किलो पैकिंग में 4800, रायलरतन मोरधन (आधा किलो) 10500 रुपये।

पूजन सामग्री – केसर 180-188 ब्रांडेड 210-213, देशी कपूर 550 से 750, ब्रांडेड कपूर 750 से 800, पूजा बादाम 110 से 125, बेस्ट 175 से 190, पूजा सुपारी 475, अरीठा 130, सिंदूर (25 किलो) 7400 रुपये।

मसालों के दाम – हल्दी निजामाबाद 180 से 210, हल्दी लालगाय 275-280 कालीमिर्च गारबल 555 से 565 एटम 575 से 580, मटरदाना 590 से 625, जीरा ऊंझा 310 से 315, मीडियम 381 से 324 बेस्ट 345 से 375 सौंफ मोटी 95 से 125, मीडियम 175 से 225, बेस्ट 355 से 375, बारीक 350-400 , लौंग मीडियम 850 से 900, बेस्ट 950-965 सौंठ 295 से 325 बेस्ट 375 से 400, दालचीनी 245-255, जायफल 580-650, बेस्ट 700 जावत्री 1900-1950, बड़ी इलायची 1375-1425, मीडियम 1475-1575 और बेस्ट 1625-1675, पत्थरफूल 351 से 375, बेस्ट 475, बाद्यान फूल 550 से 575, बेस्ट 750-775 शाहजीरा खर 350 से 360, ग्रीन 600-611, तेजपान 91-101, नागकेसर 750 से 775, धोली मूसली 2100 से 2250, सिंघाड़ा छोटा 90-105 बड़ा 115 हींग वनदेवी दाना751- 3450, पाउच में 10 ग्राम 3530, 121- 50 ग्राम 3250, पाउच में 10 ग्राम 3330, 111-50 ग्राम 3050, पाउच में 10 ग्राम 3130, पावडर 875-925 , हरी इलायची 1850-1950 मीडियम बोल्ड 2050 से 2150 बोल्ड 2250-2400 बेस्ट ए बोल्ड 2450-2650 और सफेद तिल्ली 178-195 बेस्ट 200-220 रुपये।

सूखे मेवों के दाम – काजू डब्ल्यू 240 नंबर 760-800, काजू डब्ल्यू 320 नंबर 680 से 700, काजू डब्ल्यू 300 नंबर 670-680, काजू जेएच 590-600 टुकड़ी 530-550, बादाम 550-570 बेस्ट 640-660 आस्ट्रेलियन बादाम बेस्ट 625-750 खसखस मीडियम 650-725 बेस्ट 1125-1225 तरबूज मगज 750-760 खारक 115-135 मीडियम 145 से 175 बेस्ट 225 से 250 ए. बेस्ट 301 किशमिश कंधारी 420 से 470, बेस्ट 550-650, इंडियन 140 से 150 बेस्ट 170 से 190 , चारोली 1485 से 1550, बेस्ट 1600 मुनक्का 450 से 550 बेस्ट 650 से 900, अंजीर 750 से 900 बेस्ट 1150 से 1450 मखाना 650 से 785, मीडियम 825 से 875 बेस्ट 900-925, पिस्ता 1300-1450 ईरानी 1500-1600, नमकीन पिस्ता 850-1000 अखरोट 450 से 500, बेस्ट 550 से 650, अखरोट गिरी 700 से 1050 जर्दालू 250 से 350, बेस्ट 450 से 550 गोंद नाइजीरिया 180-250, गोंद धावड़ा 400-700 रुपये।

Indore Mandi Bhav: मंडी में आवक कमजोर, इंदौर में तुवर और मसूर के दामों में आई तेजी

सोमवार को इंदौर में तुवर के दामों में करीब 100 रुपये के तेजी देखी गई। वहीं, मसूर 50-75 रुपये बढ़कर 6000 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई।

By Lokesh Solanki

Publish Date: Tue, 02 Apr 2024 02:05 AM (IST)

