पवन की गुरुवार को लोकेशन कूनो के पास स्थित अगरा क्षेत्र के जंगल में मिली है। पवन के वापस लौटने पर कूनो प्रबंधन ने राहत की सांस ली है।
By Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Fri, 29 Mar 2024 06:33 AM (IST)
Up to date Date: Fri, 29 Mar 2024 06:33 AM (IST)
HighLights
- पवन गुरुवार को वापस कूनो पार्क की सीमा में लौट आया है
- वीरा अभी मुरैना के जौरा स्थित पगारा डैम के पास विचरण कर रही है।
- दोनों चीतों के पीछे कूनो की ट्रैकिंग टीम लगी हुई है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, श्योपुर । कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में घूम रहे नर चीता पवन और मादा चीता वीरा रविवार को पार्क की सीमा लांघकर मुरैना जिले की सीमा में पहुंच गए थे। पवन गुरुवार को वापस कूनो पार्क की सीमा में लौट आया है, जबकि वीरा अभी मुरैना के जौरा स्थित पगारा डैम के पास विचरण कर रही है। दोनों चीतों के पीछे कूनो की ट्रैकिंग टीम लगी हुई है।
बता दें कि पवन कूनो से निकलकर मुरैना जिले के पहाड़गढ़ के जंगल में पहुंच गया था। इसके दो दिन बाद मंगलवार को वीरा भी उसी इलाके में पहुंच गई। पवन की गुरुवार को लोकेशन कूनो के पास स्थित अगरा क्षेत्र के जंगल में मिली है। पवन के वापस लौटने पर कूनो प्रबंधन ने राहत की सांस ली है। कूनो डीएफओ थिरूकुराल आर ने बताया कि वीरा भी जल्द लौट आएगी। हमारी टीम लगातार ट्रैक कर रही है। जानवर हैं तो ऐसे ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहेंगे।
जन्म दिवस पर आज मादा शावक का होगा नामकरण
मादा चीता ज्वाला द्वारा सबसे पहले जन्मी शावक (मादा) की वर्षगांठ शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस अवसर पर कूनो प्रबंधन द्वारा जश्न मनाया जाएगा, साथ ही उसका नामकरण भी किया जा सकता है। कूनो में शावकों के जन्म की सबसे पहली खुशखबरी ज्वाला ने दी थी। इसके तीन शावकों की मौत लू और तेज गर्मी सहित अन्य कारणों से कुछ ही दिनों बाद हो गई थी। इनमें सिर्फ एक मादा शावक जिंदा बची थी, जिसकी हालत बेहद गंभीर थी। उसे वातानुकूलित स्थान पर डाक्टरों की विशेष निगरानी और देखरेख में रखा गया। वह आज पूरी तरह स्वस्थ है और एक साल की हो गई है। गुरुवार देर शाम कूनो प्रबंधन ने शावक का फोटो भी जारी किया है।