चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और मनोज मिश्रा की खंडपीठ ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख कर रही अंजुमन मसाजिद इंतजामिया कमेटी की याचिका पर सुनवाई करेगी।
By Kushagra Valuskar
Publish Date: Solar, 31 Mar 2024 09:56 PM (IST)
Up to date Date: Solar, 31 Mar 2024 09:56 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Gyanvapi Case Information: सर्वोच्च न्यायालय ज्ञानवापी की अंजुमन मसाजिद इंतजामिया कमेटी की याचिका पर एक अप्रैल (सोमवार) को सुनवाई करेगा। व्यास जी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने की इजाजत देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय को मस्जिद कमेटी ने चुनौती दी है।
अंजुमन मसाजिद इंतजामिया कमेटी की याचिका पर सुनवाई
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और मनोज मिश्रा की खंडपीठ ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख कर रही अंजुमन मसाजिद इंतजामिया कमेटी की याचिका पर सुनवाई करेगी। इस याचिका में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए पूजा-अर्चना पर रोक लगाने की मांग की गई है।
वाराणसी की अदालत ने पूजा-अर्चना की अनुमति दी
कमेटी की उस याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। जिसमें जिला अदालत के फैसले को चुनौती दी गई। उच्च न्यालाय ने अपने आदेश में कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर से लगी मस्जिद के व्यास तहखाने में पूजा करने के फैसले को चुनौती दी गई है। वाराणसी की अदालत ने 31 जनवरी को अपने आदेश में हिंदू भक्तों को व्यास जी के तहखाने में पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी थी।
मुस्लिम पक्ष का कहना है
काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर से नामित पुजारी और याचिकाकर्ता शैलेंद्र कुमार पाठक ने कहा कि उनके परनाना सोमनाथ व्यास इस तहखाने में पूजा-अर्चना करते थे, लेकिन अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिह यादव ने तहखाने में पूजा बंद करवा दी थी। सुनवाई के दौरान अदालत में मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि तहखाने में कभी कोई मूर्ति नहीं थी। इस लिए साल 1993 तक पूजा होने का सवाल ही नहीं उठता है।