यह कार्य एम्स के डॉक्टरों के साथ मिलकर किया जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है। यह डिवाइस महिलाओं के स्वास्थ्य की स्थिति, जरूरी टेस्ट और दवाइयों के बारे में बताएगा।
By Paras Pandey
Publish Date: Thu, 28 Mar 2024 12:39 AM (IST)
Up to date Date: Thu, 28 Mar 2024 12:39 AM (IST)
HighLights
- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की देखभाल में मदद करेगा।
- एआइ असिस्टेंट मेटरनल केयर का काम दो महीने पूर्व शुरू हो चुका है।
सुशील पांडेय, भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) विभाग के विभागाध्यक्ष और डीन रिसर्च डॉ. निलय खरे अपनी टीम के साथ मिलकर एक ऐसा डिवाइज तैयार कर रहे हैं, जो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की देखभाल में मदद करेगा।
यह कार्य एम्स के डॉक्टरों के साथ मिलकर किया जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है। यह डिवाइस महिलाओं के स्वास्थ्य की स्थिति, जरूरी टेस्ट और दवाइयों के बारे में बताएगा।
यह समस्या की गंभीरता को भी बताएगा और डॉक्टर से मिलने का स्लॉट बुक कर महिला की हिस्ट्री डाक्टर तक भेजेगा। एआइ असिस्टेंट मेटरनल केयर का काम दो महीने पूर्व शुरू हो चुका है। इसे बनने में एक साल का वक्त लगने का अनुमान है। इसके लिए एम्स भोपाल से एमओयू हो चुका है और अब टीम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के साथ समझौता करने का प्रयास कर रही है।
डॉ. निलय खरे ने बताया कि गर्भावस्था के नौ महीने का प्रोटोकॉल मप्र के स्वास्थ्य विभाग ने बना रखा है, लेकिन खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में इसका समुचित पालन नहीं हो पाता है। इस कारण अंतिम दिनों में बिगड़े हालातों में महिलाएं अस्पताल पहुंचती है।
एआई असिस्टेंट फॉर मेटरनल केयर विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए उपयोगी होगा, जहां गर्भवती महिलाएं अक्सर देखभाल के प्रोटोकॉल से अनजान होती हैं और स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से उपलब्ध नहीं होती हैं। यह अल्ट्रासोनोग्राफी जैसे परीक्षण करने में सक्षम होगा। अलग-अलग शहरों में बैठे डॉक्टर समय-समय पर डिवाइस की मदद से गर्भवती महिलाओं की स्थिति का आकलन करेंगे।
यदि कोई जटिलता उत्पन्न होती है तो उपकरण उसकी गंभीरता का पता लगाएगा और सुझाव देगा कि रोगी को सिविल या जिला अस्पताल ले जाने की आवश्यकता है या नहीं। यह उपलब्ध डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट बुक करेगा और उसकी हिस्ट्री डाक्टर तक पहुंचाएगा।
आपातकालीन स्थिति में यह उपकरण 108 से भी कनेक्ट होगा। डॉ. खरे ने बताया कि यह उपकरण प्रदेश में मां और बच्चे को स्वस्थ रखने में मदद करेगा। आशा या आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को डिवाइस का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
ऐसे मिली प्रेरणा
डॉ. निलय खरे ने बताया कि मेरी बेटी डॉ. अदिती खरे हमीदिया अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूती रोग विशेषज्ञ है। उसके माध्यम से मुझे पता चलता रहता है कि अस्पताल में पहुंचने वाली महिलाओं और गर्भस्थ शिशुओं की हालत अक्सर चिंताजनक होती है और इसका मुख्य कारण गर्भधारण के बाद महिलाओं की उचित देखभाल न होना है। इससे मुझे यह डिवाइज बनाने की प्रेरणा मिली।
टीम में ये शामिल
इस रिसर्च में डीन डॉ. निलय खरे के साथ सहायक के रूप में एआइ विभाग की प्रोफेसर डॉ. मानसी ज्ञानचंदानी, इलेक्ट्रॉनिक विभाग की प्रो कविता खरे और प्रो संगीता के साथ 14 विद्यार्थियों की टीम शामिल है।