Surguja Lok Sabha seat कांग्रेस ने युवा नेत्री, युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव शशि सिंह को सरगुजा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित कर दिया है। शशि सिंह सूरजपुर जिले में जिला पंचायत सदस्य हैं।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Tue, 26 Mar 2024 09:53 PM (IST)
Up to date Date: Tue, 26 Mar 2024 09:53 PM (IST)
HighLights
- शशि सिंह सरगुजा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित
- शशि सिंह सूरजपुर जिले में जिला पंचायत सदस्य हैं
- शशि सिंह के पिता स्व तुलेश्वर सिंह अजीत जोगी सरकार में मंत्री
अंबिकापुर। लंबी प्रतीक्षा के बाद आखिरकार कांग्रेस ने युवा नेत्री, युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव शशि सिंह को सरगुजा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित कर दिया है। शशि सिंह सूरजपुर जिले में जिला पंचायत सदस्य हैं। उन्होंने जिला पंचायत का चुनाव बड़े अंतर से जीता है। सूरजपुर जिले में तेजी से उभरीं युवा नेत्री गोंड़ जनजातीय समाज से हैं। इस कारण उनकी अच्छी सामाजिक पकड़ भी है। राजनीति इनको विरासत में मिली है।
इनके पिता स्व तुलेश्वर सिंह छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी सरकार में मंत्री थे ।पिता तुलेश्वर सिंह तेज दरार छवि के थे, उन्हीं की छाप शशि सिंह पर पड़ी है।मुखर होकर शशि अपनी बात रखती हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा के प्रथम चरण में शशि सिंह फुल टाइमर यात्री रहीं हैं। यात्रा में शामिल उन 100 युवाओं में शशि भी शामिल थीं। इन्होंने 3500 किलोमीटर की यात्रा भी राहुल गांधी के साथ तय की थी।
राहुल गांधी के करीबी होने के कारण उनका नाम लोकसभा प्रत्याशी के रूप में सामने एक वर्ष पहले ही आ चुका था।सरगुजा में उनका नाम चर्चा में आया तो पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भी इनका समर्थन किया। शशि सिंह, टीएस सिंहदेव की करीबी मानी जातीं हैं।
मजबूत पक्ष
युवा चेहरा होने के कारण कार्यकर्ताओं में उत्साह है इसका लाभ मिल सकता है।नया चेहरा होने के कारण कोई नकारात्मक छवि नहीं है।पूर्व मंत्री पिता स्व तुलेश्वर सिंह का सूरजपुर जिले में रहे प्रभाव का लाभ मिलेगा।गोंड़ जनजाति की होने का लाभ भी मिलेगा।लोकसभा क्षेत्र में गोंड़ जनजाति के मतदाताओं की संख्या अधिक है।भाजपा ने कंवर जनजाति के चिंतामणि महराज को मैदान में उतारा है जो लोकसभा क्षेत्र में दूसरी बड़ी जनजाति है।
कमजोर पक्ष
नया चेहरा होने के कारण लोकसभा क्षेत्र के सभी विधानसभा क्षेत्र में पहचान कम है। अनुभव भी भाजपा के प्रत्याशी चिंतामणि महाराज से कम होने का नुकसान हो सकता है।