Gwalior information: 23 लाख की अड़ीबाजी कर फरार हुए अपने ही कर्मचारियों को नहीं तलाश पाई पुलिस

Gwalior information: 23 लाख की अड़ीबाजी कर फरार हुए अपने ही कर्मचारियों को नहीं तलाश पाई पुलिस

Gwalior information:पिछले छह माह पहले 23 लाख की अड़ीबाजी कर फरार हुए अपने ही पुलिस कर्मियों को पुलिस तलाश नहीं पाई है। जबकि वर्तमान में लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद से पुलिस फरारी बदमाशों को दबोचने में लगी है।

By anil tomar

Publish Date: Tue, 26 Mar 2024 08:18 AM (IST)

Up to date Date: Tue, 26 Mar 2024 08:18 AM (IST)

HighLights

  1. सट्टेबाजों से अड़ीबाजी की थी पुलिस कर्मियों ने
  2. पिछले छह माह से है फरार, पुलिस नहीं लगा पाई है आरोपित पुलिस कर्मियों का पता

Gwalior information: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। पिछले छह माह पहले 23 लाख की अड़ीबाजी कर फरार हुए अपने ही पुलिस कर्मियों को पुलिस तलाश नहीं पाई है। जबकि वर्तमान में लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद से पुलिस फरारी बदमाशों को दबोचने में लगी है। लेकिन पुलिस अपने ही फरार आरोपितों तक नहीं पहुंच पाई है। इससे साफ लग रहा है कि पुलिस अपनों को किस तरह से बचा रही है।

18 सितंबर 2023 को क्रिकेट सटोरियों से 23 लाख रुपए की अड़ीबाजी करने वाले क्राइम ब्रांच के दो जवान व गोला का मंदिर थाना के सब इंस्पेक्टर को फरार हुए 6 महीने हो चुके हैं। इन पर एसपी ग्वालियर की ओर से 10-10 हजार रुपए का नकद ईनाम भी घोषित है। अब समझ यह नहीं आ रहा कि पुलिस इनको पकड़ना नहीं चाहती है या फिर आरोपी पुलिस वाले हैं इसलिए पुलिस के सारे पैंतरों से रूबरू हैं। छह महीने से यह पूरे पुलिस विभाग को चकमा दे रहे हैं।

यह है पूरा मामला

18 सितंबर 2023 की रात को गोला का मंदिर थाने में पदस्थ उप निरीक्षक मुकुल यादव को थाना सिरोल के अंतर्गत आने वाली एमके सिटी टाउनशिप के फ्लैट नंबर-105 में क्रिकेट पर सट्टा लगवाने की खबर मिली थी। एसआई ने इसकी सूचना क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षक विकास तोमर और आरक्षक राहुल यादव को दी। इसके बाद तीनों एमके सिटी के फ्लैट नंबर 105 में पहुंचे। बताया जाता है कि इनके साथ एक निजी व्यक्ति भी था। इन लोगों ने फ्लैट में घुसकर 15 सट्टेबाजों को पकड़ा था, तीनों पुलिसकर्मियों ने इन सटोरियों के पास से 10 हजार रुपए नकद व दो मोबाइल छीन लिए थे। जब पुलिस ने इनके मोबाइल देखे तो उसमें लाखों रुपये का हिसाब-किताब मिलते ही पुलिसकर्मियों की नीयत बदल गई। यहां एसआई मुकुल यादव ने अपनी पिस्टल दिखाकर सटोरियों को धमकाया और उनसे बैंक खातों की जानकारी मांगी। इसके बाद नेट बैंकिंग का पासवर्ड पूछा और दो खातों से 23 लाख 25 हजार रुपए दूसरे खातों में ट्रांसफर कर लिए। इसके बाद सिरोल थाना पुलिस को कार्रवाई के लिए सुपुर्द कर दिया था। इसके बाद सिरोल थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की थी।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुआ था मामला

तीनों पुलिसकर्मियों के द्वारा की गई कार्रवाई की खबर तो पुलिस अफसरों तक पहुंची लेकिन इसमें हुए खेल की जानकारी अफसरों को नहीं थी। लेकिन सुबह होते ही अड़ीबाजी की खबर पुलिस के आला अफसरों तक भी पहुंच गई थी। जब सटोरियों के बयान लिए तो उन्होंने अड़ीबाजी की पूरी कहानी का खुलासा किया। यहां बता दें कि सभी आरोपी दतिया जिले के रहने वाले थे। इसी बीच प्रदेश की भाजपा सरकार के एक तत्कालीन मंत्री के हस्तक्षेप के बाद 23 लाख रुपए की अड़ीबाजी करने वाले सब इंस्पेक्टर, हवलदार व सिपाही पर स्नढ्ढक्त्र दर्ज कर उन्हें निलंबित किया गया था। तत्कालीन एसपी ने उन पर 10-10 हजार का इनाम घोषित किया गया था। तभी से यह तीनों पुलिसकर्मी फरार हैं।

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    2000 से पत्रकारिता में हूं। दैनिक जागरण झांसी, नवभारत में रिपोर्टर के रूप में काम किया है। दैनिक भास्कर भीलवाड़ा, अजमेर में रिपोर्टर रहा। 2007 से 2013 तक दैनिक भास्कर के मुरैना कार्यालय में ब्यूरो चीफ के रूप मे

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