Up to date Date: Tue, 02 Apr 2024 02:05 AM (IST)

Indore Mandi Bhav: मंडी में आवक कमजोर, इंदौर में तुवर और मसूर के दामों में आई तेजी

Indore Mandi Bhav: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। होली और वित्त वर्ष के अंत की छुट्टियों के चलते भारतीय मंडियों में पिछले हफ्ते तुवर की आवक में भारी कमी देखने को मिली है। इधर, बाजार में दालों में अच्छी पूछताछ आने से मिलर्स की तुवर खरीदीर बढ़ने लगी है। वहीं, आवक पर्याप्त नहीं होने के कारण तुवर के दाम बढ़ाकर बोले जाने लगे हैं। सोमवार को इंदौर में तुवर के दामों में करीब 100 रुपये के तेजी देखी गई। तुवर महाराष्ट्र सफेद 10500-10600, कर्नाटक 10500-10700, निमाड़ी तुवर 8700-9700 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई।

इस वक्त पूर्व अफ्रीका में लगभग तुवर की बोवनी पूरी हो चुकी है। परंतु अधिक बारिश और तंजानिया में भीषण सूखे की स्थिति बनी होने से आगे तुवर की फसल में नुकसान के आशंका है। हालांकि भारत सरकार अफ्रीका की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। चुनाव को देखते हुए भी भारत सरकार तुवर को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। जानकारी के मुताबिक, चुनाव का माहौल है जिसके चलते बाजार आने वाले और कुछ दिन एक सीमित दायरे में कारोबार करते दिख सकते हैं। परंतु लंबे समय के लिए इसमें फिर नीचे भाव पर धीरे-धीरे सुधार बनने लगेगा।

बर्मा में निर्यातको की बिकवाली कमजोर पड़ने व लेवाली बढ़ने से वहां पर भी तुवर में करीब 15 डालर प्रति टन की तेजी आ चुकी है। दूसरी ओर मसूर की आवक भी मांग के अनुरूप नहीं होने के कारण भाव में तेजी रही। मसूर 50-75 रुपये बढ़कर 6000 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई। चना कांटा और काबुली चने में सीमित कारोबार के चलते भाव में स्थिरता रही। अन्य दाल-दलहन में कारोबार सामान्य रहा। कंटेनर में डालर चना बढ़कर 40/42 11900, 42/44 11700, 44/46 11400, 58/60 9400, 60/62 9300, 62/64 9200 रुपये क्विंटल पर पहुंच गया।

दलहन के दाम – चना कांटा 5800-5850, विशाल 5460-5651, डंकी 5300-5400, मसूर 6000, तुवर महाराष्ट्र सफेद 10500-10600, कर्नाटक 10500-10700, निमाड़ी तुवर 8700-9700, मूंग 9000-9200, बारिश का मूंग नया 9200-10000, एवरेज 7000-8000, उड़द बेस्ट 8800-9200, मीडियम 7000-8000, हल्की उड़द 3000-5000, गेहूं मिल क्वालिटी 2425-2450, मालवराज गेहूं 2225-2370, लोकवन 2600-2800, पूर्णा 2600-2800 रुपये क्विंटल के भाव रहे।

दालों के दाम – चना दाल 7600-7700, मीडियम 7800-7900, बेस्ट 8000-8100, मसूर दाल 7150-7250, बेस्ट 7350-7450, मूंग दाल 10500-10600, बेस्ट 10700-10800, मूंग मोगर 11400-11500, बेस्ट 11600-11700, तुवर दाल 12200-12300, मीडियम 13200-13300, बेस्ट 14000-14100, ए. बेस्ट 14400-15100, पैक तुवर दाल नई 15200, उड़द दाल 10900-11000, बेस्ट 11100-11200, उड़द मोगर 11400-11500, बेस्ट 11600-11700 रुपये प्रति क्विंटल।

