Rani Mukherjee shared the story of the movie ‘Ghulam’ | रानी मुखर्जी ने ‘गुलाम’ फिल्म का किस्सा शेयर किया: बोलीं- मेकर्स को मेरी आवाज पसंद नहीं आई थी, डबिंग आर्टिस्ट लाने का फैसला हुआ था

12 मिनट पहले

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रानी मुखर्जी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत ‘राजा की आएगी बारात’ से की। लेकिन उस फिल्म से उन्हें वो पॉपुलैरिटी नहीं मिली थी। इसी दौरान रानी की ‘गुलाम’ भी रिलीज हुई थी, जिसमें उनका एक छोटा सा रोल था। ‘गुलाम’ के सॉन्ग ‘ए क्या बोलती तू’ से रानी को पहचान मिली थी। ऐसे में एक इंटरव्यू के दौरान रानी मुखर्जी ने इस फिल्म से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया।

रानी मुखर्जी बोलीं- मेकर्स को मेरी आवाज पसंद नहीं आई थी
‘गुलाम’, ‘कुछ कुछ होता है’ से कुछ महीने पहले ही रिलीज हुई थी। ‘गुलाम’ के लिए मेकर्स ने रानी के लिए एक डबिंग आर्टिस्ट लाने का फैसला किया था। क्योंकि मेकर्स को यकीन नहीं था कि रानी की असली आवाज फिल्म के लिए काम करेगी या नहीं।

रानी मुखर्जी ने कहा- मेरी आवाज सामान्य-सी लगने वाली आवाज नहीं थी। मेरी आवाज औरों से अलग थी। इसलिए मुझे लगता है कि उस समय, मेकर्स मेरे ऊपर ये दांव नहीं लगाना चाहते थे। क्योंकि फिल्म में मेरे साथ आमिर खान थे, जो पहले से ही एक स्थापित एक्टर थे। यहां तक कि ‘गुलाम’ के डायरेक्टर विक्रम भट्ट ने मुझे समझाया था कि वे सिर्फ इसलिए एक डबिंग आर्टिस्ट रखना चाहते थे क्योंकि एडिट रूम से मेरी आवाज के बारे में सुनने को मिलता था कि इस लड़की की आवाज थोड़ी अलग है।

कई फिल्मों में श्रीदेवी जी की भी आवाज डब की गई थी
रानी मुखर्जी ने साझा किया कि उन दिनों फीमल एक्ट्रेसेस के लिए डबिंग आर्टिस्ट होना बहुत आम बात थी। साउथ की कई एक्ट्रेसेस हिंदी सिनेमा में काम करती थीं, जिनकी भाषा में मजबूत पकड़ नहीं थी। खासतौर पर श्रीदेवी जी। कई सालों तक श्रीदेवी जी की आवाज को डब किया गया था, और वो मेरी पसंदीदा एक्ट्रेस थीं।

मुझे याद है कि आमिर खान ने मुझसे कहा था- रानी, ​​तुम्हें पता है कि तुम्हारी पसंदीदा अभिनेत्री श्रीदेवी जी की आवाज कई फिल्मों में डब की गई थी। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। हमें वही करना होगा जो हमारी फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ हो। उस समय उसे एक बुरा पुलिस वाला बना दिया गया था। ये फिल्म के मेकर्स द्वारा लिया गया सामूहिक निर्णय था। सच कहूं तो मुझे नहीं लगता कि उन्होंने इस पर बहुत अधिक विचार किया भी होगा। मेकर्स बस सुरक्षित खेलना चाहते थे।

करण जौहर को मेरी आवाज काफी पसंद आई थी
रानी मुखर्जी ने शेयर किया कि करण जौहर वो पहले डायरेक्टर थे, जिन्होंने उनकी मूल आवाज को बरकरार रखने और उस पर डब न करने का फैसला किया था। जब करण को पता चला कि रानी की आवाज किसी और द्वारा डब की जा रही है, तो वो हैरान रह गए। रानी ने बताया कि शायद मेकर्स को मेरी आवाज पसंद नहीं है। ये बात सुनकर करण जौहर ने कहा कि उन्हें रानी की आवाज पसंद है। वे फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ में रानी की आवाज ही रखना चाहते थे। रानी, करण की इस बात से बेहद खुश हो गई थीं। उन्होंने कहा- मुझे बहुत खुशी है कि करण ने करण होने के नाते ऐसा निर्णय लिया। क्योंकि अगर ‘कुछ कुछ होता है’ में भी मेरी आवाज डब की जाती, तो बाकी मेकर्स को मेरी आवाज के लिए मनाना बहुत मुश्किल हो जाता।

Holi Particular Practice: मंगलवार को जबलपुर से दानापुर जाएगी होली स्पेशल ट्रेन

रेलवे द्वारा चलाई जा रही होली स्पेशल यात्री गाड़ियों में अग्रिम आरक्षण की सुविधा भी प्रदान की गई है।

By Hemant Kumar Upadhyay

Publish Date: Mon, 25 Mar 2024 06:55 AM (IST)

Up to date Date: Mon, 25 Mar 2024 06:55 AM (IST)

Holi Special Train: मंगलवार को जबलपुर से दानापुर जाएगी होली स्पेशल ट्रेन

HighLights

  1. रीवा के यात्रियों के साथ भोपाल जाने वाले यात्रियों को भी राहत
  2. होली स्‍पेशल ट्रेन लगभग 12 घंटे बाद दानापुर पहुंचेगी ।
  3. रानी कमलापति स्टेशन से भी जबलपुर होकर दानापुर के लिए ट्रेन नंबर 01663 जाएगी।

नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। होली पर घर जाने वाले यात्रियों को रेलवे ने होली स्पेशल चलाकर राहत दी है। इस कड़ी में जबलपुर से यूपी- बिहार जाने वाले यात्रियों को रेलवे ने स्पेशल चलाकर राहत दी है। दरअसल रेल मंगलवार को जबलपुर से रवाना की जाएगी, जो कि लगभग 12 घंटे बाद दानापुर पहुंचेगी ।

