अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में सन् 1913 में बनी राजा हरीशचंद्र, 1917 में बनी लंका दहन, 1919 में बनी कालिया मर्दन सहित कई पौराणिक महत्व की फिल्में देखने को मिलेंगी।
By Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Solar, 31 Mar 2024 06:52 AM (IST)
Up to date Date: Solar, 31 Mar 2024 06:52 AM (IST)
HighLights
- सन् 1913 में बनी राजा हरीशचंद्र, 1917 में बनीं लंका दहन सहित कई फिल्मों का मंचन होगा
- उज्जैन में 1 से 6 अप्रैल तक पौराणिक फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय महोत्सव
- सुबह 10 से शाम 6 बजे के बीच त्रिवेणी कला संग्रहालय में सात फिल्में प्रदर्शित होंगी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन । शहर में 1 से 6 अप्रैल तक पौराणिक फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय महोत्सव होगा। प्रतिदिन सुबह 10 से शाम 6 बजे के बीच त्रिवेणी कला संग्रहालय में सात फिल्में प्रदर्शित होंगी। सन् 1913 में बनी राजा हरीशचंद्र, 1917 में बनी लंका दहन, 1919 में बनी कालिया मर्दन सहित कई पौराणिक महत्व की फिल्में देखने को मिलेंगी।
विक्रमोत्सव अंतर्गत होने वाले इस महोत्सव की तैयारियां महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ कई सप्ताह से कर रही थीं। शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया पहले दिन 1943 में प्रदर्शित फिल्म राम राज्य, 1978 में प्रदर्शित बलराम श्रीकृष्ण, 1959 में प्रदर्शित कवि कालिदास, 1963 में प्रदर्शित हरीशचन्द्र तारामती, 1958 में प्रदर्शित सम्राट चंद्रगुप्त, 1952 में प्रदर्शित आनंद मठ, तेलगु फिल्म बत्ती विक्रमाक दिखाई जाएगी। छह दिन प्रदर्शित होने वाली फिल्में भारतीय भाषाओं सहित विदेशी भाषाओं में प्रदर्शित होंगी।
2 अप्रैल से विक्रम नाट्य समारोह
विक्रमोत्सव अंतर्गत कालिदास संस्कृत अकादमी परिसर में 2 से 8 अप्रैल तक विक्रम नाट्य समारोह होगा। प्रतिदिन रात 8 बजे प्रसिद्ध नाटकों का मंचन किया जाएगा। पहले दिन मुंबई के अशोक बांठिया, कुलविंदर सिंह कृत कर्ण नाटक का मंचन होगा। 3 अप्रैल को भोपाल के बालेन्द्र सिंह के निर्देशन में अंधा युग, 4 अप्रैल को आशुतोष राणा के निर्देशन में हमारे राम, 5 अप्रैल को उज्जैन के सतीश दवे के निर्देशन में अवंती शौर्य, 6 अप्रैल को संजीव मालवीय के निर्देशन में कृष्णायन, 7 अप्रैल को जबलपुर के संजय गर्ग के निर्देशन में अवंतीबाई और 8 अप्रैल को उज्जैन के टीकम जोशी के निर्देशन में श्रीकृष्ण नाटक का मंचन होगा। कुछ नाटकों का पूर्वाभ्यास कलाकार विक्रमादित्य शोधपीठ परिसर में कर रहे हैं।