इंदौर चावल भाव – दयालदास अजीतकुमार छावनी के अनुसार बासमती (921) 11500-12500, तिबार 10000-11000, बासमती दुबार पोनिया 8500-9500, मिनी दुबार 7500-8500, मोगरा 4500-7000, बासमती सेला 7000-9500 कालीमूंछ डिनरकिंग 8500, राजभोग 7500, दुबराज 4500-5000, परमल 3200-3400, हंसा सेला 3400-3600, हंसा सफेद 2800-3000, पोहा 4300-4700 रुपये क्विंटल।

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    1993 में नवभारत इंदौर में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में करियर शुरू किया। इसके बाद 1995 में दैनिक भास्कर में प्रूफ रीडर के तौर पर ज्वाइन किया। 1995 में ही सांध्य दैनिक अग्निबाण में भी पेजमेकर के रूप में सेवाएं दी।

Bilaspur Crime Information: नर्स के सूने मकान में चोरी, चार महीने बाद आरोपित गिरफ्तार

क्रांतिनगर सरस्वती गार्डन के पीछे रहने वाली मंजू अहिरवार (47) ने चोरी की शिकायत की थी। महिला ने पुलिस को बताया कि चार नवंबर 2023 की रात नौ बजे वे निजी अस्पताल में ड्यूटी पर गई थी।

By Yogeshwar Sharma

Publish Date: Tue, 02 Apr 2024 01:34 AM (IST)

Up to date Date: Tue, 02 Apr 2024 01:34 AM (IST)

Bilaspur Crime News: नर्स के सूने मकान में चोरी, चार महीने बाद आरोपित गिरफ्तार
तारबाहर पुलिस की गिरफ्त में आरोपित।

नईदुनिया न्यूज,बिलासपुर। तारबाहर क्षेत्र में रहने वाली नर्स के सूने मकान में चोरी करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपित के कब्जे से चोरी के मोबाइल को जब्त किया गया है। चोरी के जेवर और बर्तन के साथ रुपये उससे जब्त नहीं किया जा सका है। आरोपित को न्यायालय के आदेश पर जेल दाखिल कराया गया है।

क्रांतिनगर सरस्वती गार्डन के पीछे रहने वाली मंजू अहिरवार (47) ने चोरी की शिकायत की थी। महिला ने पुलिस को बताया कि चार नवंबर 2023 की रात नौ बजे वे निजी अस्पताल में ड्यूटी पर गई थी। दूसरे दिन दोपहर दो बजे वे ड्यूटी के बाद घर पहुंची। ताला खोलकर वह अंदर गईं तो कमरे में सामान बिखरा हुआ था। दीवार फांदकर घुसे चोरों ने आलमारी से 25 हजार रुपये, सोने की फुल्ली और एक मोबाइल पार कर दिया था। महिला की शिकायत पर जुर्म दर्ज कर मामले की जांच की जा रही थी। इसी बीच चोरी के मोबाइल का लोकेशन तालापारा क्षेत्र में मिला। मोबाइल मैग्नेटो माल के पास रहने वाले इशाक खान (20) के पास मिला। युवक को पकड़कर थाने लाया गया। यहां पर कड़ाई से पूछताछ में उसने नर्स के मकान में चोरी करना बताया। आरोपित के कब्जे से चोरी का मोबाइल जब्त कर लिया गया है।

Kachchatheevu Island Controversy: किसने श्रीलंका को दिया देश का हिस्सा, कच्छथीवू का काला किस्सा

50 साल पुरानी दोस्ती के लिए भारत की संप्रभुता से खिलवाड़ किया गया। भारत के एक द्वीप को श्रीलंका को केक के टुकड़े की तरह प्लेट में सजाकर सौंप दिया गया। दक्षिण भारत का कभी हिस्सा रहा यह भाग अब भारत की संप्रभुता के लिए चुनौती बन गया है।