रेलवे के मुताबिक ट्रेन नंबर 01705 जबलपुर से 26 मार्च को शाम को 19.45 बजे चलकर दूसरे दिन सुबह 8:45 बजे दानापुर पहुंचेगी। यह गाड़ी जबलपुर से चलकर मैहर, सतना, प्रयागराज, मिर्जापुर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तथा आरा स्टेशनों पर रुकते हुए दानापुर पहुंचेगी।

27 मार्च को दानापुर से चलकर जबलपुर वापस आएगी। रानी कमलापति स्टेशन से भी जबलपुर होकर दानापुर के लिए ट्रेन नंबर 01663 जाएगी। वहीं 27 मार्च को ही रानी कमलापति स्टेशन से दोपहर 2:20 बजे चलकर जबलपुर, कटनी, सतना, प्रयागराज, बक्सर मार्ग से दानापुर जाएगी। वापसी में भी यह ट्रेन 28 मार्च को दानापुर से चलकर जबलपुर होते हुए रानी कमलापति स्टेशन तक जाएगी।

रीवा से रानी कमलापति के लिए भी स्पेशल ट्रेन न.02186 भी चलाई गई। यह ट्रेन 23 मार्च को रीवा से दोपहर 12:30 बजे चली और रात को रात 21:15 बजे पहुंची। यह ट्रेन सतना, मैहर, कटनी, दमोह, सागर बीना मार्ग से चलेगी। वापसी में भी यह ट्रेन न .02185 रानी कमलापति स्टेशन से रात 22:15 बजे चलकर उक्त मार्ग से होकर रीवा स्टेशन सुबह 7:20 बजे पहुंचेगी।

रेलवे द्वारा चलाई जा रही उक्त होली स्पेशल यात्री गाड़ियों में अग्रिम आरक्षण की सुविधा भी प्रदान की गई है। होली के पर्व को देखते हुए पूछताछ एवं सार्वजनिक सूचना प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने एवं यात्रियों को सही सटीक जानकारी देने के लिए अतिरिक्त कोचों, एवं विशेष ट्रेनों के साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए अनारक्षित विंडो जबलपुर में 3, कटनी में 2, सतना में 1, दमोह में 1, सागर में 2, मदन महल में 1, पिपरिया में 1, मैहर में 1 स्टेशनो पर 3 शिफ्ट में 24 घंटे काउंटर खोलने की सुविधा रेलवे की तरफ से यात्रियों के लिए की गई है।

गंदगी फ़ैलाने वालों से 16 लाख का वसूला जुर्माना

पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर, भोपाल एवं कोटा तीनों मण्डलों के सभी स्टेशनों पर स्टेशन परिसर एवं गाड़ियों में स्वच्छ एवं पर्यावरण अनुकूल वातावरण मुहैया कराने के प्रति लगातार प्रयास हो रहे हैं। इस दौरान गंदगी करने वालों पर कार्रवाई भी हो रही है। फरवरी माह में गन्दगी फैलाने वालों के विरुद्ध चलाये गए अभियान में कुल 1156 व्यक्तियों के मामले पकडे गए, जिनसे कुल 01लाख 82 हजार 640 रूपये जुर्माना वसूला गया।

पमरे के तीनों मंडलों पर अप्रैल 2023 से फरवरी 2024 तक ग्यारह माह में गन्दगी फैलाने वालों के विरुद्ध चलाये गए अभियान में कुल 10720 मामले पकड़े गए, जिनसे कुल 16 लाख 30 हजार 815 रूपये जुर्माना वसूला गया। जुर्माने वसूली के साथ साथ लोगों को रेल परिसर साफसुथरा रखने की समझाइश भी दी जाती है।

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    प्रिंट मीडिया में कार्य का 33 वर्ष का अनुभव। डिजिटल मीडिया में पिछले 9 वर्ष से कार्यरत। पूर्व में नवभारत इंदौर और दैनिक जागरण इंदौर में खेल संपादक और नईदुनिया इंदौर में संपादकीय विभाग में अहम जिम्‍मेदारियों का

Madhuri celebrated Holi on the units of ‘Dance Deewane’ | ‘डांस दीवाने’ के सेट पर माधुरी ने मनाई होली: सुनील शेट्टी खेलेंगे फूलों की होली, मुनव्वर फारुकी ने की होली इवेंट की मेजबानी

10 मिनट पहलेलेखक: किरण जैन

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सुनील शेट्टी और माधुरी दीक्षित ने रियलिटी शो ‘डांस दीवाने’ के सेट पर होली मनाई। इस सेलिब्रेशन में उनके साथ गोविंदा भी मौजूद थे।

‘डांस दीवाने’ के अलावा कई फिक्शन शोज – ‘डोरी’, ‘परिणीति’, ‘उड़ारियां’, ‘मेरा बलम थानेदार’ और ‘मंगल लक्ष्मी’ के किरदारों ने मिलकर होली स्पेशल एपिसोड शूट किया। ‘बिग बॉस 17’ मुनव्वर फारुकी ने इस इवेंट की मेजबानी की।

बच्चों को मिस करूंगी- माधुरी दीक्षित

‘डांस दीवाने’ में जज बनीं माधुरी दीक्षित होली को लेकर उत्साहित होने के साथ-साथ थोड़ी दुःखी भी हैं। वे अपने दोनों बच्चे अरिन और रयान को मिस करेंगी। उन्होंने कहा, ‘इस साल होली पर मैं अपने बच्चों को बहुत मिस करूंगी। वे अपनी पढ़ाई के लिए बाहर हैं। लेकिन, हां इस त्यौहार को सेलिब्रेट अपने फ्रेंड्स के साथ जरूर करूंगी। वैसे मेरे लिए रंगों के साथ होली खेलना जरुरी नहीं। दोस्त, परिवार को इस मौके पर एक साथ रहना मेरे लिए बहुत महत्त्व रखता है।’

माधुरी आगे कहती हैं, ‘डांस दीवाने’ के सेट पर हमने होली पहले ही मना ली। सेट पर सेलिब्रेट करने का एक अपना ही मजा है। इस बार हमने कंटेस्टेंट्स और उनके फैमिली के साथ होली मनाई। काफी एन्जॉय किया।’

