Indore Information: आचार संहिता का असर मंडी के कारोबार पर, किसानों को नहीं मिल रहा नकद भुगतान
Indore Information: कई कारोबारियों ने पुराना भुगतान भी रोका, मंडी प्रशासन चुप। किसानों का आरोप- दो-तीन दिन से व्यापारी नकद भुगतान नहीं कर रहे।
By Hemraj Yadav
Publish Date: Tue, 19 Mar 2024 09:03 PM (IST)
Up to date Date: Tue, 19 Mar 2024 09:03 PM (IST)

Indore Information: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। आम चुनाव की आचार संहिता से मंडी में कारोबारी और उपज बेचने आने वाले किसान भी प्रभावित हो रहे हैं। चुनाव की घोषणा होने के बाद से मंडी में नकद भुगतान रुकने लगा है। मंडी में उपज बेचने वाले किसानों को दो लाख रुपये तक की राशि नकद ही देने का प्रविधान प्रशासन ने किया हुआ है। किसान शिकायत कर रहे हैं कि दो-तीन दिन से व्यापारियों ने नकद भुगतान से इन्कार कर दिया है। इस बीच कुछ कारोबारियों पर किसानों का भुगतान रोकने का आरोप लगा है। किसानों के अनुसार मंडी प्रशासन कार्रवाई करने के बजाय खामोश बैठा है।
आयकर के नियमों के अनुसार 20 हजार रुपये से ज्यादा राशि का भुगतान नकद नहीं किया जा सकता। हालांकि किसानों की फसल बेचने के मामले में आयकर के इस नियम से छूट है। बीते वर्षों में विरोध और हंगामे के बाद मंडी में आने वाले किसानों की पहचान पत्र की प्रति लेकर दो लाख रुपये तक नकद भुगतान देने की छूट व्यापारियों की दी गई है। यह व्यवस्था चल रही है। आचार संहिता लगने के बाद व्यापारियों को डर लग रहा है कि वे रुपया लेकर अपने साथ चलेंगे तो पुलिस और निर्वाचन के अधिकारी उनकी जांच करेंगे और रुपया जब्त हो सकता है। इसी के चलते आचार संहिता लगने के बाद व्यापारियों ने नकद रुपया साथ लाना ही बंद कर दिया है।
आचार संहिता के कारण परेशानी
व्यापारियों के अनुसार एक-एक व्यापारी चार-पांच किसानों से माल खरीदता है। ऐसे में उसे पांच-10 लाख रुपये तो नकद रखना ही पड़ते हैं। इतना नकद लेकर आचार संहिता के दौर में चलना परेशानी बढ़ा रहा है। जांच के नाम पर परेशानी और कई मामलों में व्यापारियों से वसूली भी बीते समय में देखी गई है। ऐसे में व्यापारियों ने बैंक खातों से भुगतान का निर्णय लिया है।
व्यापारी चुनाव का बहाना बना रहे
इधर किसान संगठन इसे व्यापारियों की मनमानी बता रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव ने बताया कि पिछले तीन दिनों से मंडी में उपज लेकर आ रहे किसानों को नकद भुगतान नहीं हो पा रहा है। व्यापारी चुनाव का बहाना बना रहे हैं। वैवाहिक सीजन है और गांव में शादी ब्याह के चलते किसानों को पैसों की जरूरत है, लेकिन व्यापारियों का कहना है कि वे नगद भुगतान नहीं कर पाएंगे। इस संबंध में किसान संगठनों ने इंदौर कलेक्टर को भी पत्र लिखकर आग्रह किया है कि नगद भुगतान की व्यवस्था को लागू करें।
व्यापारियों ने पैसा रोका
इस बीच मंडी में किसान शिकायत लेकर पहुंचे हैं कि कुछ व्यापारी उपज खरीदने के बाद सात-आठ दिनों में भी उनका भुगतान नहीं कर रहे हैं। वहीं मंडी के नियमों के अनुसार तुरंत या अधिकतम अगले ही दिन किसानों को उसकी उपज के भुगतान का नियम लागू है। मामले में कुछ किसानों ने सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की है। सूत्रों के अनुसार राजनीतिक प्रभाव रखने वाले बड़े व्यापारी कई दिनों तक किसानों का पैसा रखकर उसका उपयोग कर रहे हैं। इनमें कुछ व्यापारी एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारी भी है। प्रभाव के चलते मंडी प्रशासन शिकायतों पर गौर नहीं कर रहा।
व्यापारियों का दोष नहीं
हर बार आचार संहिता के दौरान जांच के नाम पर व्यापारियों को परेशानी होती है। ऐसे में नकद भुगतान की व्यवस्था प्रभावित होती है। इसमें व्यापारियों का दोष नहीं। – संजय अग्रवाल, अध्यक्ष अनाज व्यापारी संघ
किसान शिकायत करें, हम कार्रवाई करेंगे
व्यापारी आचार संहिता से परेशानी की बात कह रहे हैं। नकद भुगतान चलता रहे, इसलिए हम कलेक्टर को लिख रहे हैं। इस बीच कोशिश हो रही है कि आरटीजीएस से तुरंत भुगतान को भी प्रोत्साहित करें। यदि कोई व्यापारी समय पर भुगतान नहीं कर रहे तो किसान हमें शिकायत करें। हम ऐसे लोगों को नोटिस देकर कार्रवाई करेंगे।
– नरेश परमार, मंडी सचिव


