Mahakal Temple : वीडियो देखिये, महाकाल भस्म आरती में मनी धुलेंडी, पुजारियों ने भक्तों के साथ हर्बल गुलाल से खेली होली
भस्मारती में शामिल होने के लिए देर रात से ही देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल मंदिर पहुंच गए थे।
By Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Mon, 25 Mar 2024 05:26 AM (IST)
Up to date Date: Mon, 25 Mar 2024 07:18 AM (IST)

HighLights
- प्रदोषकाल में हुआ होलिका दहन, भस्म आरती में धुलेंडी मनाई गई
- बड़ी संख्या में श्रद्धालु भस्मारती में हुए शामिल
- रविवार को भस्म आरती से होली मनाने की शुरुआत हुई थी
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। Mahakal Temple ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भस्मारती में धुलेंडी मनाई गई। भगवान महाकाल की भस्म आरती में पुजारियों, पुरोहित और भक्तों ने भगवान के साथ हर्बल गुलाल से होली खेली।
#WATCH उज्जैन, मध्य प्रदेश: होली के अवसर पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती की गई। pic.twitter.com/udrroYHxgf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 25, 2024
देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल मंदिर पहुंचे
भस्मारती में शामिल होने के लिए देर रात से ही देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल मंदिर पहुंच गए थे। होली का ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में अलग ही उत्साह देखने को मिलता है।
VIDEO | Holi being celebrated throughout ‘Bhasma Aarti’ on the Mahakaleshwar Temple in #Ujjain, Madhya Pradesh.#Holi
(Full video out there on PTI Movies – https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/TzSipD24HQ
— Press Belief of India (@PTI_News) March 25, 2024
भस्म आरती से होली मनाने की शुरुआत
#WATCH उज्जैन, मध्य प्रदेश: महाकाल वन में होली खेली गई।(24.03) pic.twitter.com/UnKkba1m6G
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 25, 2024
कल तड़के भस्म आरती से होली मनाने की शुरुआत हुई थी। पुजारियाें ने भगवान महाकाल के साथ 51 क्विंटल फूलों से होली खेली।
बाबा श्री महाकाल के आंगन में होलिका दहन..!
प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व में सबसे पहले बाबा #महाकाल के आगंन में होलिका दहन, बाबा जगत का कल्याण करें।#HolikaDahan pic.twitter.com/esMBUCi00r
— Dr Mohan Yadav (Modi Ka Parivar) (@DrMohanYadav51) March 24, 2024
इसके बाद संध्या आरती में भी पुजारियों ने भगवान को गुलाल अर्पित कर होली मनाई। उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर की परंपरा के अनुसार संध्या आरती के बाद पुजारियों ने मंदिर परिसर में बनाई गई होलिका का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन कर दहन किया। देश में सबसे पहले राजा के आंगन में धुलेंडी पर्व मनाया जाता है।


