Swachh Survekshan 2023: दुनिया को लुभा रही इंदौर की स्वच्छता, 3 गुना बढ़े पर्यटक, होटलों की संख्या में भी बढ़ोतरी

Swachh Survekshan 2023: दुनिया को लुभा रही इंदौर की स्वच्छता, 3 गुना बढ़े पर्यटक, होटलों की संख्या में भी बढ़ोतरी

Swachh Survekshan 2023: सात बार स्वच्छता में नंबर वन का तमगा हासिल करने वाले इंदौर की स्वच्छता दुनियाभर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। यहां तीन साल में करीब 3 गुना पर्यटकों की संख्या बढ़ी है।

Publish Date: Fri, 12 Jan 2024 12:14 PM (IST)

Up to date Date: Fri, 12 Jan 2024 12:14 PM (IST)

स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण 2023 में इंदौर फिर बना नंबर वन

HighLights

  1. इंदौर की स्वच्छता ने दिए पर्यटन को पंख
  2. तीन साल में तीन गुना बढ़े पर्यटक
  3. होटलों की संख्या में भी अच्‍छी बढ़ोतरी

Swachh Survekshan 2023 नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर का सतत सात बार तमगा पाने वाले इंदौर की छवि वैश्विक पटल पर उभर कर आई है। ऐतिहासिक महत्व वाले इस शहर में पर्यटकों की आवाजाही यूं तो पहले भी ज्यादा थी लेकिन जब से शहर स्वच्छता का सिरमोर बनना शुरू हुआ तब से यहां आने वालों की संख्या में खासा इजाफा हो गया।

अभी तक जिन ऐतिहासिक इमारतों को ही देखने यदा-कदा पर्यटक शहर आते थे वहीं अब यहां की स्वच्छता देखकर, उसे कायम रखने की नीति को समझने और स्वच्छ हुए शहर की खूबसूरती को निहारने के लिए पिछले कुछ वर्षों में पर्यटकों की संख्या बढ़कर तीन गुना हो गई है। यहां आने वाले पर्यटक केवल आम लोग ही नहीं बल्कि देश-विदेश के प्रशासनिक अधिकारी, नेता, सामाजिक संगठन और एजेंसियां भी हैं।

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शहर के महानगर बनाने की घोषणा के बाद तो विकास के पंख ही लग गए और आसपास के शहर भी अब इंदौर से जुड़ने के लिए लालायित हैं। वैसे शहर की ओर पर्यटकों और निवेशकों की बढ़ती रुचि की वजह कई हैं। इंदौर के एक तरफ महाकाल ज्योतिर्लिंग है तो दूसरी तरफ ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग जहां अविस्मरणीय विकास हो रहा है।

उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर बनने के बाद तो लाखों दर्शनार्थी प्रतिदिन आ रहे हैं और ओंकारेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा के अनावरण और वहां हो रहे अद्वितीय विकास ने आकर्षण और भी बढ़ा दिया है।

ऐतिहासिक नगरी मांडू-महेश्वर और धार भी इंदौर होकर ही जाना पड़ता है तो रालामंडल अभयारण्य, रामसर साइट की फेहरिस्त में शामिल हो चुका सिरपुर तालाब, यशवंत सागर प्रवासी परिंदों की दुनिया को करीब से जानने का सबसे बेहतर जरिया है। पर्यटन की नजर से देखें तो यह स्थान पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

तीन गुना बढ़ी पर्यटकों की संख्या

मध्‍य प्रदेश राज्य पर्यटन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि एक वक्त था जब उज्जैन-ओंकारेश्वर दर्शन के लिए लोग इंदौर तो आते थे लेकिन वे शहर में घूमने के लिए ज्यादा रुचि नहीं लेते थे। विगत करीब तीन वर्षों में शहर में घूमने वाले पर्यटकों की संख्या में करीब तीन गुना बढ़त हुई है।

अब जो लोग उज्जैन-ओंकारेश्वर दर्शन करने आ रहे हैं वे इंदौर भी घूम रहे हैं जिसमें स्वच्छता एक बड़ी भूमिका निभाता है। लोग यहां स्वच्छता का मॉडल समझने आ रहे हैं। इनमें केवल भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी शामिल है। ये लोग केवल इंदौर के दार्शनिक स्थल, खानपान के बाजार ही नहीं देख रहे बल्कि उन स्थानों पर भी जाने में रुचि ले रहे हैं जहां जाकर वे स्वच्छता बनाए रखने के कारण का अध्ययन कर सकें।

400 होटल वाला हो गया शहर

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया के अध्यक्ष सुमित सूरी बताते हैं कि एक वक्त था जब शहर में चंद ही होटल हुआ करते थे लेकिन आज शहर में करीब 400 होटल हैं। इसके अलावा शहर में 7 पांच सितारा होटल भी हैं और अभी होटल इंडस्ट्री के कई बड़े नाम यहां पैर जमाने के लिए अपनी आमद दर्ज करा चुके हैं। जल्द ही शहर में चार और होटल शुरू होने जा रहे हैं जो चार या पांच सितारा होंगे।

प्रदेश का एकमात्र इंदौर ऐसा शहर है जहां सर्वाधिक होटल हैं और खानपान के ठिए तो अनगिनत। शहर में होटल की बढ़ती संख्या की वजह यही है कि अब यहां पर्यटक अधिक संख्या में आने और ठहरने लगे हैं। इसमें स्वच्छता एक अहम भूमिका निभाती है क्योंकि हर मेहमान यही कहता है कि उन्हें शहर की स्वच्छता के बारे में जानना और देखना है।

और भी निखरी यहां की सूरत

स्वच्छता केवल सड़कों पर ही नहीं बल्कि खानपान के मशहूर स्थानों पर भी नजर आई। 56 दुकान और सराफा बाजार में स्वच्छता का ध्यान रखा गया और उन्हें इसके लिए पदक भी मिले। शहर के ऐतिहासिक स्थल राजवाड़ा, गोपाल मंदिर, बोलिया सरकार छत्री, लालबाग पैलेस, हरि राव होलकर की छत्री, छत्रीबाग और गांधी हाल का संरक्षण कर उसकी छवि निखारी गई। इसे देखने के लिए भी अब पर्यटक यहां वक्त गुजार रहे हैं।

86 उड़ाने नियमित संचालित

बात अगर उड़ानों की जाए तो 86 उड़ाने नियमित संचालित होती हैं। हवाई मार्ग से जुड़ने के कारण व्यापार-व्यवसाय को तो मानों पंख ही लग गए। रेलवे लाइन भी अब और भी दुरुस्त हो चुकी है। देश के लगभग सभी प्रांतों के लिए यहां से कनेक्टिविटी है। सड़क मार्ग के भी बेहतर होने से यात्री ही नहीं बल्कि माल की आवाजाही भी सुलभ हो गई है। उज्जैन, ओंकारेश्वर, मांडू, महेश्वर के साथ इंदौर में पर्यटन के लिए प्रतिमाह 14 से 15 लाख लोग आते हैं।

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