रंग नहीं फूलों की होली खेलूंगा- सुनील शेट्टी

माधुरी दीक्षित के को-स्टार सुनील शेट्टी ने भी शो में सेलिब्रेट की गई होली पर बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘हमने ‘डांस दीवाने’ में होली एपिसोड शूट किया है। बहुत एन्जॉय किया। मेरा मानना है कि यह बेस्ट एपिसोड में से एक है। ऑडियंस को यकीनन मजा आएगा। शो में मनोरंजन बढ़ाने के लिए चीची भैया (गोविंदा) और माधुरी दीक्षित भी मौजूद थे। हम तीनों ने सेट पर बहुत मस्ती की।

वैसे, मुझे रंग के साथ होली खेलना नहीं पसंद है। इस बार अपने दोस्तों के साथ फूलों की होली खेलने का प्लान बनाया है। साथ ही स्वादिष्ट खाने का भी लुत्फ भी उठाएंगे।’

3 दिन तक सेट पर होली स्पेशल एपिसोड शूट किए- तोरल रासपुत्र

सीरियल ‘डोरी’ की लीड एक्ट्रेस तोरल रासपुत्र ने भी शो के सेट पर मनाई गई होली के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘सेट पर हमने 3 दिन तक ये स्पेशल एपिसोड शूट किए। ये 3 दिन मेरे लिए इसलिए स्पेशल है क्योंकि शो में मैं जो मानसी का किरदार निभा रही हूं, उसे पहली बार खूब खुशियां मिली हैं। दरअसल, सीन के मुताबिक वो गलती से भांग पी लेती हैं जिसके बाद वो खूब मस्ती करती है।

रियल लाइफ अब होली मनाने में अब पहले जैसा उत्साह नहीं रहा। अब ये फेस्टिवल बहुत लाउड हो गया है। अब इस मौके पर अपने फैमिली मेंबर्स के साथ रहना ज्यादा पसंद करती हूं। बचपन में पिचकारी, गुब्बारें के संग खेली गई होली की यादें आज भी ताजा हैं।’

वीडियो देखिये, वाहन से उतरकर दुकान पर पहुंचे मप्र के सीएम डॉ मोहन यादव, चाय बनाकर सबको पिलाई

मुख्यमंत्री ने आदिवासी लोक नृत्य दल के साथ नृत्य किया।

By Hemant Kumar Upadhyay

Publish Date: Mon, 25 Mar 2024 06:17 AM (IST)

Up to date Date: Mon, 25 Mar 2024 06:20 AM (IST)

वीडियो देखिये, वाहन से उतरकर दुकान पर पहुंचे मप्र के सीएम डॉ मोहन यादव, चाय बनाकर सबको पिलाई
दुकान पर चाय बनाते मप्र के मुख्‍यमंत्री डॉ मोहन यादव

HighLights

  1. मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री डॉ मोहन यादव अलग ही अंदाज में नजर आए।
  2. श्रीधाम बालीपुर जाते समय कुछ देर के लिए मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव मनावर में रुके।
  3. मुख्‍यमंत्री वाहन से उतरे और चाय की दुकान पर पहुंच गए।

धार, मनावर। जिले के प्रवास के दौरान मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री डॉ मोहन यादव अलग ही अंदाज में नजर आए।बड़वानी से श्रीधाम बालीपुर जाते समय कुछ देर के लिए मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव मनावर में रुके। मनावर के सिंघाना रोड पर बस स्‍टैंड पर जाम के कारण मुख्‍यमंत्री के वाहन की रफ्तार धीमी हुई।

इसी दौरान डॉ मोहन यादव की नजर चाय की एक दुकान पर पड़ी। तभी मुख्‍यमंत्री वाहन से उतरे और चाय की दुकान पर पहुंच गए। उन्‍होंने खुद अपने हाथों से चाय बनाई और वहां मौजूद लोगों को चाय पिलाई। मुख्‍यमंत्री का यह अंदाज देखकर लोग हैरत में पड़ गए।

मनावर में सीएम ने नगर पालिका परिषद के सामने भाजपा, नगर व ग्रामीण मंडल के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। उन्हें तीर-कमान भेंट किए गए। जिला उपाध्यक्ष सौरभ शर्मा, सुनील पाटीदार, अभय कनेल, अमित शर्मा, पार्षद लोकेश मुकाती, रूपेश सोलंकी, मांगीलाल सावले, लालसिंह बर्मन, अशोक नामदेव, आशुतोष सोनी, सुनील चौपड़िया, रामेश्वर धनगर, पवन पाटीदार आदि मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने आदिवासी लोक नृत्य दल के साथ किया नृत्य

धरमपुरी। बालीपुर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर सेंधवा जाते समय मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव रविवार को बायपास चौराहे पर कुछ देर रुके। यहां क्षेत्रीय विधायक कालूसिंह ठाकुर भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने आदिवासी लोक नृत्य दल के साथ नृत्य किया।

बाकानेर भी रुके मुख्यमंत्री

बाकानेर। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव रविवार को कुछ देर के लिए यहां बस स्टैंड पर रुके। ओमपाल सिंह ठाकुर, आशीष गोस्वामी, बाबूलाल सिसौदिया, बाकानेर मंडल अध्यक्ष अरविंद तंवर, उमरबन मंडल अध्यक्ष देवी सिंह चौहान, रेवा शंकर पागणिस आदि मौजूद थे।

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Irrfan Khan Final Film Capturing; Homi Adajania | Angrezi Medium | एक्टिंग को स्पिरिचुअल एक्सपीरियंस मानते थे इरफान: ‘अंग्रेजी मीडियम’ की शूटिंग से पहले डायरेक्टर से कहा था- ‘एक्टिंग के अलावा मेरे पास कुछ नहीं है’

15 मिनट पहले

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बॉलीवुड एक्टर इरफान खान का अप्रैल 2020 में निधन हो गया था। वो न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर से पीड़ित थे। इरफान की आखिरी फिल्म डायरेक्टर होमी अदजानिया की ‘अंग्रेजी मीडियम’ थी।

हालिया इंटरव्यू में होमी ने इरफान के उस फैसले पर बात की जिसमें एक्टर ने कीमोथैरपी के साथ-साथ फिल्म शूट करने की बात कही थी। इसके साथ ही उन्होंने फिल्म की शूटिंग से जुड़ी अच्छी यादें भी शेयर कीं।

फिल्म के सेट पर इरफान से डिस्कस करते डायरेक्टर होमी।

फिल्म के सेट पर इरफान से डिस्कस करते डायरेक्टर होमी।

इरफान बोले- ‘एक्टिंग के अलावा मेरे पास कुछ नहीं’
साइरस भरुचा को दिए एक इंटरव्यू में होमी ने बताया कि फिल्म पर काम करते वक्त इरफान की हेल्थ काफी डाउन थी पर वो अपने कमिटमेंट को लेकर मोटिवेटेड रहते थे।

होमी ने कहा, ‘जब हम शूट कर रहे थे तब सेट पर सभी को पता था कि इरफान को कैंसर है। मैंने भी शूटिंग शुरू होने से पहले इरफान से पूछा था कि वो इस हाल में भी शूट क्यों करना चाहते हैं?

