16 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी
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आज हम कटरीना कैफ और विजय सेतुपति स्टारर फिल्म मैरी क्रिसमस का रिव्यू करेंगे। फिल्म की लेंथ 2 घंटे 24 मिनट है। दैनिक भास्कर ने फिल्म को 5 में से 2.5 स्टार रेटिंग दी है।
फिल्म की कहानी क्या है?
फिल्म की कहानी तब की है, जब मुंबई को बंबई कहा जाता था। कहानी शुरू होती है एल्बर्ट के रोल में दिखे विजय सेतुपति से, जो सात साल बाद अपने घर वापस आया है। उसके मुताबिक वो दुबई में था, लेकिन असलियत कुछ और है। क्रिसमस के मौके पर वो क्लब जाता है, जहां उसकी मुलाकात मारिया के रोल में दिखी कटरीना कैफ से और उसकी बेटी से होती है, जो टेडी बियर लिए बैठी रहती है। मारिया का बॉयफ्रेंड उसे और उसकी बेटी को बिना बताए उन्हें छोड़कर भाग गया है।
हालात ऐसे बनते हैं कि मारिया और एल्बर्ट उस रात करीब आ जाते हैं। उसके बाद मारिया एल्बर्ट को अपने घर लेकर चली जाती है। इसके बाद फिल्म की असल कहानी शुरू होती है, जिसमें कई ट्विस्ट और टर्न के साथ मर्डर मिस्ट्री दिखाई गई है।

फिल्म को सिर्फ हिंदी और तमिल भाषा में रिलीज किया गया है।
स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?
विजय सेतुपति हर एक किरदार में ढलने के लिए मशहूर हैं। यही कारण है कि वो बॉलीवुड फिल्ममेकर की पहली पसंद बन गए हैं। उन्होंने एल्बर्ट के किरदार को शानदार तरीके से बड़े पर्दे पर जिया है और कई जगह वो आपको हंसने पर भी मजबूर कर देंगे।
दूसरी तरफ, कैटरीना कैफ ने भी अपनी एक्टिंग से पर्दे पर छाए रहने की पूरी कोशिश की है। हालांकि, कहीं-कहीं वो एक्सप्रेशन देने से चूक गई हैं। संजय कपूर और विनय पाठक को स्क्रीन स्पेस कम मिला है, लेकिन बावजूद दोनों ने अपना काम जबरदस्त किया है।
डायरेक्शन कैसा है?
फिल्म का डायरेक्शन श्रीराम राघवन ने किया है। उन्हें लीक से हटकर फिल्में देने के लिए जाना जाता है। मगर, इस बार वो उम्मीदों पर खरे उतरने में फेल हो गए। प्रिडिक्टेबल कहानी के साथ बेहद ही साधारण क्लाइमेक्स फिल्म को थोड़ा कमजोर बना दी है।
उन्होंने कहीं-कहीं पर डायरेक्शन से फिल्म को बांधने की कोशिश की है, लेकिन अगले ही पल वो फेल हो गए हैं।

श्रीराम राघवन को बदलापुर, एजेंट विनोद और अंधाधुन जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है।
म्यूजिक कैसा है?
सस्पेंस ड्रामा के हिसाब से फिल्म बैकग्राउंड म्यूजिक काफी अच्छा है। अरिजीत सिंह की आवाज में एक गाना ‘रात अकेली थी’ सुनने में बहुत लगता है।
फिल्म का पॉजिटिव पॉइंटस
विजय सेतुपति की कलाकारी इस फिल्म का सबसे पॉजिटिव पॉइंट है। स्क्रीन स्पेस कम होने के बावजूद संजय कपूर और विनय पाठक ने भी बेहतरीन काम किया है।
फिल्म का निगेटिव पॉइंट
डायरेक्शन में इस बात श्रीराम राघवन चूक गए हैं। 2018 की अंधाधुन के बाद उन्होंने इस फिल्म से वापसी की है। ऐसे में दर्शकों को उनसे बहुत उम्मीदें थीं, मगर वो खरे नहीं उतरे।
दूसरी तरफ, फिल्म के कुछ ऐसे सीन्स हैं, तो कई जगह बेवजह खीचे गए हैं। कुछ सीन्स को और इंटेस बनाया जा सकता था।

विजय सेतुपति की यह दूसरी हिंदी फिल्म है। इससे पहले उन्हें फिल्म जवान में विलेन के रोल में देखा गया था।
फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं?
अगर आपको सस्पेंस ड्रामा फिल्में पसंद हैं तो आप मैरी क्रिसमस के लिए जरूर एक बार थिएटर जा सकते हैं। फिल्म के कुछ-कुछ सीन्स बहुत खास हैं और आपको पुरानी बॉलीवुड फिल्मों की भी याद दिलाएंगे।