Mukhtar Ansari Lifeless: कैद में रहते हुए हत्या के 8 केस, कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद मुख्तार का शुरु हुआ था बुरा वक्त

Mukhtar Ansari Lifeless: कैद में रहते हुए हत्या के 8 केस, कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद मुख्तार का शुरु हुआ था बुरा वक्त

Mukhtar Ansari Lifeless: माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात मौत हो गई। वह बांदा जेल में बंद था। मुख्तार अंसारी के ऊपर 61 केस दर्ज थे। इनमें मर्डर के आठ केस जेल में रहने के दौरान दर्ज हुए थे।

By Kushagra Valuskar

Publish Date: Thu, 28 Mar 2024 11:56 PM (IST)

Up to date Date: Fri, 29 Mar 2024 12:10 AM (IST)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Mukhtar Ansari Lifeless: उत्तर प्रदेश के माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात मौत हो गई। वह बांदा जेल में बंद था। पूर्वाचल की राजनीति में अंसारी का परिवार ताकतवर रहा है। इसका प्रभाव मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, बलिया और बनारस तक है। मुख्तार मऊ सीट से पांच बार विधायक रहा। माफिया के ऊपर 61 केस दर्ज थे। इनमें मर्डर के आठ केस जेल में रहने के दौरान दर्ज हुए थे।

जेल से चलाता था गैंग

मुख्तार अंसारी जिस जेल में रहा। वहां हमेशा रुतबा बना रहा। चाहे गाजीपुर, बांदा या रोपड़ जेल हो। जेलर कोभी हो चलती मुख्तार की। मुख्तार अंसारी जेल से गैंग चलाता था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले साल एक शूटर की जमानत पर सुनवाई के दौरान मुख्तार गैंग को देश का खतरनाक गिरोह कहा था।

मुख्तार 2005 में दंगों का आरोपी बना

मऊ में मुगल काल से रामायण के प्रसंग भरत मिलाप की परंपरा चली आ रही है। साल 2005 में भरत मिलाप के दौरान दंगा भड़क गया। ये करीब एक माह तक चला था। तब सपा की सरकार थी। मुख्तार को दंगे के मामलों में आरोपी बनाया गया था। 2005 में उसने गाजीपुर में सरेंडर कर दिया। वह तभी से जेल में था।

वह दो केस जिनके लिए मुख्तार को सजा मिली

कृष्णानंद हत्याकांड

मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से 1985 से 1996 तक पांच बार चुनाव जीता था। 2002 के चुनाव में बीजेपी के कृष्णानंद राय से अफजाल चुनाव हार गए। 29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद की हत्या कर दी गई। वह एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्धाटन करने गए थे। लौटते समय शूटर्स ने उनकी कार को घेरकर 400 से अधिक गोलियां चलाई थी। कृष्णानंद और उनके साथ मौजूद लोग मारे गए थे। उस वक्त मुख्तार जेल में बंद था। इसके बावजूद हत्याकांड में उसे नामजद किया गया।

नंदकिशोर रूंगटा हत्याकांड

1997 में बनारस के भेलूपुर में कोयला व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा का अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। नंद के भाई महावीर प्रसाद ने 1997 में केस दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि मुख्तार अंसारी ने धमकी दी थी। उसने 5 करोड़ की रंगदारी मांगी थी। इसमें से डेढ़ करोड़ रुपये दे चुके थे। महावीर प्रसाद रूंगटा ने मुख्तार और अताहर रहमान के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। आरोप था कि नंदकिशोर की हत्या शूटर अताहर ने की थी।रहमान ने कोयला कारोबारी बनकर नंदकिशोर रूंगटा को डील के बहाने बुलाया था। फिर उनकी हत्या कर लाश को प्रयागराज में ठिकाने लगा दिया।

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    माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से मास कम्युनिकेशन स्नातक कुशाग्र वालुस्कर नईदुनिया डिजिटल में सीनियर सब एडिटर के पद पर हैं। कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में माह

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