इरफान ने कहा, ‘अगर मैं एक्टिंग नहीं करूंगा तो मेरे पास करने के लिए और कुछ भी नहीं है। मेरे लिए यह एक स्पिरिचुअल एक्सपीरियंस की तरह है। यह मुझे खुश रखती है।’

मेकर्स ने इरफान के लिए सेट का माहौल लाइट रखा था। इरफान अक्सर सेट पर क्रिकेट खेलते और पतंग उड़ाते थे।

मेकर्स ने इरफान के लिए सेट का माहौल लाइट रखा था। इरफान अक्सर सेट पर क्रिकेट खेलते और पतंग उड़ाते थे।

‘हमने इरफान और सुतापा के साथ अच्छा वक्त बिताया’
हाेमी ने इंटरव्यू में यह भी बताया कि कैसे उन्होंने और उनकी टीम ने इस फिल्म की शूटिंग के दौरान सेट पर इरफान के लिए खुशनुमा माहौल बनाए रखा। होमी ने कहा, ‘मुझे याद है कि उनकी तबियत कुछ ज्यादा खराब हो गई थी पर उन्होंने अक्टूबर में मुझे बुलाया और मुझसे कहा कि वो शूट कर सकते हैं। मैंने पूछा- कब? तो उन्होंने जवाब दिया- अगले महीने से।

इसके बाद तो मैं इतना खुश हाे गया कि बता नहीं सकता। हम सभी जानते थे कि यह हमारा साथ में आखिरी सफर हो सकता है। ऐसे में हमारी फिल्म की पूरी टीम ने शूटिंग के दौरान इरफान को खुश रखने पर ही ध्यान दिया। हमने उनके और उनकी वाइफ सुतापा के साथ कमाल का वक्त बिताया।’

फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' में इरफान के अलावा कई और बड़े कलाकार भी नजर आए थे।

फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ में इरफान के अलावा कई और बड़े कलाकार भी नजर आए थे।

2017 में रिलीज हुई ‘हिंदी मीडियम’ का सीक्वल थी
2020 में रिलीज हुई फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’, साल 2017 में रिलीज हुई फिल्म ‘हिंदी मीडियम’ की सीक्वल थी। इरफान को काम के साथ डॉक्टर्स की बेहतर देखभाल मिल सके इसलिए इस फिल्म के ज्यादातर हिस्से की शूटिंग लंदन में की गई थी। फिल्म में इरफान के अलावा करीना कपूर, राधिका मदान, डिंपल कपाड़िया, दीपक डोबरियाल और मनु ऋषि जैसे कलाकार अहम भूमिकाओं में नजर आए थे।

Holi 2024: भोपाल में गोकाष्ठ व कंडों से होलिका दहन कर दिया पर्यावरण बचाने का संदेश

दो हजार से अधिक सार्वजनिक स्थानों पर पूजा-अर्चना के बाद होलिका दहन शुरू हुए, जो देर रात तक जारी रहा।

By Hemant Kumar Upadhyay

Publish Date: Mon, 25 Mar 2024 05:58 AM (IST)

Up to date Date: Mon, 25 Mar 2024 05:58 AM (IST)

Holi 2024: भोपाल में गोकाष्ठ व कंडों से होलिका दहन कर दिया पर्यावरण बचाने का संदेश

HighLights

  1. भोपाल में दो हजार से अधिक स्थानों होलिका दहन हुए
  2. आज धुलेंडी पर उड़ेगा गुलाल, निकलेगा परंपरागत होली चल समारोह
  3. भाईदूज 27 मार्च को मनेगी

भोपाल। होलिका दहन को लेकर रविवार को सुबह से ही शहर में चहल-पहल शुरू हो गई थी। 45 से अधिक स्थानों पर गोकाष्ठ व कंडे खरीदते हुए लोग दिखे। साथ ही गेहूं की बालियां, रंग-गुलाल व बच्चों के लिए शहरवासियों ने छोटे व बड़े बाजारों से पिचकारियां खरीदीं। रात 10:30 बजे होते-होते होलिका दहन करने में जुट गई। रात 10:35 बजे भद्रा का साया समाप्त होने पर अधिकांश स्थानों पर होलिका दहन किया।

दो हजार से अधिक सार्वजनिक स्थानों पर पूजा-अर्चना के बाद होलिका दहन शुरू हुए, जो देर रात तक जारी रहा। गोकाष्ठ व कंडों से होलिका दहन करके शहरवासियों ने पर्यावरण बचाने का संदेश दिया। लोगों ने होलिका की परिक्रमा कर सुख शांति व संतान के दीघार्यु के लिए आशीर्वाद मांगा। ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु राजौरिया व मां चामुंडा दरबार के पुजारी पंडित रामजीवन दुबे ने बताया होलिका दहन पर इस बार छह विशेष योग धन शक्ति,त्रिग्रही,बुधादित्य, रवि, सर्वार्थ सिद्धि व वृद्धि योगों के साथ उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होलिका दहन किया गया। रविवार के दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र की साक्षी में अधिकांश स्थानों पर भद्रा के बाद पूजन किया गया।