By Anurag Mishra

Publish Date: Mon, 01 Apr 2024 11:14 PM (IST)

Up to date Date: Tue, 02 Apr 2024 01:30 AM (IST)

Kachchatheevu Island Controversy: किसने श्रीलंका को दिया देश का हिस्सा, कच्छथीवू का काला किस्सा
कच्छथीवू का काला किस्सा।

मनीष त्रिपाठी, नई दिल्ली। 50 साल पुरानी दोस्ती के लिए भारत की संप्रभुता से खिलवाड़ किया गया। भारत के एक द्वीप को श्रीलंका को केक के टुकड़े की तरह प्लेट में सजाकर सौंप दिया गया। दक्षिण भारत का कभी हिस्सा रहा यह भाग अब भारत की संप्रभुता के लिए चुनौती बन गया है। यहां अब श्रीलंका ने नौसेना का अड्डा बना लिया है। मनीष त्रिपाठी का आलेख…

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इतिहास को कितना भी छुपाने की कोशिश करो वह सत्य के सूरज की तरह एक ना एक दिन बाहर निकल ही आता है। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत का एक टुकड़ा काटकर श्रीलंका की तत्कालीन प्रधानमंत्री सिरीमावो भंडारनाइके को 1974 में सौंप दिया। इस हिस्से का नाम था कच्छथीवू द्वीप। यह किसी दबाव, दहशत में नहीं थी, बस वह दोनों का मिजाज एक था, इसलिए दोस्ती जरा गहरी थी।

कच्छथीवू द्वीप रामेश्वरम (तमिलनाडू) से करीब 14 समुद्री मील (लगभग 25 किलोमीटर) की दूरी पर बंगाली खाड़ी और हिंद महासागर के बीच में है। यह डेढ़ वर्ग किलोमीटर में फैला क्षेत्र है।

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कच्छथीवू द्वीप ज्वालामुखी विस्फोट से पैदा हुआ था। इसका इतिहास हर भारतीय के आराध्य तीर्थ श्रीरामसेतु से जुड़ा हुआ है। उसके बाद भी एक संधि के नाम पर इसको भारत से अलग कर दिया गया। इस द्वीप के लिए उठाई गई हर आवाज को दबाया जाता रहा, लेकिन 10 अगस्त, 2023 का दिन अलग था। संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव में विपक्ष को जवाब दे रहे थे। उन्होंने कुपित-व्यथित होकर कहा था कि तमिलनाडु से आगे और श्री लंका से पहले एक द्वीप है, किसी ने किसी दूसरे देश को दे दिया था। क्या वो मां भारती का अंग नहीं था!

भारत को आजाद करते समय दो हिस्सों में बांटने वाले अंग्रजों को भी कच्छथीवू द्वीप को लेकर कोई शंका नहीं थी। वह इसे भारत को ही सौंपकर गए। यह द्वीप भारत की ओर से रामेश्वरम और श्रीलंका की तरफ से जाफना के पास पड़ता है।

मध्यकाल में जाफन के शासक ने इस कच्छथीवू द्वीप को जीतने की काफी कोशिश की। उनके दरबारी इतिहासकारों ने खूब लिखा कि यह उनकी विजयी की निशानी है, लेकिन इस बार शासन मदुरै (तमिलनाडु) के शासन रामनद राजवंश का चलता था।

इस राजवंश के शासक सेतुपति की उपाधि धारण करते थे, क्यों कि श्रीरामसेतु इस क्षेत्र का था। ईस्ट इंडिया कंपनी ने कुटिल बुद्धि का इस्तेमाल कर 1795 में इस क्षेत्र को वारिस के विवाद में फंसाकर हड़प लिया। उसके बाद इसे मद्रास प्रेसीडेंसी की जमींदारी घोषित कर दी।

