Holi 2024: पन्ना के प्राणनाथ मंदिर में केसर के रंग, गुलाल और फूलों की पंखुड़‍ियों से भक्तों ने खेली होली

Holi 2024: पन्ना के प्राणनाथ मंदिर में केसर के रंग, गुलाल और फूलों की पंखुड़‍ियों से भक्तों ने खेली होली

Holi 2024: प्रणामी धर्म की आस्था का केंद्र धाम पन्ना के श्री प्राणनाथ जी मंदिर में प्रत्येक त्योहर बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मनाए जाते हैं।

By Prashant Pandey

Publish Date: Mon, 25 Mar 2024 09:01 PM (IST)

Up to date Date: Mon, 25 Mar 2024 09:09 PM (IST)

प्राणनाथ मंदिर पन्ना।

Holi 2024: पन्ना, नईदुनिया प्रतिनिधि। पवित्र नगरी पन्ना के विश्व प्रसिद्ध महामती प्राणनाथ जी मंदिर में सोमवार को पूरे दिन होली के कार्यक्रम चलते रहे जिसमें फाग गायन कर अपने पिया को रहते हुए सैकड़ों श्रद्धालु होली के रंग में रंगे दिखे। चांदी की पिचकारी से केसर के रंग अबीर, गुलाल और फूलों की पंखुड़ियां से होली खेली गई। प्रणामी धर्म की आस्था का केंद्र धाम पन्ना के श्री प्राणनाथ जी मंदिर में प्रत्येक त्योहर बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मनाए जाते हैं।

इन त्योहारों में शिरकत करने जहां देश के कोने-कोने से लोग आते हैं तो वहीं विदेश से भी एनआरआई यहां के त्योहरों का आनंद लेने आते हैं। इस मंदिर में अनेक भाषाओं और वेशभूषा के लोग जब हजारों की संख्या में एकत्रित होते हैं, ये सभी एक ही रंग में रंगे दिखते हैं। प्राणनाथ जी मंदिर में होली का त्योहार मथुरा, वृंदावन की तर्ज पर मनाया जाता है।

केसर व फूल के रंग, शुद्ध गुलाल, फूलों की पंखुड़ियां से सराबोर रहते हैं श्रद्धालु

पन्ना शहर में एक मंदिर ऐसा भी है जहां सुंगधित फूलों व केसर के रंग से होली खेली जाती है। हजारों की संख्या में देश के कोने-कोने से लोग आकर पूरी श्रद्धाभाव से त्योहार मनाते हैं। यहां केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग नहीं होता। सिर्फ फूल के रंग के साथ-साथ शुद्ध गुलाल जिसमें किसी प्रकार का केमिकल नहीं होता। सभी एक ही रंग में रंग जाते हैं, जहां अपने-पराये का कोई भेदभाव नहीं रहता।

naidunia_image

दिन भर चला फागों का गायन

महामती प्राणनाथ जी मंदिर की बात की जाएं तो होलिका दहन के एक दिन पूर्व ही फागों के स्वरलहरी में सुंदरसाथ आत्मविभोर होकर अपने धाम धनी को मनाते हैं। होली जलने के दूसरे दिन दोपहर 12 बजे से फागों का गायन शुरू होता है, जिसमें महिलाएं, पुरुष, बच्चे सभी शामिल रहते हैं। शाम 4 बजे से माहौल बदलता है और वहां उपस्थित हजारों श्रद्धालु श्री जी के रंग में रंगने लगते हैं।

यहां चांदी की पिचकारी में रंग भरकर सभी श्रद्धालु सुंदरसाथ को केसर मिश्रित सुगंधित रंगों के साथ- साथ फूलों की पंखुड़ियों की बरसात कर सराबोर कर देते हैं। यह अनूठी होली शाम 6 बजे तक चलती रहती है। इसके बाद पुनः रात 10 बजे से फागों के स्वरलहरी गायन शुरू होता है, जो पूरी रात चलता है।

देश के कई प्रदेशों व विदेशों से पहुंचे श्रद्धालु

श्री पद्मावतीपुरी धाम पन्ना में जो कि प्रणामी सम्प्रदाय का प्रमुख तीर्थ स्थल है, यहां प्रत्येक त्यौहार में हजारों की संख्या में श्रद्धालु देश के कोने-कोने से आते हैं। होली के त्योहार में भी देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का जमावड़ा पन्ना में विगत एक सप्ताह से शुरू हो गया था।

मथुरा-वृंदावन की तरह यहां होली का त्योहार बड़े ही उत्साह पूर्वक मनाया जाता है। इस मंदिर में जहां केशर के रंग और गुलाल उड़ती है, तो वहीं फूलों की पंखुड़‍ियों की बारिश सभी सुंदरसाथ का मन मोह लेती है। इस बार श्री प्राणनाथ जी मंदिर में होली के उत्सव में शामिल होने गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित नेपाल व अमेरिका से भी श्रद्धालुगण पहुंचे हैं।

  • ABOUT THE AUTHOR

    नईदुनिया डॉट कॉम इंदौर में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ डेस्क पर वरिष्ठ उप-संपादक। पत्रकारिता और जनसंचार में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से बैचलर और विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से मास्टर्स डिग्री। इंदौर में 2014

admin

admin

अपनी टिप्पणी दे

हमारे न्यूज़लेटर के लिए साइन