Jyotiraditya Scindia ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार दोपहर बमोरी विधानसभा क्षेत्र के बमोरी कलां गांव में जनजाति सम्मेलन में चौपाल के बाद सिंधिया ने आदिवासी समुदाय की महिला जानकी सहरिया के घर भोजन किया। भोजन में उन्होंने दाल-बाटी का स्वाद लिया।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Sat, 23 Mar 2024 10:43 PM (IST)
Up to date Date: Sat, 23 Mar 2024 10:43 PM (IST)
HighLights
- केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने आदिवासी महिला के घर चखा दाल-बाटी का स्वाद
- बमोरी विधानसभा क्षेत्र के बमोरी कलां गांव में जनजाति सम्मेलन में हुए थे शामिल
गुना (नवदुनिया प्रतिनिधि)। केंद्रीय मंत्री व गुना संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार दोपहर बमोरी विधानसभा क्षेत्र के बमोरी कलां गांव में जनजाति सम्मेलन में सम्मिलित हुए। यहां वे जनजातीय समुदाय चौपाल में पहुंचे और सदस्यों से बातचीत की। सिंधिया ने कहा कि पृथ्वी के सबसे बड़े संरक्षक आदिवासी भाई-बहन हैं, जिन्होंने सदियों से इस धरती की रक्षा की है। जल, जंगल, जमीन के असली किलेदार आप सब ही हैं।
सिंधिया परिवार और आदिवासी समुदाय के रिश्ते
उन्होंने सिंधिया परिवार और आदिवासी समुदाय के रिश्ते के बारे में भी बताया और अपने पूर्वजों को याद किया। उन्होंने कहा कि जैसे आज मैं आप सबके बीच चौपाल करने आया हूं, वैसे ही मेरे पूर्वज माधौ महाराज आदिवासी समाज के साथ चौपाल किया करते थे। आपके समाज के बच्चों को शिल्पकला का प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई थी, ताकि रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोगी हो। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस को भी कटघरे में खड़ा किया।
भगवान बिरसा मुंडा की जय!
जैसे विशेष मेरे आदिवासी भाई-बहन हैं वैसा ही विशेष आज का जनजातीय चौपाल था जहाँ प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की योजनाओं से खुशहाल मेरे आदिवासी भाई बहनों से मुलाकात कर एक नई ऊर्जा मिली।
उनके सम्मान और उत्थान की अनेक योजनाओं से उनके जीवन में आया… pic.twitter.com/KzQZrWkTMJ
— Jyotiraditya M. Scindia (मोदी का परिवार) (@JM_Scindia) March 23, 2024
दाल-बाटी का स्वाद
सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ अपने नेताओं के नाम पर जयंती मनाती है। नरेन्द्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने भगवान बिरसा मुंडा को सम्मान देते हुए उनकी जयंती मनाई और रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती मनाई। चौपाल के बाद सिंधिया ने आदिवासी समुदाय की महिला जानकी सहरिया के घर भोजन किया। भोजन में उन्होंने दाल-बाटी का स्वाद लिया।