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समय बीता और कंपनी का राज खत्म होकर ब्रिटिश का शासन शुरू हुआ। मद्रास प्रसिडेंसी और सीलोन (तत्कालीन श्रीलंका) दोनों पर अंग्रेजों का ही शासन चलता था। सीलोन का दावा था कि कच्छथीवू उनका हिस्सा है। 1921 में विवाद बहुत बढ़ गया, लेकिन अंग्रजों ने एतिहासिक तथ्यों को देखकर इसका स्वामित्व भारत को ही दिया। अंग्रेज जाते समय भारत से पाकिस्तान नाम का देश बनाकर गए, लेकिन कच्छथीवू को छू भी नहीं सके।

भारत की आजादी के बाद कच्छथीवू भारत की संप्रभुता में सुरक्षित था। भारतीय मछुआरे वहां तक जाकर मछलियों का आखेट कर द्वीप पर जाल सुखाते आराम करते थे।

भारत में सत्ता बदली कांग्रेस का राज आया। समय के साथ जवाहरलाल नेहरू की पुत्री उनकी इंदिरा प्रधानमंत्री बनीं। उसी दौर में श्रीलंका में महिला प्रधानमंत्री सिरीमावो भंडारनायके नेतृत्व में आईं। दोनों के गुण एक ही जैसे थे। वही सख्त मिजाज, विपक्ष को नकारना, बाद के वर्षों में एक और समानता देखी गई कि दोनों ने ही अपने-अपने देशों में आपातकाल थोपा था।

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साल 1974 को दोनों देशों के बीच जून-अगस्त में दो बैठकें हुई। पहली बैठक दिल्ली में व दूसरी बैठक कोलंबो में की गई। इस बैठक ने एक सखी ने दूसरी से तोहफा मांग लिया। फिर क्या था दूसरी बड़े ही प्यार से भारत मां के शरीर के एक टुकड़े को दूसरे को थमा दिया। यह कितना आसान था इंदिरा गांधी के लिए।

कच्छथीवू अब श्रीलंका का था। करुणानिधि विरोध करते रहे, जयललिता सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई। फिर भी कुछ हाथ नहीं लगा, क्यों कि इतिहास में सब बदल गया था। इंदिरा गांधी ने अपनी सखी को जो द्वीप यूं ही तोहफे में दे दिया। उस द्वीप पर श्रीलंका ने जाफना में गृहयुद्ध की आड़ लेकर एक मजबूत नौसेना बेस बना दिया है। श्रीलंका वित्तीय संकट में चीन के बोझ तले दबा हुआ है। यह भारत के सामरिक दृष्टि से बहुत ही चिंताजनक है।

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    अनुराग मिश्रा नईदुनिया डिजिटल में सब एडिटर के पद पर हैं। वह कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में माहिर और पत्रकारिता में लगभग 3 साल का अनुभव है। अनुराग मिश्रा नईदुनिया में आने से पहले भास्कर हिंदी और दैन

Bilaspur Information: विरोध के बीच दो आरा मिल सील, रम्दा मशीन व लकड़ी जब्त

दोनों ही टीम डीएफओ सत्यदेव शर्मा व एसडीओ अभिनव कुमार के निर्देश पर दबिश दी। पहली टीम बिलासपुर रेंजर पल्लव नायक के नेतृत्व देवरीखुर्द स्थित अग्रहरि साल में पहुंची। उस समय संचालक डोमार प्रसाद अग्रहरि मिल में ही मौजूद था।

By Yogeshwar Sharma

Publish Date: Tue, 02 Apr 2024 01:16 AM (IST)

Up to date Date: Tue, 02 Apr 2024 01:16 AM (IST)

Bilaspur News: विरोध के बीच दो आरा मिल सील, रम्दा मशीन व लकड़ी जब्त
मस्तूरी किरारी स्थित आरामिल में कार्रवाई करता उड़नदस्ता दल।