कुछ जगहों पर 9:30 बजे के बाद होलिका दहन शुरू हुए

होलिका दहन के साथ रविवार से उत्साह,उमंग और पांच दिवसीय होली उत्सव शुरू हो गया। इस बार होलिका दहन भद्रा होने के चलते रात 10:50 बजे के बाद रात्रि 11:14 से 12:24 बजे तक होलिका दहन शुभ मुहूर्त था। अधिकांश जगहों पर इसी मुहूर्त में होलिका दहन किया गया। कुछ कालोनी व बच्चों द्वारा रात 9:30 बजे के बाद होली का दहन शुरू कर दिया था, लेकिन बड़ी समितियों द्वारा शुभ मुहुर्त में ही होलिका दहन किया गया।

सोमवार को शहर में धुलेंडी की धूम रहेगी। रंगों के इस पर्व पर शहर रंगों से सराबोर नगर आएगा। लोग एक-दूसरे को रंग गुलाल अबीर लगाकर होली की बधाई देंगे। बच्चे भी पिचकारियों से एक दूसरे पर रंग बरसाएंगे। सुबह से शाम तक शहर की सड़कों से लेकर रहवासी कालोनियों में जगह-जगह होली का नजारा देखने को मिलेगा। इस दौरान श्री हिंदू उत्सव समिति पुराने शहर शहर में रंगारंग चल समारोह निकलेगा। ढोल-नागड़े, डीजे की धुन पर थिरके हुरियारे गली-गली रंग बिखेरेंगे। पांच किलोमीटर के इस चल समारोह का जगह-जगह स्वागत किया जाएगा। नए शहर में भी अलग-अलग स्थानों पर आदर्श चुनाव संहिता का पालन करते हुए चल समारोह निकलेंगे।

इन प्रमुख स्थानों पर हुआ होलिका दहन

पुराने शहर के चौक बाजार, सोमवारा, कोलार, भेल, जवाहर चौक जुमेराती, घोड़ा नक्कास, मंगलवारा, इतवारा, शाहजहांनाबाद, भोइपुरा, लालघाटी, सफाखाना, माता मंदिर, होली चौराहा अशोका गार्डन, पीपल चौराहा करोंद, गणेश मंदिर छोला, बस स्टैंड, इब्राहिमगंज, टीला जमालपुरा, रामानंद कालोनी, लालघाटी चौराहा, विजय नगर, गांधी नगर, सफा खाना, न्यू मार्केट रंगमहल चौराहा, जवाहर चौक टीटी नगर, भदभदा चौराहा, चांदबड़-रातीबड़, त्रिलंगा, कोटरा, नेहरू नगर समेत 2000 से अधिक स्थानों पर होलिका दहन हुआ।

होलिका दहन की पौराणिक कथा

पंडित जगदीश शर्मा ने बताया कि हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु का घोर विरोधी था, लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद उतना ही बड़ा विष्णु भक्त था, बेटे की विष्णु भक्ति देखकर हिरण्यकश्यप बहुत ही दुखी और क्रोधित होता था। उसने अपने बेटे को कई बार विष्णु भक्ति से दूर करने का प्रयास किया। लेकिन हर बार श्रीहरि विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गए। यह देखकर हिरण्यकश्यप और भी क्रोधित हो गया। उसने अपनी बहन होलिका को अपने पुत्र प्रह्लाद को जलाकर मारने के लिए कहा होलिका को एक दिव्य चादर प्राप्त थी, जिसको ओढ़ लेने से उस पर आग का प्रभाव नहीं होता था। होलिका हिरण्यकश्यप के आदेश को मानते हुए फाल्गुन पूर्णिमा की रात प्रह्लाद को मारने के लिए तैयार हो गई । होलिका स्वयं वह दिव्य चादर ओढ़ ली और प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठ गई। प्रह्लाद भगवान विष्णु का नाम जपते रहे। श्रीहरि की कृपा से भक्त प्रह्लाद बच गए और होलिका उस आग में जलकर भस्म हो गई। इस तरह से अधर्म पर धर्म की जीत हुई, तब से हर साल फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है।

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Bollywood Holi Get together Fascinating Details; Raj Kapoor Amitabh Bachchan | Karan Johar – Deepika Padukone | किन्नरों के साथ होली मनाते थे राज कपूर: मीरा के भजन से बना- रंग बरसे भीगे चुनर वाली; होली से सिनेमा का रिश्ता 92 साल पुराना

17 मिनट पहलेलेखक: ईफत कुरैशी

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होली का त्योहार फिल्मी गानों के बिना अधूरा रहा है। रंग बरसे भीगे चुनर वाली…, होली के दिन दिल मिल जाते हैं…., अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना…, ये गाने सालों से होली में चार चांद लगाते रहे हैं, लेकिन असल में होली और सिनेमा का रिश्ता 92 साल पुराना है।

सबसे पहले 1932 की फिल्म गुलरू जरीना में पहली बार होली सॉन्ग होरी मुझे खेलने को टेसु मंगा दे दिखाया गया था। हालांकि ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों के दौर में होली के असल रंग नहीं दिखे।

इसकी खानापूर्ति महबूब खान की फिल्म आन से हुई, जिसका गाना खेलो रंग हमारे संग जबरदस्त हिट रहा। होली पर बने मशहूर गाने- रंग बरसे और होली खेले रघुवीरा के बनने की भी दिलचस्प कहानी है। कोई गाना मीरा के भजन से बना, तो कोई गाना हरिवंश राय बच्चन की कलम से निकलीं पक्तियों से सालों बाद गाने में तब्दील किया गया।

फिल्मी गानों के अलावा फिल्म इंडस्ट्री की होली पार्टियों का भी जबरदस्त क्रेज था। शोमैन राज कपूर हर साल होली पर बड़ी पार्टी रखते थे, जिसमें तमाम छोटे-बड़े सितारे शिरकत कर रंगों और भांग से समा बांधा करते थे।

आज होली के खास मौके पर पढ़िए फिल्मी दुनिया से होली के रिश्ते, ट्रेंड, गानों और फिल्मी पार्टियों से जुड़े मजेदार फैक्ट्स-

महबूब खान ने पहली बार पर्दे पर दिखाए होली के रंग

साल 1932 की ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म गुलरू जरीना में पहली बार होली गीत होरी मुझे खेलने को टेसू मंगा दे रखा गया था। इस फिल्म को जे.जे.मदन ने डायरेक्ट किया था। गुलरू जरीना के बाद महबूब खान ने 1940 की फिल्म औरत में होली का गाना जमुना तट पर खेलो होली रखा था। फिल्म में सुरेंद्र, सरदार अख्तर और याकूब अहम किरदारों में थे।

