ASI Survey in Bhojshala: धार की भोजशाला के कार्बन डेटिंग के लिए नमूने लैब भेजने की तैयारी।
By Prashant Pandey
Publish Date: Thu, 28 Mar 2024 08:49 PM (IST)
Up to date Date: Thu, 28 Mar 2024 09:00 PM (IST)
HighLights
- भीतरी क्षेत्र में भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण टीम कुछ स्थानों पर खोदाई कर सकती है।
- नीव की जांच कर भोजशाला की प्राचीनता का पता लगाने की प्रक्रिया भी जारी।
- 29 मार्च से भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम द्वारा सर्वे किया जा रहा है।
ASI Survey in Bhojshala: नईदुनिया प्रतिनिधि, धार। धार की ऐतिहासिक भोजशाला के सर्वे को सात दिन पूरे हो चुके हैं। आधुनिक उपकरणों के साथ सर्वे में अब दो नए विशेषज्ञ भी जुड़ गए हैं। गुरुवार को इन्हीं उपकरणों के माध्यम से भोजशाला की छत की ऊपरी सतह का सर्वे किया गया। भोजशाला के 50 मीटर के दायरे में जो भी धरोहर है उसे भी सर्वे टीम ने अपने रिकार्ड में दर्ज कर लिया। इसके साथ ही भोजशाला के भीतरी भाग के फर्श का भी सर्वे पूरा कर लिया गया है। आगामी कुछ दिनों में भीतरी क्षेत्र में भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण टीम कुछ स्थानों पर खोदाई कर सकती है।
वर्तमान में तीन स्थान पर गहराई तक खोदाई हो चुकी है। इसके माध्यम से नीव की जांच कर भोजशाला की प्राचीनता का पता लगाने की प्रक्रिया भी की जा रही है। कार्बन डेटिंग प्रक्रिया के पहले टीम कई तरह की सैंपलिंग भी कर रही है। यहां से प्राप्त नमूनों को लैब में परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। इससे भोजशाला की आयु यानी काल गणना होगी। भोजशाला परिसर में पाषाण हैं, वे रेड सैंड स्टोन श्रेणी के हैं। 29 मार्च शुक्रवार को भी सुबह 6 बजे से सर्वे शुरू हो जाएगा। जबकि दोपहर एक से तीन बजे तक भोजशाला में नमाज होगी।
उल्लेखनीय है उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ के आदेश पर 29 मार्च से भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम द्वारा सर्वे किया जा रहा है। गुरुवार को सातवें दिन के सर्वे में टीम के दो नए सदस्य जुड़े हैं। ये दोनों विशेषज्ञ हैं और खास उपकरण लेकर परिसर में पहुंचे हैं। उन्होंने छत और भोजशाला की फर्श का सर्वे किया है। भोजशाला के बाहरी मैदान की भी नपती की गई है। टीम के साथ हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता आशीष गोयल एवं गोपाल शर्मा तथा मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद भी मौजूद थे।
बाहरी क्षेत्र में 50 मीटर दायरे में बारीकी से जांच
उच्च न्यायालय ने भोजशाला के 50 मीटर के दायरे का सर्वे करने के लिए कहा है। गुरुवार इस सीमा क्षेत्र में एएसआई की टीम ने करीब तीन घंटे कार्य किया । आसपास के क्षेत्र में जो मकान बने हैं या जो भी धरोहर स्थित है, उनकी भी छोटी से छोटी जानकारी टीम के सदस्य दर्ज कर रहे हैं। परिसर में मौजूद बावड़ी आदि का दस्तावेजीकरण भी किया गया।
भोजशाला मिस्ट्री हम करेंगे खुलासा- मुस्लिम पक्ष
मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद ने गुरुवार को सुबह कहा कि भोजशाला एक मिस्ट्री है। राजा भोज का किला कहां था? भोजशाला कहां थी? यह अस्पष्ट है। इसे ढूंढा जाना चाहिए। हम भी चाहते हैं कि इसे ढूंढा जाए। इस पर हम भी खुलासा करेंगे।
भोजशाला से प्राप्त भगवान विष्णु की मूर्ति मांडू में
इधर मुस्लिम पक्ष के बयान पर हिंदू संगठन के गोपाल शर्मा ने कहा है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण अपना कार्य कर रहा है। निश्चित रूप से आगामी दिनों में सुखद परिणाम आएंगे। उन्होंने कहा कि भोजशाला के पास अकल कुई है, जहां सालों पहले की गई खोदाई के दौरान भगवान विष्णु की एक बड़ी पाषाण प्रतिमा मिली थी, जो 10 टन वजनी है। इसे वर्तमान में मांडू के जहाज महल परिसर के तवेली महल स्थित संग्रहालय में रखा हुआ है।
यह अपने आप में बहुत बड़ा प्रमाण है कि भोजशाला मंदिर है। स्काउट-गाइड के पुराने प्रशिक्षण केंद्र के पास आज भी एक प्रतिमा रखी हुई है। यह भी भोजशाला परिसर के 50 मीटर के दायरे में ही आती है। उन्होंने कहा कि धार कभी नाथ संप्रदाय का एक महत्वपूर्ण स्थान हुआ करता था। यहां नाथ संप्रदाय की 437 से अधिक समाधि हुआ करती थीं।
यहां कमलनाथ महाराज का स्थान था जहां शिवलिंग भी था। ये सारे प्रमाण इसका मंदिर होना ही दर्शाते हैं। यह सच जल्द ही सामने आ जाएगा। आसपास के खेतों में हल चलाने पर भी मूर्तियां ही मिलती थी। इस तरह से सभी साक्ष्य हमारे पक्ष में हैं। वैसे भी कमाल मौला की मजार तो अहमदाबाद में है।