नईदुनिया न्यूज,बिलासपुर। वनमंडल बिलासपुर ने सोमवार को दो आरा मिल सील कर दिया है। यह मिलें काष्ठ चिरान नियमों का उल्लंघन कर धड़ल्ले से संचालित हो रही थीं। इसकी शिकायत लगातार विभाग के अफसरों को मिल रही थी। लिहाजा एक साथ दोनों मिल में छापामार कार्रवाई करने की योजना बनाई गई। एक जगह से रम्दा मशीन भी बरामद हुई है। इस कार्रवाई की भनक लगते ही टिम्बर एसोसिएशन के पदाधिकारी पहुंचकर विरोध करने लगे। उनके इस विरोध से कोई असर नहीं पड़ा।

दोनों ही टीम डीएफओ सत्यदेव शर्मा व एसडीओ अभिनव कुमार के निर्देश पर दबिश दी। पहली टीम बिलासपुर रेंजर पल्लव नायक के नेतृत्व देवरीखुर्द स्थित अग्रहरि साल में पहुंची। उस समय संचालक डोमार प्रसाद अग्रहरि मिल में ही मौजूद था। इस टीम को देखकर वह सकते में आ गया। पहले उसे सर्च वारंट दिखाया गया। इसके बाद पड़ताल शुरू की गई। जांच के दौरान टीम को मिश्रित प्रजाति के लट्ठे, जिनमें फलदार जामुन, कसही, नीम व अन्य बबूल की लकड़ियां पाई गईं। आरा मिल में फलदार वृक्षों की कटाई या चिरान प्रतिबंधित है। जब मिल संचालक से इस संबंध में वैध दस्तावेज मांगे गए तो वह मौके पर दस्तावेज नहीं दिखा सका। इसके अलावा आवक-जावक रजिस्ट्रर, स्टाक पंजी भी आरा मिल में नहीं थी। इन सब के अलावा एक बड़ा उल्लंघन मिल तीन एचपी का मोटर लगी हुई रम्दा मशीन भी मिली। इसका धड़ल्ले से उपयोग हो रहा था। रम्दा मशीन चलाने का भी दस्तावेज संचालक के पास नहीं था। इस पर मिल संचालक के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 52 व काष्ठ चिरान अधिनियम 1984 की धारा 07, 08, 09, 10, 12 व 13 के तहत अपराध दर्ज कर सा मिल को सील कर दिया गया। इसके अलावा जब्त वनोपज की नामजोख कर आरा मिल मालिक के सुपुर्द किया गया है। रम्दा मशीन को जब्त कर टीम कार्यालय लेकर लौटी। इस कार्रवाई बिलासपुर सर्किल फारेस्ट आफिसर जितेंद्र साहू, बेलतरा सर्किल फारेस्ट आफिसर वेदप्रकाश शर्मा, खोंदरा सर्किल फारेस्ट आफिसर नमित तिवारी व सोठी सर्किल फारेस्ट आफिसर अब्दुल हफीज खान शामिल रहे। दूसरी टीम रतनपुर रेंजर के नेतृत्व में मस्तूरी किरारी स्थित अग्रहरि टिम्बर में दबिश दी। टीम में बिलासपुर वनमंडल उड़नदस्ता भी शामिल था। जब टीम वहां पहुंची तो संचालक हरप्रसाद अग्रहरि नहीं था। मुंशी गोलू यादव मौजूद था। उसे सर्च वारंट देकर जांच शुरू की गई। सबसे पहले उसे स्टाक पंजी व अभिलेख दिखाने के लिए कहा गया। लेकिन, वह कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। जांच के दौरान मिल परिसर से प्रतिबंधित प्रजाति आम व महुआ की गोल लकड़ी बरामद हुई। इसके साथ ही और भी खामियां मिलीं, जिस पर आरा मिल को सील कर दिया गया है। इस कार्रवाई से टिम्बर संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।