आगे उन्होंने रंगीन फिल्म आन (1952) में होली सॉन्ग खेलो रंग हमारे संग रखा था। दिलीप कुमार और निम्मी पर फिल्माया गया ये गाना जबरदस्त हिट रहा और इसे हर होली पर बजाया जाने लगा।

जब महबूब खान ने 1958 में फिल्म मदर इंडिया बनाई, तो उसमें भी उन्होंने होली सॉन्ग होली आई रे कन्हाई रखा था, जो उस जमाने का सबसे मशहूर होली सॉन्ग बना था।

राज कपूर ने शुरू किया ट्रेंड, निधन के बाद RK स्टूडियो में कभी नहीं मनी होली

60 के दशक में हिंदी सिनेमा में राज कपूर पहले ऐसे सेलिब्रिटी थे, जिन्होंने होली सेलिब्रेशन के लिए आरके स्टूडियो में पार्टी रखनी शुरू की। इनकी पार्टी में दो बड़े कंटेनर में पानी भरकर उनमें हर तरह के रंग मिलाए जाते थे। पार्टी में शामिल होने वाले गेस्ट को सबसे पहले इन कंटेनर में डाला जाता था और रंगने के बाद ही वो अंदर पार्टी में शामिल होते थे। इस पार्टी में उस दौर के हर छोटे-बड़े कलाकार को बुलाया जाता था। कई लोग तो इसे भांग एंड फूड फेस्टिवल तक कहते थे। 1988 में राज कपूर के निधन के बाद आरके स्टूडियो में होली पार्टी का जश्न फिर कभी नहीं मनाया गया।

किन्नरों को सुनाते थे अपकमिंग फिल्मों के गाने

राज कपूर अपनी हर होली पार्टी में किन्नरों को बुलाकर उनके साथ होली का जश्न मनाते थे। राज कपूर, किन्नरों पर इतना भरोसा करते थे कि रंग- गुलाल लगाने के बाद वो उन्हें अपनी अपकमिंग फिल्म के गाने बिना झिझक सुना देते थे। जब उनकी तरफ से हरी झंडी मिलती थी, तब ही फिल्म में वो गाना लिया जाता था।

किन्ररों को पसंद न आए तो फिल्म से हटा देते थे गाना

जब राज कपूर ने एक होली पार्टी में किन्नरों को अपनी अपकमिंग फिल्म राम तेरी गंगा मैली के गाने सुनाए तो एक गाना किन्नरों को पसंद नहीं आया। राज कपूर का उन पर ऐसा अटूट विश्वास था कि उन्होंने तुरंत कंपोजर रविंद्र जैन को बुलाकर इसे बदलने को कहा।

उस गाने के रिप्लेसमेंट में ‘सुन साहिबा सुन’ गाना तैयार किया गया। जब फिर किन्नरों को ये गाना सुनाया गया तो जवाब मिला, ये गाना दशकों तक याद रखा जाएगा। हुआ भी ऐसा ही। सुन साहिबा सुन गाना चार्टबस्टर था, जो आज भी लोगों की जुबान पर है। कंपोजर रविंद्र जैन को इस फिल्म के लिए बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था।

एक नजर राज कपूर की होली पार्टी की 10 यादगार तस्वीरों पर-

आरके स्टूडियो में हुए होली सेलिब्रेशन के दौरान ली गई ऋषि कपूर के बचपन की तस्वीर।

आरके स्टूडियो में हुए होली सेलिब्रेशन के दौरान ली गई ऋषि कपूर के बचपन की तस्वीर।

आरके स्टूडियो की होली में राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया।

आरके स्टूडियो की होली में राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया।

1988 में राज कपूर के निधन के बाद आरके स्टूडियो में होली पार्टी का जश्न फिर कभी नहीं मनाया गया।

1988 में राज कपूर के निधन के बाद आरके स्टूडियो में होली पार्टी का जश्न फिर कभी नहीं मनाया गया।

अमिताभ बच्चन की होली पार्टी में मेहमानों को दी जाती थी भांग

अमिताभ बच्चन भी अपने बंगले में होली की बड़ी पार्टी दिया करते थे। इनके बंगले में मेहमानों को भांग सर्व की जाती है। 2004 में बिग बी के बंगले जलसा में हुई पार्टी खूब सुर्खियों में रही थी, क्योंकि यहां शाहरुख खान और राजनेता अमर सिंह के बीच की सालों से चली आ रही लड़ाई गले मिलकर खत्म हुई थी।

प्रतीक्षा बंगले में पत्नी जया बच्चन को गोद में उठाए हुए अमिताभ बच्चन।

प्रतीक्षा बंगले में पत्नी जया बच्चन को गोद में उठाए हुए अमिताभ बच्चन।

अमिताब बच्चन की पार्टी में हुई शरारत के बाद करण जौहर ने कभी नहीं खेली होली

अमिताभ बच्चन की होली पार्टी ही वो वजह है जिसके डर से पॉपुलर फिल्ममेकर करण जौहर आज भी होली से घबराते हैं। दरअसल 10 साल के करण जौहर अपने पिता हीरू जौहर के साथ बिग बी के घर होली पार्टी में गए थे। करण को बचपन से ही रंग लगवाने से नफरत थी। वो पार्टी में ये बात सबको बताने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही अभिषेक बच्चन ने दोस्तों के साथ शरारत करते हुए करण को रंग से भरे पूल में फेंक दिया। इससे करण इतने सहम गए कि उन्होंने जिंदगी में कभी होली नहीं खेली।

बचपन में अर्जुन कपूर के साथ अभिषेक ने की थी मस्ती

अर्जुन कपूर को हमेशा से ही रंग खेलने में कोई खास दिलचस्पी नहीं है। एक कारण ये भी है कि अर्जुन को रंगों से एलर्जी है। एक बार बचपन में अर्जुन कपूर पिता बोनी कपूर के साथ अमिताभ बच्चन की होली पार्टी में पहुंचे थे। इस पार्टी में अभिषेक बच्चन और किरण खेर के बेटे सिकंदर खेर ने उन्हें रंगों से भरे पूल में धक्का दे दिया था। इसके बाद से ही उन्होंने कभी होली नहीं खेली।

