साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक फरवरी 2024 को पूर्व नेवी अधिकारी की ओर से ठगी की शिकायत की गई थी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर साइबर क्राइम पुलिस की टीम को जांच में लगाया था।
By Paras Pandey
Publish Date: Tue, 26 Mar 2024 09:44 PM (IST)
Up to date Date: Tue, 26 Mar 2024 09:47 PM (IST)
HighLights
- पुलिस ने राजस्थान से किसान राजेंद्र मीणा और बैंक कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया
- जयपुर, केरल के खातों में जमा होकर रुपये दुबई तक पहुंचे
- राजस्थान व केरल के चार आरोपितों को किया गया गिरफ्तार
भोपाल, (नईदुनिया प्रतिनिधि)। राजधानी के पूर्व नेवी अधिकारी के साथ साइबर ठगी का पुलिस ने करीब सवा महीने बाद राजफाश कर दिया है। उनके साथ 68.49 लाख रुपये की ठगी का दुबई कनेक्शन निकला है। ठगी के रुपये जयपुर, केरल के बैंक खातों से होते हुए दुबई तक पहुंचे।
इस मामले में पुलिस ने राजस्थान और केरल के चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक बैंक कर्मचारी भी शामिल है। इन शातिर ठगों ने पीड़ित को 200 एमडीएमए जैसे अति उत्तेजक मादक पदार्थ का पार्सल एयरपोर्ट पर पकड़ने और मनी लांड्रिंग मामले में फंसाने की बात कहकर डराया और रकम ऐंठ ली। दुबई में बैठे इस ठगी के मास्टरमाइंड ने मुंबई का डीसीपी बनकर पीड़ित से बात की और किराये पर लिए बैंक खातों में रकम जमा करवाई थी।
साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक फरवरी 2024 को पूर्व नेवी अधिकारी की ओर से ठगी की शिकायत की गई थी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर साइबर क्राइम पुलिस की टीम को जांच में लगाया था। इसमें सामने आया कि राजस्थान के ग्राम सांचोली, तहसील बामनवास थाना बाटोदा जिला सवाई माधोपुर राजस्थान निवासी 26 वर्षीय राजेंद्र मीणा के एक निजी बैंक के खाते में ठगी की कुछ राशि जमा हुई है।
जब पुलिस राजेंद्र मीणा तक पहुंची तो पता चला कि आरोपित ने नमो नारायण नाम के व्यक्ति को अपना खाता करीब डेढ़ लाख रुपये में बेच दिया था।
जब पुलिस ने उस खाते की और जानकारी निकाली तो पता चला कि निजी बैंक के कर्मचारी रंजीत नगर थाना खातीपुरा जयपुर राजस्थान निवासी 24 वर्षीय लोकेश सैनी ने उक्त बैंक खाता को गलत तरीके से खोलने में मदद की थी। इस पर पुलिस ने राजस्थान से किसान राजेंद्र मीणा और बैंक कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया। नमोनारायण की अभी कोई जानकारी नहीं मिली है।
मास्टर माइंड फिलहाल फरार है
उधर, इस ठगी की कुछ रकम आयशा मंजिल नैमरमूला मुत्ताथोडी गांव, जिला कासरगोड केरल निवासी 42 वर्षीय अब्दुल कादर एएन के खाते में जमा होना पाया गया।
जब पुलिस उस तक पहुंची तो पता चला कि उसका रिश्तेदार ग्राम पेरुम्बला थाना मेलपराम्बा कासरगोड केरल निवासी 39 वर्षीय अब्दुल रहमान उससे बैंक में जमा राशि को नकद निकालकर खुद लेता था और उसके बदले में कमीशन देता था। जब पुलिस ने अब्दुल रहमान से पूछताछ की तो उसने दुबई में रहने वाले कासरगोड केरल निवासी शाफी का नाम बताया।
वही साइबर ठगी का मास्टरमाइंड है, जो इस प्रकार की ठगी की रकम को केरल के इन लोगों के खातों में जमा करवाता है। पुलिस ने इस आधार पर अब्दुल कादर एएन और अब्दुल रहमान को केरल से गिरफ्तार कर लिया है। अब्दुल कादर सेल्समैन का काम करता है, जबकि रहमान खाड़ी देशों में काम करता है।