कार्रवाई से पहले बरती गोपनीयता

दो आरा मिल की शिकायत मिली थी। जिस पर योजनाबद्ध ढंग से कार्रवाई करने की योजना एसडीओ अभिनव कुमार ने बनाई। खास बात यह है कि दबिश किस मिल में कितने समय देनी है इसकी भनक किसी को नहीं लगने दी गई। उन्हें केवल मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए गए। यहीं कारण है कार्रवाई की भनक किसी को नहीं लगी और सफलतापूर्वक पूरा प्रकरण बनाया गया है।

राठौर ने कांग्रेस पार्टी से दिया इस्तीफा, भाजपा किया प्रवेश

भाजपा की विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में उप मुख्यमंत्री अरुण साव,स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने संबोधित कर रिचार्ज किया। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्ञानेंद्र उपाध्याय, जीवनसिंह राठौर,अजय शुक्ला सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं ने भाजपा की रीति नीति से प्रभावित होकर भाजपा प्रवेश किया। स

By Yogeshwar Sharma

Publish Date: Tue, 02 Apr 2024 12:44 AM (IST)

Up to date Date: Tue, 02 Apr 2024 12:44 AM (IST)

राठौर ने कांग्रेस पार्टी से दिया इस्तीफा, भाजपा किया प्रवेश

HighLights

  1. मरवाही में भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन
  2. कार्यकर्ताओं को भाजपा नेताओं ने किया रिचार्ज
  3. कांग्रेस के नेता ने भाजपा की ली सदस्यता

नईदुनिया न्यूज, मरवाहीभाजपा की विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में उप मुख्यमंत्री अरुण साव,स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने संबोधित कर रिचार्ज किया। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्ञानेंद्र उपाध्याय, जीवनसिंह राठौर,अजय शुक्ला सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं ने भाजपा की रीति नीति से प्रभावित होकर भाजपा प्रवेश किया।

सम्मेलन को जिले के प्रभारी मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल,पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े,,सरगुजा के पूर्व सांसद कमलभान सिंह, विधायक प्रणव मरपची, कोरबा लोकसभा केसहसंयोजक मनोज शर्मा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में कन्हैयासिंह राठौर, किशनसिंह ठाकुर, पूर्व विधायक रामदयाल उइके, लालजी यादव, डा़ शिवप्रताप राय, नीरज जैन, कुबेर सर्राती, उपेंद्र बहादुर सिंह अन्य उपस्थित रहे।

Ambikapur crime Information : ट्रांजिट हास्टल में एक ही रात छह आवास का ताला टूटा, लाखों की चोरी

Ambikapur crime Information : सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उदयपुर परिसर स्थित ट्रांजिट हॉस्टल में एक ही रात में छह घरों के ताले तोड़कर चोरों ने नकदी,जेवर, पर्स, राशन का सामान, मिक्सर सहित लाखों का सामान पार कर दिया। घटना की सूचना पर उदयपुर पुलिस द्वारा मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।

By Asim Sen Gupta

Publish Date: Tue, 02 Apr 2024 12:08 AM (IST)

Up to date Date: Tue, 02 Apr 2024 12:08 AM (IST)

Ambikapur crime News : ट्रांजिट हास्टल में एक ही रात छह आवास का ताला टूटा, लाखों की चोरी

नईदुनिया न्यूज उदयपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उदयपुर परिसर स्थित ट्रांजिट हॉस्टल में एक ही रात में छह घरों के ताले तोड़कर चोरों ने नकदी,जेवर, पर्स, राशन का सामान, मिक्सर सहित लाखों का सामान पार कर दिया। घटना की सूचना पर उदयपुर पुलिस द्वारा मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। डाग स्क्वायड की भी मदद ली गई है। चोरों का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है।