अब पढ़िए- होली के सबसे यादगार गानों के बनने की कहानी-

अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन ने लिखे होली के सबसे यादगार गाने

1981 की फिल्म सिलसिला का गाना रंग बरसे आज भी सुना जाता है। इस गाने के बनने की कहानी काफी दिलचस्प है। दरअसल, ये गाना मीरा के भजन रंग बरसे ओ मीरन से बना है। अमिताभ, बचपन में अपने पिता से ये भजन सुना करते थे और अक्सर खुद भी गुनगुनाया करते थे।

एक बार अमिताभ बच्चन राज कपूर की होली पार्टी में शामिल हुए थे। जब अमिताभ ने ये भजन गुनगुनाया तो यश चोपड़ा की इसमें दिलचस्पी बढ़ी। उन्हें ये भजन इतना पसंद आया कि उन्होंने इसे अपनी फिल्म सिलसिला में इस्तेमाल किया। भजन के लिरिक्स को हरिवंशराय बच्चन ने ही गाने में बदला और अमिताभ बच्चन ने इसे आवाज दी। गाने को रेखा और अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया था।

होली खेले रघुवीरा- गाने के बनने की कहानी

ये गाना भी अमिताभ बच्चन ने अपने पिता हरिवंश राय बच्चन से सुना था। जब फिल्म बागबान बन रही थी, तब फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर आदेश श्रीवास्तव ने अमिताभ बच्चन से किसी होली सॉन्ग का सजेशन मांगा। उन्होंने आदेश श्रीवास्तव को पिता का लिखा गाना होली खेले रघुवीरा सुनाया और बात बन गई।

दोनों ने मिलकर एक रात में लिरिसिस्ट समीर के साथ गाने की पूरी लिरिक्स तैयार कर ली और इसे रिकॉर्ड भी किया। गाने को सुखविंदर, अलका याग्निक, उदित नारायण के साथ अमिताभ ने भी अपनी आवाज दी है।

अंग से अंग लगाना गाने में खुशनुमा माहौल दिखाने के लिए सेट पर होती थी असली पार्टी

डर फिल्म का गाना अंग से अंग लगाना शूट करना भी यश चोपड़ा के लिए चैलेंजिंग था। शूटिंग लोनावला में हुई, जिसे साउथ के पॉपुलर कोरियोग्राफर तरुण कुमार ने कोरियोग्राफ किया था। जब यश चोपड़ा ने डांस रिहर्सल देखी तो उन्होंने कोरियोग्राफर से कहा कि स्टेप्स काफी सीरियस हैं। यश के कहने पर स्टेप्स बदल दिए गए।

गाने की शूटिंग देखने के लिए हनी ईरानी, डिंपल कपाड़िया, यश चोपड़ा की पत्नी पामेला और जूही चावला के कुछ रिश्तेदार भी लोनावला पहुंच गए। सेट पर मस्ती भरा माहौल रखने के लिए सब वर्ड पजल खेलते थे और यश सभी लोगों के लिए मजेदार खाना बनवाते थे, जिससे असल में सेट पर पार्टी का माहौल दिखे।

डू मी अ फेवर गाने की शूटिंग के दौरान लोगों ने देखा चमत्कार

फिल्म वक्त का गाना डू मी अ फेवर अपनी तरह का एक शानदार गाना है। होली थीम पर बना ये गाना खूब बजाया गया और पसंद भी किया गया। इस गाने की शूटिंग के दौरान सेट पर मौजूद लोगों ने चमत्कार देखा। दरअसल विपुल शाह चाहते थे कि उन्हें रंग बरसे गाने की टक्कर का कोई गाना मिले।

म्यूजिक डायरेक्टर अनु मलिक से चर्चा की तो 3 महीने में उन्होंने डू मी अ फेवर गाना तैयार कर विपुल को सुनाया। अनु ने इतने बेहतरीन ढंग से डू मी अ फेवर लेट्स प्ले होली कहा कि विपुल ने उन्हें ही गाने को आवाज देने के लिए इंसिस्ट किया। शूटिंग के दौरान विपुल शाह चाहते थे कि बदली में गाना फिल्माया जाए, लेकिन बारिश ना हो। गाने के लिए सेट तैयार करवाया गया था, जिसमें एक विशाल तालाब भी बनवाया गया था।

गाने की शूटिंग शुरू हुई तो बदली छा गई और जब तक शूटिंग चलती रही बदली कायम रही, जो अमूमन होता नहीं है। जैसे ही गाने की शूटिंग पूरी हुई और डायरेक्टर ने पैक-अप कहा- वैसे ही तेज बारिश शुरू हो गई, जिससे पूरा सेट तबाह हो गया।

बलम पिचकारी गाने की शूटिंग के समय हुआ दीपिका के साथ प्रैंक, गाने में हैं रियल एक्सप्रेशन

नए जमाने में बलम पिचकारी होली थीम का सबसे पसंदीदा गाना माना जाता है। इस गाने की शूटिंग के दौरान डायरेक्टर अयान मुखर्जी और रणबीर कपूर ने दीपिका के साथ प्रैंक किया था। सेट पर रंग से भरा एक पूल तैयार किया गया था, जिसके बारे में सिर्फ अयान और रणबीर को ही पता था।

जैसे ही दीपिका और कल्कि सेट पर तैयार होकर पहुंचीं तो दोनों ने उन्हें उठाकर पूल में फेंक दिया। इस समय कैमरा रोलिंग में था। इस प्रैंक से आए रियल एक्सप्रेशन ही गाने में लिए गए थे।

मॉडर्न सिनेमा आते ही बड़े पर्दे से गायब हुआ होली का त्योहार

90 के दशक तक फिल्मों में होली खूब दिखाई गई। पहले होली के जश्न के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते थे और होली खेलते थे, जिन्हें पर्दे पर उकेरा जाता था, लेकिन बदलते दौर और मॉडर्नाइजेशन के बीच होली की चहल-पहल कम हो गई, जिससे पर्दे पर भी होली महज खानापूर्ति के लिए दिखाई जाने लगी।

