Indore Information: इंदौर के एमजीएम मेडिकल कालेज में दो साल पहले आई थी मशीन। अब भी भोपाल भेजने पड़ते हैं सैंपल, रिपोर्ट में होती है देरी।
By Hemraj Yadav
Publish Date: Sat, 30 Mar 2024 03:27 PM (IST)
Up to date Date: Sat, 30 Mar 2024 03:27 PM (IST)
Indore Information: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। दो वर्ष पहले एमजीएम मेडिकल कालेज में जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन आई थी, ताकि कोरोना सहित अन्य वायरस के विभिन्न वैरिएंट का पता लगाया जा सके। विडंबना यह है कि अभी तक इसकी सुविधा मिलना शुरू नहीं हो पाई है। पहले जिम्मेदार डाक्टरों की ट्रेनिंग का हवाला देते हुए इसे संचालित नहीं होना बताते थे। दो माह पूर्व पुणे से डाक्टर ट्रेनिंग कर लौट चुके हैं। इसके बावजूद संचालन शुरू नहीं किया गया। अब जिम्मेदार इसे शुरू नहीं होने का कारण उपकरणों की कमी बता रहे हैं।
बता दें कि कोविड सहित सभी तरह के वायरस के नए-नए वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन लगाई गई है, ताकि जांच के लिए सैंपल अन्य शहरों में न भेजने पड़े। जिस समय मशीन आई थी, तब जिम्मेदार इसे एक माह में शुरू करने की बात कर रहे थे। इसके लिए अलग से लैब का भी निर्माण किया जा चुका है। डीन डा. संजय दीक्षित के अनुसार जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन के संचालन के लिए डाक्टरों की ट्रेनिंग हो गई है। कुछ सामान आना बाकी है, उसके बाद मशीन शुरू कर दी जाएगी।
इंदौर में किसी भी सरकारी अस्पताल में जांच की व्यवस्था नहीं
शहर में कोरोना पाजिटिव मरीजों के सैंपल भोपाल भेजना पड़ रहे हैं। शहर में किसी भी शासकीय अस्पताल में इस जांच की व्यवस्था नहीं है। वैरिएंट का पता इंदौर में ही लग सके, इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहल पर मेडिकल कालेज को दो साल पहले जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन उपलब्ध करवाई गई। उस समय उम्मीद जताई जा रही थी कि इसके तुरंत बाद वैरिएंट की जांच इंदौर में ही शुरू हो जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इसके शुरू होने का एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि जांच के लिए जरूरी केमिकल भी अभी तक यहां नहीं पहुंच पाया है।