जानकारी के अनुसार चोरी का मामला शनिवार की रात का है। घटना स्थल स्वास्थ्य विभाग के ट्रांजिट हॉस्टल उदयपुर में भूतल और प्रथम तल में कुल 12 कमरे है। घटना दिनांक 30 मार्च की रात को भूतल मे रहने वाले हॉस्पीटल स्टॉफ कोई रात्रिकालीन ड्यूटी पर था तो कोई ड्युटी ऑफ होने पर घर से बाहर थे। कुछ नर्स ईस्टर पर्व मनाने अपने ट्रांजिट हॉस्टल के कमरों का ताला लगाकर घर चले गये थे। कमरों को अज्ञात चोरों ने रात में खंगाला और जो मिला उसे लेकर चले गये । जिसके कमरे में कुछ नहीं मिला उसका सारा सामान बिखेर कर चोरों ने पूरा कमरा अस्त व्यस्त कर दिया।

पांच नम्बर कमरे में रहने वाली स्टॉफ नर्स व नर्सिंग इंचार्ज तृप्ति प्रधान के कमरे से चोरों ने 60 हजार नकद ,तीन गले का हार सेट, दो चैन, छह सोने की अंगुठी, चुड़ी छः नग, गले का चैन दो नग, चांदी का पायल 10 नग, कान का इयर रिंग चार नग, मिक्सी तथा खाने का सामान लेकर चले गये । कमरा नम्बर तीन में रहने वाली सिस्टर पूजा सिंह का दो हजार, एक चांदी का कड़ा, कमरा नंबार छह की डॉ स्वाति कुर्रे का पांच हजार रूपये तथा घर के अन्य समान, कमरा नंबार दो की डॉक्टर कांता सिंह का तीन हजार रूपये, घड़ी तथा घर के खाने पीने का सामान, कमरा नंबर . एक की नेहा टोप्पो का सोने की बाली, ग्यारह हजार रूपये नकद तथा घर का अन्य सामान, कमरा नंबर 04 में डा सोमेश शुक्ला के कमरे का ताला तोड़कर पूरे कमरे की तलाशी ली परंतु उनके कमरे में कुछ नहीं मिला।

चोरों ने तरीके से सभी कमरों में चोरी के बाद बिस्किट मिक्चर जो मिला उसे बेड में बैठकर खाया फिर आराम से निकल गये। प्रथम तल के एक कमरे में अस्पताल के लिपिक सोये हुये थे परंतु उन्हे घटना की जानकारी नहीं हुई। चोरी के घटना की जानकारी पूजा सिंह के ट्रांजिट हॉस्टल में आने के बाद रविवार को सुबह मिला, सभी कमरों के तालों को टूटा देखकर तत्काल पूजा सिंह ने सभी को खबर दी जैसे ही चोरी की घटना की जानकारी मिली सब दौड़े भागे अपने अपने कमरों में जाकर देखे तो हक्के बक्के रह गये। तत्काल घटना की सूचना उदयपुर पुलिस को दी गई बड़ी चोरी की सूचना पर पुलिस द्वारा डॉग स्क्वाड की मदद ली गई परंतु पुलिस को यथोचित सफलता नहीं मिली है। उदयपुर थाना प्रभारी कुमारी चन्द्राकर और सहायक उपनिरीक्षक दिलीप दुबे के नेतृत्व में पुलिस द्वारा घटना के दूसरे दिन सोमवार को घटना स्थल पहुंचकर सभी कमरों में रहने वाले नर्स और डॉक्टरों का बयान दर्ज किया है। उक्त चोरी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है पुलिस इसे पूरी गंभीरता से लेकर काम कर रही है। तलाशी के दौरान एक सिस्टर का पर्स कचरे के ढेर में फेंका हुआ मिला है। जिसमें से एटीएम कार्ड गायब था।

इस मामले में घटना के बाद बीएमओ.के रवैये से स्टॉफ नर्स एवं चिकित्सक नाराज दिखे। चर्चा के दौरान दबी जुबान में नाम न छापने की शर्त पर नर्स एवं डॉक्टर ने कहा हास्पीटल परिसर में इतनी बड़ी घटना हो गई जानकारी मिलने के बाद भी बीएमओ से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने का आरोप लगाया।