Ratlam Information: ढाई हजार रुपये के विवाद में कर दी पत्नी हत्या, शव मां के घर ले जाकर रख दिया

पुलिस के अनुसार प्रारंभिक रूप से यह बात सामने आई है कि 45 वर्षीय आरोपित लक्ष्मीनारायण चावरे निवासी ग्राम बिबड़ौद व उसकी पत्नी 40 वर्षीय चच्चीबाई उर्फ सुगनाबाई के बीच शनिवार-रविवार की दरमियानी रात में किसी बात को लेकर विवाद हो गया।

By Hemant Kumar Upadhyay

Publish Date: Mon, 25 Mar 2024 05:43 AM (IST)

Up to date Date: Mon, 25 Mar 2024 05:43 AM (IST)

Ratlam News: ढाई हजार रुपये के विवाद में कर दी पत्नी हत्या, शव मां के घर ले जाकर रख दिया
आरोपित लक्ष्मीनारायण की मां प्रेमलता के घर के बाहर लगी लोगों की भीड़ और जांच करने पहुंचे एफएसएल अधिकारी अतुल मित्तल व थाना प्रभारी अर्जुन सेमलिया। इनसेट में मृतक

HighLights

  1. पति ने शव दूसरे घर के बरामदे में रखकर अपने घर पर लगा दिया था ताला
  2. दीनदयाल नगर थाना क्षेत्र के ग्राम बिबड़ौद में हुई घटना
  3. पुलिस ने आरोपित को हिरासत में लेने की पुष्टि नहीं की है।

नईदुनिया प्रतिनिधि, रतलाम । दीनदयाल नगर थाना क्षेत्र के ग्राम बिबड़ौद में एक व्यक्ति ने ढाई हजार रुपयों की बात को लेकर पत्नी से विवाद कर उसकी हत्या कर दी। हत्या करने के बाद उसने पत्नी का शव अपने घर से कुछ दूरी पर स्थित मां के घर बरामदे में ले जाकर रख दिया और अपने घर पर ताला लगाकर भाग गया। बाद में पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया, लेकिन पुलिस ने उसे हिरासत में लेने की पुष्टि नहीं की है।

पुलिस के अनुसार प्रारंभिक रूप से यह बात सामने आई है कि 45 वर्षीय आरोपित लक्ष्मीनारायण चावरे निवासी ग्राम बिबड़ौद व उसकी पत्नी 40 वर्षीय चच्चीबाई उर्फ सुगनाबाई के बीच शनिवार-रविवार की दरमियानी रात में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। विवाद के दौरान लक्ष्मीनारायण ने चच्चीबाई के साथ मारपीट कर उसका गला व मुंह दबा दिया। इससे उसकी मौत हो गई।

रविवार सुबह वह पत्नी का शव अपने घर से निकालकर करीब 20 फीट दूर स्थित अपनी मां प्रेमलताबाई के घर के बरामदे में ले गया और चादर ओढ़ाकर शव रख दिया। इसके बाद वह अपने घर के दरवाजे पर ताला लगाकर भाग गया। दोपहर साढ़े बारह से एक बजे के बीच पुलिस को सूचना मिली। थाना प्रभारी अर्जुन सेमलिया, एफएसएल अधिकारी डा. अतुल मित्तल व अन्य अधिकारी, जवान मौके पहुंचे। घटना स्थल की जांच के बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कालेज भिजवाया। थाना प्रभारी अर्जुन सेमलिया ने बताया कि आपसी विवाद में चच्चीबाई की उसके पति लक्ष्मीनारायण ने हत्या की है। लक्ष्मीनारायण की गिरफ्तारी नहीं हुई है, उसकी तलाश की जा रही है।

18 वर्ष से भाई के यहां रह रही थी, 11 माह पहले लेकर आया

लक्ष्मीनारायण आए दिन चच्चीबाई से विवाद करता था। चच्चीबाई करीब 18 वर्ष से अपने भाई चतरपाल बाली निवासी सिलावटों का वास बस्ती के घर पर रह रही थी। करीब 11 माह पहले ही वह चच्चीबाई को वहां से अपने घर लेकर आया था। भतीजे पुखराज बाली ने बताया कि लक्ष्मीनारायण कोई काम नहीं करता था। चच्चीबाई की मां कमलेशबाई नगर निगम में कार्यरत थी। वे अपनी पेंशन चच्चीबाई के नाम कर गई थी। उनका 11 माह पहले निधन हो गया। जब लक्ष्मीनारायण को पता चला कि उसकी सास की पेंशन पत्नी चच्चीबाई को मिल रही है तो वह उसे अपने घर ले आया था।

मां ने कहा रुपयों के लिए मारा

लक्ष्मीनारायण की मां प्रेमलता ने बताया कि लक्ष्मीनारायण ने रविवार सुबह छह से सात बजे के बीच आकर उन्हें बताया कि उसकी पत्नी कुछ बोल नहीं रही है और उठ भी नहीं रही है। वे उनके घर पहुंची और कहा कि उसे पानी पिलाया तो वह पानी भी नहीं पी रही थी। लक्ष्मीनारायण ने उन्हें बताया था कि चच्चीबाई को ढाई हजार रुपये रखने के लिए दिए थे। रात में उसने रुपये वापस मांगे तो चच्चीबाई ने नहीं दिए। रुपयों को लेकर उनके बीच विवाद हुआ और उसने मारपीट की थी। कुछ देर बाद वह शव रखकर ताला लगाकर कहीं चला गया।

फोटो – आरोपित लक्ष्मीनारायण की मां प्रेमलता के घर के बाहर लगी लोगों की भीड़ और जांच करने पहुंचे एफएसएल अधिकारी अतुल मित्तल व थाना प्रभारी अर्जुन सेमलिया।

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    प्रिंट मीडिया में कार्य का 33 वर्ष का अनुभव। डिजिटल मीडिया में पिछले 9 वर्ष से कार्यरत। पूर्व में नवभारत इंदौर और दैनिक जागरण इंदौर में खेल संपादक और नईदुनिया इंदौर में संपादकीय विभाग में अहम जिम्‍मेदारियों का